प्रेगनेंसी में परेशानियां
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बहुत सी महिलाएं शारीरिक रूप से जुडी परेशानियों के कारण तंग होती है, तो कुछ मानसिक रूप से भी परेशान होती है। लेकिन हर गर्भवती महिला को एक ही तरह की समस्या हो ऐसा कोई जरुरी नहीं होता है बल्कि यह हर गर्भवती महिला के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव पर निर्भर करता है। जैसे की कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना करती हैं, लेकिन उसके बाद धीरे धीरे ठीक हो जाती है। जबकि कुछ गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने तक किसी न किसी दिक्कत से जूझती रहती है।
प्रेगनेंसी में होने वाली समस्याएँ
- उल्टी व् जी मिचलाने की समस्या।
- सिर में दर्द व् चक्कर आने की दिक्कत।
- पेट, पीठ, टांगो, कमर, आदि में दर्द का अनुभव रहना।
- जीभ के स्वाद में परिवर्तन के कारण कुछ खाने का मन न करना, या बहुत अधिक भूख लगना।
- थकावट व् कमजोरी का अनुभव होना।
- शरीर के तापमान में परिवर्तन।
- कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान तनाव की समस्या से भी ग्रसित हो सकती है।
- पाचन क्रिया से जुडी परेशानियां, जैसे की कब्ज़ व् गैस की समस्या से परेशान होना।
- बार बार यूरिन आने की समस्या।
- लगातार वजन का बढ़ना।
- अनिंद्रा की समस्या से परेशान रहना।
- सूजन की समस्या से परेशान होना।
गर्भवती महिला को सबसे ज्यादा दिक्कत कौन से महीने में होती है
प्रेगनेंसी के दौरान पूरे नौ महीने का हर एक पल गर्भवती महिला के लिए नए अहसास, नए अनुभव, नए उत्साह, और परेशानी से भरा हुआ होता है। प्रेगनेंसी के हर दिन महिला अपने अंदर एक नए बदलाव का अनुभव कर सकती है। प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में जहां गर्भवती महिला को बहुत सी सावधानियां बरतने के लिए कहा जाता है। ताकि गर्भवती महिला को ब्लीडिंग, गर्भपात जैसी समस्या से बचने में मदद मिल सके। वहीँ प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में महिला को बेहतर खान पान की सलाह दी जाती है ताकि शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर तरीके से हो सके।
प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही में महिला को वजन बढ़ने के कारण होने वाली परेशानी से बचने के लिए सावधानी रखने के लिए कहा जाता है, साथ ही इस दौरान महिला द्वारा बरती गई असावधानी डिलीवरी के दौरान महिला की मुश्किलों को बढ़ा सकती है। ऐसे में किसी एक महीने के बारे में यह कह पाना की प्रेगनेंसी के दौरान इस महीने में महिला को सावधानी सबसे ज्यादा बरतनी चाहिए यह कहना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। और जो महिलाएं बड़ी मुश्किल से प्रेग्नेंट हुई हैं, अधिक उम्र में गर्भवती हुई है, प्रेगनेंसी के दौरान बहुत कॉम्प्लीकेशन्स है ऐसी महिलाओं को तो पूरे नौ महीने के लिए डॉक्टर बेड रेस्ट की सलाह दे सकते है।
ऐसे में यदि प्रेग्नेंट महिला के लिए प्रेगनेंसी के लिए सबसे अहम समय की बात की जाये तो वो समय तब होता है जब महिला गर्भवती होती है, या जान महिला की डिलीवरी का समय पास आता है। क्योंकि यही वो समय हो है जान महिला के मन में सबसे ज्यादा उत्साह और डर होता है, ऐसे में ज्यादा सावधानी की जरुरत होती है, की कहीं कोई गलती न हो जाये। तो यदि आप भी गर्भवती हैं तो प्रेगनेंसी के किसी एक दिन या एक महीने नहीं बल्कि पूरे नौ महीने गर्भवती महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास में भी मदद मिल सके।
तो यह हैं गर्भवती महिला के लिए प्रेगनेंसी का कौन सा समय सबसे मुश्किल भरा होता है, इससे जुड़े कुछ खास टिप्स, तो आप भी यदि गर्भवती है या शिशु को जन्म देने का प्लान कर रही हैं। तो आपको भी इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।