डिलीवरी के बाद एक महीने तक अपना ख्याल ऐसे रखें

डिलीवरी के बाद का समय

जिस तरह गर्भवस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वैसे ही शिशु के जन्म के बाद भी महिला को रिकवर होने में समय लगता है। यदि महिला की डिलीवरी नोर्मल होती है तो फिर भी महिला जल्दी फिट हो जाती है, लेकिन सिजेरियन डिलीवरी होने के बाद महिला को कम से कम तीन से छह महीने लग जाते हैं। ऐसे में महिला को डिलीवरी के बाद शिशु की देखभाल के साथ अपनी देखभाल का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए ताकि कोई भी परेशानी न हो। डिलीवरी के बाद महिला की दिनचर्या, बॉडी, मानसिक रूप से आए बदलाव के कारण कुछ महिलाएं तनाव में भी आ जाती है जो डिलीवरी के बाद उनकी मुश्किलों को बढ़ाने के साथ शिशु की सेहत पर भी बुरा असर डाल सकता है। तो आइये आज हम आपसे इसी विषय में कुछ बातें करने जा रहे हैं जिनका ध्यान डिलीवरी के बाद महिला को जरूर रखना चाहिए।

प्रसव के बाद महिला एक महीने तक अपना ख्याल ऐसे रखें

प्रसव होने के बाद कम से कम एक महीने तक महिला को बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत होती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है की डिलीवरी के बाद केवल शिशु का ही जन्म नहीं होता है बल्कि यह महिला का भी दूसरा जन्म होता है। और महिला का शरीर इस दौरान काफी कमजोर होता है जिसके कारण महिला को डिलीवरी के बाद अपनी सेहत के प्रति ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। तो आइये अब विस्तार से जानते है की डिलीवरी के बाद महिला को कौन कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए।

खाने पीने का ध्यान

पोषक तत्वों से भरपूर खान पान शरीर में एनर्जी को बढ़ाने के साथ जल्दी रिकवर होने में भी मदद करता है। ऐसे में महिला को हर दो से तीन घंटे में कुछ न कुछ हैल्दी जरूर खाना चाहिए जिससे महिला को पर्याप्त एनर्जी मिलने के साथ शिशु के लिए दूध का उत्पादन भी बेहतर तरीके से हो सके। खाने में महिला को सभी पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए, जैसे की दूध व् दूध से बने आहार, ड्राई फ्रूट, हरी सब्जियां व् फल, जूस, सूप, सलाद, आदि। हो सके तो डिलीवरी के बाद क्या क्या खाना चाहिए इसके लिए आप अपने डॉक्टर से भी डाइट चार्ट बनवा सकती है।

नींद

डिलीवरी के बाद एक महीने तक आपका भरपूर नींद लेना भी बहुत जरुरी होता है। क्योंकि भरपूर नींद बॉडी को आराम पहुंचाती है, जिससे जल्दी रिकवर होने में मदद मिलती है, और आप हमेशा फ्रैश और एनर्जी से भरपूर महसूस करती है। शिशु की देखभाल के साथ एक ही बार में भरपूर नींद लेना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन जब भी शिशु सोये उसके साथ सोकर अपनी नींद को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए।

मदद के लिए किसी को रखें साथ

शिशु के जन्म के बाद शरीर में आई कमजोरी के कारण कभी भी आपको दिक्कत होने के चांस होते है, या कभी भी किसी भी चीज की जरुरत पड़ सकती है। ऐसे में अकेले न रहे कम से कम एक महीने तक अपनी मदद के लिए किसी न किसी को अपने पास जरूर रखें।

आराम करें

प्रसव होने के बाद कम से कम एक महीने तक महिला को पूरी तरह से बेड रेस्ट करना चाहिए, क्योंकि जितना महिला बॉडी को रेस्ट देती है उतनी ही जल्दी बॉडी को रिकवर होने में मदद मिलती है। साथ ही एक महीने तक किसी भी तरह का घर का काम करने, भारी सामान उठाने, पेट के बल काम करने, व्यायाम आदि करने से बचना चाहिए क्योंकि डिलीवरी के बाद ऐसे काम करने के कारण आपको परेशानी हो सकती है।

