हर महिला के जीवन में प्रेगनेंसी एक बहुत ही क्रूशियल और सेन्सिटिव समय होता है। हर गर्भवती महिला अपने आने वाले बच्चे के लिए बहुत सारे सपने बुनती है और चाहती है के उसका बच्चा बिलकुल तंदरुस्त हो और सवस्थ हो। इसीलिए गर्भावस्था के दौरान हर महिला पौष्टिक आहार को अपने भोजन में शामिल करने की कोशिश करती है।
हमारे घर के बड़े और बुजुर्ग हमे समय समय पर बताते है की हमें क्या खाना है और क्या नहीं खाना है। दरअसल प्रेगनेंसी के दौरान क्या क्या खाना चाहिए यह तो हमें सभी बता देते है। परन्तु क्या नहीं खाना चाहिए इसके बारे में हर किसी की अलग अलग राय होती है, इन्हीं सब बातों को लेकर अक्सर गर्भवती महिलाएं कंफ्यूज रहती है।
तो चलिए आज हम आपको बताएंगे की गर्भावस्था के दौरान कौन कौन सी चीजें खाना हो सकता है नुकसानदायक।
कॉफ़ी चाय और सॉफ्ट ड्रिंक्स :
- कॉफ़ी, चाय और सॉफ्ट ड्रिंक्स यानी कोक, पेप्सी आदि में प्राकृतिक कैफीन पाया जाता है।
- गर्भावस्था के दौरान कैफीन का सेवन करने से बचना चाहिए।
- कैफीन बहुत जल्दी से हमारे शरीर में घुलकर हमारे गर्भाशय में पहुँच जाता है।
- कैफीन की ज्यादा मात्रा लेने से बच्चे का वजन जन्म के समय बहुत कम रह जाता है।
- गर्भावस्था के कैफीन का सेवन करने से डिलीवरी में बच्चे की जान का खतरा भी बढ़ जाता है।
- डॉक्टर के अनुसार भी प्रेगनेंसी के दौरान 2 कप से ज्यादा चाय, कॉफ़ी या सॉफ्ट ड्रिंक नहीं पीनी चाहिए।
कच्चा अंकुरित भोजन :
- वैसे तो कच्ची अंकुरति दाल बीन्स हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है।
- आद्र वातावरण के कारण अंकुरित की गयी दालों और बीन्स में कुछ ऐसे बैक्टीरिया पैदा हो जाते जो पानी से भी साफ़ नहीं होते।
- कच्चे स्प्राउट्स कंटामिनटेड हो सकते है।
- गर्भावस्था में अगर स्प्राउट्स खाने भी तो सिर्फ पकाने ही खाइये।
कच्चे अंडे या हाफ कुक्ड-एग
- कई लोगों को हाफ बॉयल्ड या हाफ कुक्ड अंडे खाना बहुत ही पसंद होता है, परन्तु गर्भावस्था में यह भोजन नुक्सानदायक हो सकता है।
- प्रेगनेंसी में अधपके अंडे खाने से सालमोनेला संक्रमण होने का खतरा बना रहता है।
- इस संक्रमण के होने से गर्भवती महिला की पाचन क्रिया खराब हो सकती है।
शराब या नशीले प्रदार्थ :
- शराब और नशीले प्रदार्थ हर किसी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है।
- गर्भावस्था में शराब के सेवन से बच्चे के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
- शराब और नशीले प्रदार्थो से शिशु के दिमागी और शारीरिक विकास में बांधा आती है।
- प्रेगनेंसी में नशीले प्रदार्थो के सेवन से गर्भपात का खतरा भी बढ़ जाता है।
अपाश्चरीकृत दूध और दूध पनीर :
- प्रेगनेंसी के दौरान अपाश्चरीकृत दूध या उससे बनी चीजों का सेवन हानिकारक हो सकता है।
- अपाश्चर्यकृत दूध में लिस्टेरिया नाम का बैक्टीरिया होता है।
- यह बैक्टीरिया गर्भपात और समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ा देता है।
अधिक पके हुए फल :
- आजकल बाजार में फलों को पकाने के लिए केमिकल्स का प्रयोग किया जाता है।
- प्रेगनेंसी में अधिक पके हुए फल खाने से हार्मफुल केमिकल्स आपके शरीर में पहुंच कर आपको और आपके शिशु को हानि पहुंचा सकते है।
पपीता :
- गर्भावस्था के दौरान अक्सर हमारे घर के लोग भी हमें पपीता खाने से मना करते है।
- कच्चे पपीते में लेटेक्स होता है, लेटेक्स के कारण शुरुआती दिनों में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
- पपीते में पपैन भी मौजूद होता है जो के शिशु के विकास को रोक देता है।
अंगूर :
- अंगूर की तासीर गर्म होती है।
- प्रेगनेंसी के दौरान अंगूर खाने से कभी भी प्रसव होने का डर बना रहता है।
चाइनीज़ फ़ूड :
- चाइनीज़ फ़ूड में मोनो सोडियम ग्लूटामेट शामिल होता है।
- ऍम एस जी के कारण शिशु में शारीरिक कमी देखने को मिल सकती है।
- सोया सॉस में नमक की ज्यादा मात्रा के कारण गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी भी हो सकती है।
अनानास :
- प्रेगनेंसी के दौरान अनानास खाना हो सकता है हानिकारक।
- अनानास में ब्रोमेलिन शामिल होता है।
- ब्रोमेलिन से जल्द प्रसव का खतरा भी बढ़ जाता है।
प्रेगनेंसी के दौरान शुरुआती दिनों में गर्म चीजों को खाना नज़र अंदाज करना चाहिए। इस दौरान अपनी और शिशु की सेहत को ध्यान में रखते हुए बैलेंस्ड और हेल्थी भोजन खाना चाहिए।