प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए बहुत ही प्यारा लम्हा होता है, लेकिन इसकी भी एक सही उम्र होती है, कम उम्र में माँ बनना और अधिक उम्र में माँ बनना प्रेगनेंसी के होने वाले खतरों को बढ़ाता है, कई महिलायें ऐसी भी होती है जो चालीस के बाद माँ बनने के बारे में सोचती है, ऐसा नहीं है की वो प्रेग्नेंट नहीं होती है, लेकिन ऐसी प्रेगनेंसी किसी जोखिम से कम नहीं होती है, देखा जाए तो प्रेगनेंसी की सही उम्र 25 से 35 साल होती है, इस समय एक स्वस्थ महिला के स्वस्थ शिशु को जन्म देने के चांस सबसे ज्यादा होते है, क्या आपकी भी उम्र बढ़ती जा रही है, और आप अभी माँ बनने के बारे में सोच रहीं हैं, यदि हाँ तो अधिक उम्र में माँ बनने बनने से आपको काउ कौन सी परेशानियां आ सकती है आइये जानते है।
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ब्रैस्ट कैंसर का खतरा रहता है:-
चालीस की उम्र के बाद माँ बनने वाली महिलाओ को ब्रैस्ट कैंसर का खतरा बहुत अधिक होता है, क्योनी इस समय माँ बनने पर शरीर में हार्मोनल बदलाव और भी तेजी से होते है, और यह बात एक अध्यन में भी साफ़ की गई है, सामान्य प्रेगनेंसी की तुलना से ज्यादा खतरा 35 वर्ष की उम्र के बाद माँ बनने पर ब्रैस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
हाई ब्लड प्रैशर की समस्या हो जाती है:-
हाइपरटेंशन का खतरा भी आपको अधिक हो जाता है, क्योंकि इस समय यूरिन में प्रोटीन की मात्रा अधिक तेजी से बढ़ती और उम्र होने के कारण आपको इससे परेशानी का अनुभव हो सकता है, और प्रेगनेंसी के बीस हफ्तों के बाद क्रोनिक हाइपरटेंशन और उसके बाद गेस्टेशनल हाइपरटेंशन के कारण महिला का ब्लड प्रैशर बढ़ा रहता है।
गेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा रहता है:-
अधिक उम्र में प्रेगनेंसी होने के कारण गेस्टेशनल डायबिटीज का भी खतरा रहता है, जिसका असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है, और उसका वजन बढ़ने लगता है, जिसके कारण आपको डिलीवरी के सामने होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, साथ ही शिशु को भी भविष्य में कभी भी शुगर होने की संभावना बढ़ जाती है।
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गर्भपात के चांस ज्यादा होते हैं:-
ज्यादा उम्र होने पर गुणसूत्र में भी असमानता हो जाती है, जिसके कारण गर्भपात के चांस भी बढ़ जाते है, और यह बार अध्यन में भी साफ़ की गई है की चालीस के बाद माँ बनने पर आपकी गर्भपात की आशंका पंद्रह प्रतिशत तक और भी बढ़ जाती है।
डिलीवरी के समय लेना पड़ता है सिजेरियन का सहारा:-
उम्र के अधिक होने पर आपकी नार्मल डिलीवरी के चांस कम और सिजेरियन डिलीवरी के चांस बढ़ जाते है, क्योंकि प्लासेंटा प्रीविया की समस्या बढ़ जाती है, पोर गर्भनाल भी ग्रीवा को ब्लॉक कर देता है, जिसके कारण डिलीवरी के लिए आपको सिजेरियन का सहारा लेना पड़ सकता है।
गर्भ में पल रहे शिशु को भी हो सकती है परेशानी:-
समय से पहले शिशु का जन्म होना, बच्चे का अविकसित पैदा होना, बच्चे का दिमागी रूप से कमजोर होना, डाउन सिंड्रोम की समस्या होना, यदि महिला को शुगर है तो शिशु का वजन बढ़ना और उसे भी शुगर होने के चांस होना, ऐसी कुछ परेशानिया अधिक उम्र में माँ बनने पर आपके शिशु को भी उठानी पड़ सकती है।
तो यदि आप भी माँ बनने का प्लान कर रहीं है तो सही उम्र का भी ध्यान रखें ताकि आपको प्रेगनेंसी में आने वाली कॉम्प्लीकेशन्स से बचाव करने में मदद मिल सकें, और शिशु को होने वाले खतरों से भी आप बचा सकें।