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आज के समय में महिलाएं में होने वाली परेशानियों की लिस्ट बहुत लम्बी है। मासिक धर्म से लेकर कमर दर्द, थाईराइड और मोटापे की समस्या अधिकतर महिलाओं में ही देखने को मिलती है। पहले के समय में महिलाओं को इतनी परेशानियां नहीं हुआ करती थी लेकिन आज कल के समय में हर दूसरी महिला किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है। जिसका मुख्य कारण अव्यवस्थित जीवन शैली और खान पान की सही देखभाल न करना है।
महिलाओं की इन्ही समस्याओं में से एक समस्या है स्तनों में दर्द। महिलाओं के स्थानों में दर्द होना आजकल आम होता जा रहा है। देश की लगभग 70 % महिलाओं को स्तनों में दर्द की शिकायत रहती है। ये दर्द एक या दोनों स्तनों में हो सकता है। महिलाओं की ब्रैस्ट में पेन होने के बहुत से कारण होते है। जिनमे से एक कारण पीरियड्स से पहले होने वाले हार्मोनल असंतुलन होता है। इस तरह के दर्द को चक्रीय दर्द कहा जाता है।
यह दर्द माहवारी शुरू होने से एक या दो हफ्ते पहले शुरू हो जाता है और माहवारी खत्म होने के बाद ठीक हो जाता है। इसके अलावा स्तनों में दर्द के कुछ गैर-चक्रीय कारण भी होते है, जिनके कारण स्तनों में दर्द रहता है। लेकिन सभी को इन कारणों के बारे में नहीं पता होता। इसीलिए आज हम आपको स्तनों में दर्द के कुछ कारण बताने जा रहे है जिनकी मदद से आप भी इस दर्द के कारणों को पहचान पाएंगी।
स्तनों में दर्द के निम्नलिखित कारण होते है :-
महिलाओं के स्तन में होने वाले दर्द के कारणों को दो हिस्सों में बांटा गया है। जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।
1. चक्रीय दर्द | 2. गैर चक्रीय दर्द |
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चक्रीय दर्द सभी महिलाओं में होता है। यह दर्द मासिक धर्म प्रारंभ होने के पहले होता है। इसे चक्रीय मसतालगिया कहते है। इस दर्द के होने का कारण हॉर्मोन में परिवर्तन होता है। सामान्य तौर पर ये दर्द स्तनों के बाहरी और ऊपरी हिस्से में होता है। ये दर्द सामान्य होता है इसीलिए इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। यह दर्द पीरियड्स शुरू होने के पहले आता है और उनके खत्म होने के साथ ही चला जाता है। | यह दर्द 30 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं में अधिक होता है। इस दर्द के होने पर ऐसा लगता है मानो आपके स्तन में चोट लग गयी हो। इस दर्द में महिलाओं की ब्रेस्ट में दर्द, भारीपन, स्तनों में कोमलता, जकड़न और स्तनों के उत्तकों में जलन आदि का अनुभव होता है। गैर-चक्रीय दर्द के बहुत से कारण होते है ऐसे में किसी निश्चित कारण का पता लगा पाना थोड़ा मुश्किल है। इसीलिए नीचे हम आपको स्तनों में गैर-चक्रीय दर्द के कुछ कारणों के बारे में बता रहे है। |
स्तनों में दर्द के कारण :-
1. हॉर्मोन में परिवर्तन :
मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द होना आम है। चक्र में परिवर्तन होने के कारण अक्सर ऐसे दर्द होते है जिनसे स्तनों में कोमलता भी बनी रहती है। इसके अलावा मीनोपॉज के बाद हॉर्मोन में परिवर्तन के कारण भी स्तनों में दर्द हो सकता है। अत्यधिक तनाव लेने से भी हॉर्मोन में परिवर्तन आने लगते है जिसके कारण भी यह हो सकता है।