थोड़ा चलें

आराम करने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है की आप सारा दिन बेड पर रहे, डिलीवरी के एक से डेढ़ हफ्ते बाद आप खाना खाने के बाद थोड़ा चले। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है जिससे बॉडी में ऊर्जा का संचार होता है, लेकिन ज्यादा तेजी से वॉक आदि न करें।

तनाव न लें

डिलीवरी के बाद आने वाली शरीर में कमजोरी, शिशु के जन्म के बाद जिम्मेवारी बढ़ने के कारण कई बार महिला तनाव में आ सकती है। लेकिन डिलीवरी के बाद तनाव लेना केवल महिला को ही सेहत सम्बन्धी समस्या से ग्रसित नहीं करता है बल्कि इसके कारण शिशु की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है ऐसे में महिला को चाहिए की वो अपने दिमाग को शांत रखे और धैर्य से काम ले, ताकि कोई भी दिक्कत न हो।

फिटनेस के बारे में न सोचें

कई महिलाएं डिलीवरी एक बाद बढ़ते वजन को लेकर परेशान हो जाती हैं, लेकिन वजन घटाने के बारे में डिलीवरी के कम से कम एक महीने बाद में सोचना चाहिए। क्योंकि शिशु के जन्म के बाद शरीर काफी कमजोर हो जाता है ऐसे में व्यायाम करने से महिला को सेहत सम्बन्धी समस्या होने के साथ शिशु के विकास पर भी असर पड़ सकता है, इसीलिए व्यायाम आदि करने से डिलीवरी के बाद थोड़े समय के लिए परहेज करना चाहिए।

संक्रमण से बचाव

यदि आपकी सिजेरियन डिलीवरी हुई है तो इस दौरान महिला को टाँके लगाए जाते है, कई बार नोर्मल डिलीवरी के दौरान भी महिला को टाँके आते हैं। ऐसे में महिला को टांको की अच्छे से देखभाल करनी चाहिए, क्योंकि यदि टांको की साफ़ सफाई न रखी जाए, या उन पर पानी ज्यादा लगाया जाए तो इसके कारण महिला को संक्रमण के कारण परेशानी का अनुभव करना पड़ सकता है। इसके अलावा टांको की जांच करवाते रहना चाहिए और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाई को नियमित टांको पर लगाना चाहिए ताकि महिला को संक्रमण से बचाव और घाव को जल्दी भरने में मदद मिल सके।

उठने बैठने में सावधानी

केवल खान पान में ही नहीं बल्कि डिलीवरी के बाद महिला को उठने बैठने में भी सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि कई बार अचानक उठने या बैठने के कारण महिला की कमर में दर्द, टांगो में दर्द या अचानक से घाव में दर्द जैसी समस्या हो सकती है। ऐसे में जब भी महिला उठना या बैठना चाहे इसके लिए या तो महिला को किसी चीज का सहारा लेना चाहिए और यदि आप लेटी हुई हैं तो फिर करवट लेकर उठना चाहिए, ऐसे झटका आदि नहीं लगता है और महिला आराम से उठ बैठ सकती है।

शिशु के लिए भी रखे ध्यान

डिलीवरी के बाद महिला अकेली नहीं होती है बल्कि जन्म के बाद भी शिशु कम से कम छह महीने तक अपनी जरूरतों के लिए अपनी माँ पर ही निर्भर करता है। ऐसे में महिला को शिशु के बेहतर विकास के लिए और उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर वो चीज खानी चाहिए जिससे शिशु के बेहतर विकास में मदद मिल सके।

तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनका ध्यान डिलीवरी के बाद महिला को रखना चाहिए, क्योंकि महिला जितनी अच्छे से अपनी केयर करती है उतना ज्यादा महिला को जल्दी फिट होने में मदद मिलती है। साथ ही महिला का जल्दी स्वस्थ होना शिशु के विकास को बढ़ाने में भी मदद करता है।

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