प्रेगनेंसी का अंतिम महीना

वैसे तो गर्भवती महिला के लिए प्रेगनेंसी के एक एक दिन बहुत ही अहम होता है। लेकिन प्रेगनेंसी का आखिरी महीना बहुत ज्यादा अहम होता है, क्योंकि अब शिशु के जन्म होने का समय नजदीक होता है और किसी भी समय शिशु के जन्म की ख़ुशी आने वाली होती है। ऐसे में गर्भवती महिला को इस दौरान बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि प्रेगनेंसी के आखरी महीने में किसी तरह की परेशानी न हो। क्योंकि इस समय महिला का वजन भी बढ़ा हुआ होता है, महिला के मन में ख़ुशी के साथ डर भी हो सकता है, ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही गर्भवती महिला के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी परेशानी का कारण बन सकती है।

प्रेगनेंसी का आखिरी महीना जरूर रखें इन बातों का ध्यान

गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के आखरी महीने में अपने और शिशु दोनों का अच्छे से ध्यान रखना पड़ता है, ऐसे में इस दौरान और किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

खाने में न करें लापरवाही

वैसे तो प्रेगनेंसी का पूरा समय गर्भवती महिला को खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। लेकिन प्रेगनेंसी के अंतिम चरण में खाने के प्रति बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इस दौरान गर्भवती महिला के स्वस्थ रहने के लिए आहार का ध्यान रखना जरुरी होता है, ताकि पोषण की कमी के कारण डिलीवरी के दौरान महिला को किसी तरह की परेशानी न आए। साथ ही प्रेगनेंसी के अंतिम चरण में शिशु को यदि वजन में कमी जैसी समस्या होती है तो उसे भी पूरा करने में मदद मिलती है। इसीलिए महिला को दिन में तीन बड़े मील लेने की बजाय हर दो घंटे के बाद कुछ हेल्दी खाना चाहिए।

बैग करें पैक

प्रेगनेंसी के नौवें महीने के लगते ही गर्भवती महिला को हॉस्पिटल ले जाने के लिए एक बैग भी तैयार कर लेना चाहिए। ताकि गर्भवती महिला को जब भी हॉस्पिटल जाना पड़े तो कोई भी जरुरी सामान न भूलना पड़े। जिससे डिलीवरी के दौरान कोई परेशानी हो और हॉस्पिटल ले जाने वाले बैग में शिशु के कपडे, सैनिटरी पैड, डाइपर, बच्चे के कपडे, यदि कोई मेडिकल पोलिसी हैं तो उसके कागज़, प्रेगनेंसी रिपोर्ट्स, आइडेंटिटी कार्ड, आदि को संभाल कर रख लेना चाहिए।

यूरिन न रोकें

नौवे महीने में पेट का आकार पूरा बढ़ जाता है जिसके कारण नीचे की तरफ दबाव पड़ने लगता है, और गर्भवती महिला को बार बार यूरिन पास करने की इच्छा हो सकती है। ऐसे में यूरिन को रोकने के कारण पेट में दर्द या गर्भाशय में संकुचन होने की दिक्कत हो सकती है। ऐसे में गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में यूरिन नहीं रोककर रखना चाहिए।

दर्द बढ़ने पर

प्रेगनेंसी में पेट या पीठ में हल्के दर्द का अनुभव होना आम बात होती है। लेकिन यदि गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के आखिरी चरण में इस दर्द का बहुत अधिक अनुभव हो तो ऐसे में यह दर्द लेबर पेन हो सकता है। इसीलिए इस दर्द को अनदेखा न करते हुए जितना जल्दी हो सके डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

प्राइवेट पार्ट का रखें ध्यान

यदि गर्भवती महिला को प्राइवेट पार्ट से यूरिन की तरह सफ़ेद गाढ़ा चिपचिपा पदार्थ, या ब्लड के धब्बे महसूस हो। तो ऐसे में इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह एमनियोटिक बैग के फटने का संकेत हो सकता है। जिसका मतलब यह होता है की डिलीवरी अब जल्द ही होने वाली होती है।

नोर्मल डिलीवरी

ज्यादातर महिलाएं नोर्मल डिलीवरी ही करवाना चाहती है, लेकिन नोर्मल डिलीवरी के चक्कर में गर्भवती महिला को बॉडी पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए क्योंकि इसके कारण परेशानी भी हो सकती है। बस गर्भवती महिला को सैर करनी चाहिए, खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए, तनाव नहीं लेना चाहिए, आदि। क्योंकि इससे गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है और जितना गर्भवती महिला स्वस्थ होती है उतने ही नोर्मल डिलीवरी होने के चांस बढ़ते हैं।

डॉक्टर से संपर्क में रहें

गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए, ताकि डिलीवरी के दौरान किसी भी तरह की समस्या से बचाव करने में मदद मिल सके। साथ ही यदि डॉक्टर की दी गई डेट के बाद भी महिला को डिलीवरी के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं तो इसे भी अनदेखा नहीं करना चाहिए, और डॉक्टर से जाकर मिलना चाहिए।

तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनका ध्यान हर गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में रखना चाहिए। ताकि गर्भवती महिला के साथ गर्भ में पल रहे शिशु को कोई दिक्कत न हो। और स्वस्थ महिला एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सके, और दोनों को डिलीवरी के बाद भी हष्ट पुष्ट रहने में मदद मिल सके।

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