2. दवाएं :
बहुत सी महिलाएं गर्भधारण नहीं होने के कारण उपचार की मदद लेती है जिसके लिए वे दवाओं का सेवन करती है। कई बार इन दवाओं की वजह से भी स्तनों में दर्द की शिकायत रहती है। इसके अतिरिक्त गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक सेवन करने या हॉर्मोन को बैलेंस करने की लिए मिलने वाली दवाएं का सेवन करने से भी ब्रैस्ट पेन शुरू होता है। रजोनिवृत्ति के समय उपयोग की जाने वाली एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन थेरेपी भी दर्द का कारण बनती है।
3. स्तनों की संरचना व् उनका आकार :
महिलाओं में गैर चक्रीय दर्द होने का एक कारण स्तनों की संरचना भी होता है। कई बार दुग्ध नलिकाओं और दुग्ध ग्रंथियों में परिवर्तन होता है जिसके कारण स्तनों में अल्सर का विकास होने लगता है। इसके अलावा स्तनों की संरचना अलग होने से छाती के आस-पास मांसपेशियों, छाती के जोड़ो और दिल पर भी दर्द होने की शिकायत रहती है।
4. फैटी एसिड :
हमारे शरीर के भीतर बहुत से तत्व और एसिड पाए जाते है। जो शरीर के स्वास्थ्य के लिए उत्तरदायी होते है। इन्ही में से एक फैटी एसिड जो शरीर की कोशिकाओं में होता है। अगर फैटी एसिड मियाउ असंतुलन हो जाए तो स्तन के हॉर्मोन में प्रवाह में अन्य उत्तकों की संवेदनशीलता प्रभावित होती है जिससे दर्द हो सकता है।
5. कैफीन :
चाय, कॉफ़ी, सोडा, दवाएं और चॉक्लेट जैसी कैफीन युक्त चीजों का अधिक सेवन करने से भी स्तनों में दर्द की शिकायत रहती है। क्योंकि इनमे कैफीन की बहुत मात्रा पाई जाती है जो रक्त वाहिकाओं के फैलाव का कारण बनती है जिससे दर्द और उनकी कोमलता बढ़ती है।
6. सर्जरी :
बहुत सी महिलाएं अपने स्तनों को अच्छा आकार देने के लिए सर्जरी करवाती है लेकिन शायद आप नहीं जानती की आगे चलकर यही सर्जरी आपके ब्रैस्ट में पेन में कारण बन सकती है।
7. ब्रा :
कई बार हम बहुत अधिक टाइट फिटिंग के कपडे पहनते है जिसके कारण हमारे स्तनों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर आप अपने से छोटे साइज की ब्रा पहनती है और उसे पहनने में आपको टाइट लगता है तो हो सकता है आपके स्तन में दर्द का यही कारण हो। क्योंकि ऐसा करने से स्तनों पर दबाब पड़ता है जिससे उनमें दर्द होने लगता है।
8. एक्सरसाइज :
ब्रैस्ट पेन का एक कारण एक्सरसाइज भी होता है। बहुत से स्तनों का आकार बड़ा होता है और जब वे एक्सरसाइज करती है तो उन्हें पूरा सपोर्ट नहीं मिल पाता जिससे दर्द की समस्या उतपन्न हो सकती है। हाल ही में किए एक रिसर्च में पता चला है की तीन में से एक मैराथॉन धावक के स्तनों में दर्द रहता है।
इन बातों का रखें ध्यान :
अगर आपके स्तनों के दर्द का कारण इन्ही में से एक है तो इसके लिए आपको विशेष सावधानियां बरतनी होंगी और साथ कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जिनके बारे में हम नीचे बता रहे है।
1. हमेशा अपने साइज और फिटेड ब्रा ही पहने। जो न तो ज्यादा तंग हो और न हो अधिक ढीली।
2. रोजाना अपनी ब्रा को अच्छे से धोएं ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
3. रात को सोते समय कम्फ़र्टेबल ब्रा पहने।
4. व्यायाम और एक्सरसाइज के दौरान स्पोर्ट्स ब्रा पहनें।
5. अपने आहार में फलों और सब्जियों को शामिल करें।