प्रेगनेंसी में नाभि
गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान बहुत से बदलाव से गुजरना पड़ता है, और वह बदलाव शारीरिक, मानसिक व् भावनात्मक रूप से हो सकते हैं। शारीरिक बदलाव के न केवल महिला का वजन बढ़ता है बल्कि स्किन पर भी इसके कुछ बदलाव दिखाई देते हैं, जो की शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकते है। साथ ही नाभि के आकार में भी कुछ फ़र्क़ दिखाई देता है, लेकिन इसमें किसी भी तरह के घबराने की बात नहीं होती है बल्कि प्रेगनेंसी के दौरान इस तरह के बदलाव का होना स्वाभाविक बात होती है। तो आइये आज हम आपको प्रेगनेंसी में नाभि में क्या क्या बदलाव दिखाई देते हैं इसके बारे में कुछ शेयर करना चाहते हैं।
प्रेगनेंसी में नाभि के बाहर आने के कारण
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में बहुत से बदलाव देखने को मिलते हैं। वैसे ही जैसे जैसे प्रेगनेंसी के महीने बढ़ते हैं तो नाभि में भी कुछ परिवर्तन महसूस हो सकता है। जैसे की नाभि का बाहर आना, इसका कारण प्रेगनेंसी के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ना व् गर्भाशय में होने वाले परिवर्तन हो सकता है। क्योंकि जैसे जैसे गर्भाशय विकसित होता है, तो महिला का पेट बाहर की और आने लगता है, जिसके कारण नाभि पर भी इसका असर दिखाई दे सकता है। और नाभि बाहर की निकली हुई महसूस हो सकती है।
नाभि गर्भनाल से जुडी हुई होती है, जिसके माध्यम से शिशु तक पोषण पहुंचाया जाता है। कुछ महिलाओं को नाभि में आये इस बदलाव के साथ नाभि में हल्के दर्द का अहसास, खुजली आदि भी महसूस हो सकती है। लेकिन नाभि पर ज्यादा जोर से खुजली आदि नहीं करनी चाहिए, साथ ही नाभि के बाहर आने पर परेशान होने की बात नहीं होती है। क्योंकि शिशु के जन्म के बाद जैसे जैसे शरीर अपने वापिस शेप में आता है वैसे वैसे नाभि भी अपनी शेप में आ जाती है। इसके अलावा नाभि की स्किन के आस भी गर्भवती महिला बदलाव महसूस हो सकता है।
गर्भावस्था में पेट के ऊपर नीचे लाइन होने का क्या मतलब होता है
गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान पेट के ऊपर नाभि के थोड़ा ऊपर से लेकर प्राइवेट पार्ट तक जाती हुई एक सीधी लाइन दिखाई दे सकती है। इस लाइन को लाइनिया निगरा के नाम से जाना जाता है। ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही के आखिर में या तीसरी तिमाही में अच्छे से दिखाई से सकती है, और यह लाइन पहले से ही पेट पर नाभि के ऊपर नीचे होती है। और प्रेगनेंसी के दौरान इस लाइन का स्पष्ट रूप से महसूस होना भी बॉडी में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकता है। साथ ही बॉडी में प्रोजेस्ट्रोन, एस्ट्रोजन हॉर्मोन में होने वाले बदलाव के कारण स्किन में मेलेनिन का उत्पादन बढ़ सकता है। जिसके कारण यह लाइन नाभि के ऊपर नीचे साफ़ दिखाई देने लग सकती है। साथ ही डिलीवरी के बाद यह लाइन अपने आप ही धीरे धीरे खत्म हो जाती है।
प्रेगनेंसी में नाभि के ऊपर नीचे दिखाई देने वाली काली रेखा क्या संकेत देती है
गर्भवती महिला के शरीर में होने वाले बदलाव को लेकर, लक्षणों को देखकर घर के बड़े अंदाजा लगाने लग जाते हैं की लड़का होगा या लड़की। लेकिन यह केवल अंदाज़े का काम ही करता है, यह पूरी तरह से सच हो ऐसा कोई जरुरी नहीं होता है। ऐसे में पेट पर होने वाली इस काली रेखा को देखकर भी गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग के बारे में अंदाजा लगाया जाता है। जैसे की यदि नाभि से होकर जाने वाली रेखा नीचे की तरफ बिल्कुल सीधी जाती है और स्पष्ट रूप से दिखाई देती है तो यह गर्भ में लड़का होने का संकेत होती है, जबकि लाइन के सीधे न होने का मतलब गर्भ में लड़की का होना हो सकता है। ऐसे में यह भी केवल अंदाजा लगाने का तरीका ही है की गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की।
तो यह हैं प्रेगनेंसी के दौरान नाभि में आये बदलाव से जुडी कुछ बातें, तो यदि आप भी प्रेगनेंसी के दौरान नाभि में आये इस बदलाव के कारण परेशान है तो अब आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है, क्योंकि ऊपर दी गई जानकारी से आपको नाभि से जुड़े सवालों का जवाब मिलने में मदद मिलती है।