गर्भपात रोकने के तरीके

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मातृत्व किसी भी महिला के लिए एक खुशनुमा होता है, जिसका अनुभव उसे किसी और रूप में ही बदल देता है, गर्भ में शिशु के आते ही महिला भावनात्मक रूप से उससे जुड़ जाती है, और अपने आने वाले नन्हे मेहमान के लिए तरह तरह के सपने संजोने लग जाती है, और उसका जीवन धीरे धीरे बिलकुल बदल जाता है, लेकिन महिला के लिए गर्भावस्था की राह बिलकुल भी आसान नहीं होती है, ऐसे में महिला को बहुत से शारीरिक परिवर्तन से गुजरना पड़ता है, जैसे की महिला के शरीर में बहुत तेजी से हार्मोनल बदलाव आते है, और साथ ही महिला को स्वास्थ्य सम्बन्धी भी बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन ऐसा जरुरी नहीं होता है।

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की हर महिला के शरीर में एक जैसे बदलाव आएं यह हर महिला की शारीरिक सरंचना पर निर्भर करता है, इसके अलावा कई महिलाओ को इस बात का डर होता है की कहीं उनका गर्भपात न हो जाएँ, या कुछ ऐसी महिलाएं भी होती है जितना पहले भी गर्भपात हो चुका होता है, तो ऐसे में उनको अपनी और अच्छे से केयर करनी पड़ती है, तो आइये आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते है जिनका इस्तेमाल करके आपको गर्भपात के खतरे से बचने में मदद मिलती है, साथ ही आप चाहे तो इस बारे में डॉक्टर से भी राय ले सकते है, इसके अलावा इन टिप्स का भी ध्यान आपको रखना चाहिए।

तनाव न लें:-

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महिला का प्रेगनेंसी में खुश रहना बहुत जरुरी होता है, और इससे माँ और बच्चे दोनों को ही स्वस्थ रहने में मदद मिलती है, लेकिन यदि महिला तनाव लेती है, तो इसके कारण महिला की प्रेगनेंसी पर बहुत बुरा असर पड़ता है, और तनाव के कारण गर्भपात का खतरा भी बना रहता है, इसीलिए इससे निजात पाने के लिए महिला को तनाव नहीं लेना चाहिए।

ज्यादा भागदौड़ न करें:-

गर्भवती महिला को ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी चाहिए, न ही सीढ़ियां चढ़नी चाहिए, चलने में तेजी भी नहीं करनी चाहिए, ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जिससे आपको झटका आदि लगे, क्योंकि इससे आपके पेट पर जोर पड़ता है, जिससे गर्भपात का खतरा बना रहता है।

पेट के बल झुककर या पेट के सहारे पर कोई काम न करें:-

प्रेगनेंसी के समय आपके पेट पर किसी भी तरह का दबाव पड़ने के कारण आपको परेशानी काअनुभव करना पड़ सकता है, इससे बचने के लिए आपको न तो झुककर काम करना चाहिए न ही पेट के बल लगकर कोई काम करना चाहिए, क्योंकि इससे पेट पर दबाव पड़ने के कारण गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुँच सकता है, लोर साथ ही गर्भपात का खतरा भी बना रहता है।

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विटामिन सी का अधिक मात्रा में सेवन न करें:-

विटामिन सी के सेवन से आपको गर्भपात का खतरा बना रहता है इसीलिए आपको प्रेगनेंसी में जितना हो सकें विटामिन सी युक्त आहार का सेवन नहीं करना चाहिए, इसके लिए आपको पपीते, अनानास, कटहल आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए।

गरम तासीर वाली चीजों का सेवन न करें:-

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गर्भपात से बचने के लिए आपको ऐसे आहार का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए जिससे आपको गर्भपात का खतरा बना रहे, इसके लिए आपको बादाम, काजू, किशमिश, इलायची आदि से जितना हो सकें खासकर प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने तक परहेज रखना चाहिए।

सेक्स का परहेज करें:-

प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने किसी भी महिला के लिए बहुत ही नाज़ुक होते है ऐसे में गर्भ गिरने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, ऐसे में आपको सेक्स से भी परहेज रखना चाहिए, हालांकि इस बारे में आप डॉक्टर से भी राय ले सकते है, क्योंकि यदि आप सेक्स करते है तो इसके कारण पेट पर दबाव या गर्भाशय पर चोट लगने के कारण आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

अपने आहार के प्रति लापवाही न करें:-

 

शरीर में यदि पोषक तत्वों की कमी हो, और आपका शरीर कमजोर हो तो इसके कारण भी कई बार आपको गर्भपात का सामना करना पड़ सकता है, इससे बचने के लिए आपको अपने आहार के साथ बिलकुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए, पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए, इससे आपको बहुत फायदा मिलता है।

गाजर का प्रयोग करें:-

जिन महिलाओ को गर्भपात का डर होता है, उनके लिए गाजर और दूध का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है, इसके लिए आप एक गाजर का रस निकाल लें, और उसे एक गिलास दूध में डालकर अच्छे से उबाल लें, और जब तक उबालते रहें जब तक की यह आधा न रह जाएँ, उसके बाद नियमित इसका सेवन करें, इससे आपको गर्भपात को रोकने में मदद मिलेगी।

काले चनो का इस्तेमाल करें:-

गर्भपात की समस्या से बचने के लिए काले चने का काढ़ा नियमित पीने से आपको फायदा मिलता है, साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्वों से आपको फिट रहने में भी मदद मिलती है।

अनार के पत्तो का इस्तेमाल करें:-

अनार के ताजा पत्ते लगभग सौ ग्राम तक लें, और उसके बाद इन्हे पीस कर इनका रस निकाल लें, और इसे एक गिलास पानी में मिलाकर नियमित इसका सेवन करें, और साथ ही जो पीसे हुए पत्ते बचे है उन्हें आप अपने पेडू यानि की पेट के निचले हिस्से पर लगाएं, ऐसा करने से यदि आपको अचानक ब्लीडिंग हो गई है उसे रोकने और गर्भपात से बचाने में मदद मिलती है।

तो ये कुछ कारण हैं जिनकी वजह से आपको गर्भपात की समस्या उत्त्पन्न होती है, इसीलिए इससे बचने के लिए आपको कुछ उपाय उपाय बताएं गए है इसके अलावा जब तक महिला शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार न हो तब तक महिला को प्रेगनेंसी का निर्णय नहीं लेना चाहिए, साथ ही आपको एक अच्छे डॉक्टर का चुनाव भी करना चाहिए और कोई भी परेशानी होने पर आपको उनसे राय जरूर लेनी चाहिए।

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