पीरियड्स में ब्लीडिंग

पीरियड्स भी अन्य शारीरिक क्रियाओं की तरह ही होती है, जो महिलाओं को हर महीने अठाइस दिन के चक्र के बाद आती है। यह दो दिन पहले या बाद में भी आ सकती है, कम से कम और ज्यादा से ज्यादा तीन दिन तक महिलाओं को यह होती है। पीरियड्स के दौरान महिला के प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग होती है। कई महिलाएं पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या से परेशान होती है, और महिला को ब्लीडिंग पांच या सात दिन से ज्यादा हो सकती है, ऐसे में इसे अनियमित पीरियड्स कहते है। और महिलाओं को इसे अनदेखा न करते हुए डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए। जहां कुछ महिलाएं पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग से परेशान होती है, वहीँ कुछ महिलाओं को ब्लीडिंग कम होने की परेशानी भी होती है।

पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होने के कारण

पीरियड्स के दौरान ब्लड का कम आना किसी एक कारण की वजह से नहीं होता है, बल्कि इसके कई कारण हो सकते हैं। तो आइये अब जानते हैं की पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होने के क्या कारण होते हैं।

ब्लड में कमी

पीरियड्स के दौरान रक्तस्त्राव में कमी का पहला कारण बॉडी में पर्याप्त मात्रा में खून का न बनना हो सकते हैं। जिसके कारण पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो में कमी आती है।

हार्मोनल इम्बैलेंस

शरीर में हार्मोनल संतुलन होने बहुत जरुरी होता है ताकि शरीर की सभी प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिल सके। लेकिन यदि किसी कारण महिला की बॉडी में हार्मोनल इमबैलेंस की समस्या हो जाती है तो इसके कारण महिला को पीरियड्स के दौरान खून में कमी या अधिकता जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

वजन

जो महिला बहुत अधिक वजन की समस्या से ग्रसित होती है, तो वजन के कारण उनका मासिक चक्र प्रभावित हो सकता है। और मासिक चक्र प्रभावित होने के साथ महिला को पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो में कमी जैसी परेशानी भी सकती है, साथ ही यदि महिला का वजन बहुत कम होता है तो भी महिला को यह परेशानी हो सकती है। क्योंकि कम वजन हो या अधिक वजन हो इसके कारण बॉडी में हार्मोनल इम्बैलेंस हो सकता है जो की मासिक चक्र को प्रभावित कर सकता है।

गलत खान पान

आहार में लारपरवाही, ज्यादा तेलीय, मसालेदार, पोषक तत्वों से रहित आहार का सेवन करने से बॉडी पर नकारात्मक असर पड़ता है जिसके कारण शरीर में होने वाली क्रियाओं पर बुरा असर पड़ सकता है। जिसमे से पीरियड्स भी एक है, ऐसे में गलत खान पान के कारण भी पीरियड्स के दौरान खून के कम प्रवाह की परेशानी हो सकती है।

ब्रेस्टफीडिंग

जो महिलाएं शिशु के जन्म के बाद स्तनपान करवाती है, और उन्हें पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में उन महिलाओं को भी पीरियड्स के समय कम ब्लड फ्लो हो सकता है, और इसमें किसी भी तरह की घबराने की बात नहीं होती है।

स्ट्रेस

स्ट्रेस भी पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो में कमी का एक कारण हो सकता है। क्योंकि तनाव के कारण शरीर पर बुरा असर पड़ता है, और कई बार इसके कारण मासिक चक्र के अनियमित होने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

गर्भनिरोधक गोलियां

जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती है, तो उसका असर भी पीरियड्स पर पड़ सकता है। जिसके कारण महिला को यह समस्या हो सकती है।

उम्र

पीरियड्स के दौरान खून की कमी का एक कारण उम्र भी हो सकता है, क्योंकि जैसे जैसे महिला की उम्र बढ़ती है। और महिला मेनोपॉज़ के करीब पहुँचती है तो हो सकता है की महिला को ब्लड फ्लो में कमी जैसी परेशानी हो।

किसी बिमारी के होने के कारण

यदि महिला किसी गंभीर बिमारी से जूझ रही है, जैसे की थायरॉइड या दवाइयों का सेवन अधिक करती है। तो इसके कारण भी बॉडी में हार्मोनल असंतुलन की समस्या हो सकती है। जिसके कारण महिला को इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण बॉडी में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं जिसके कारण वजन का बढ़ना, चेहरे पर मुहांसे निकलना व् अनचाहे बालों का निकलना, प्रजनन क्षमता में कमी आदि समस्याएं हो सकती है। साथ ही इसके कारण पीरियड्स के दौरान खून में कमी या पीरियड्स न आने जैसी समस्या भी खड़ी हो सकती है।

अधिक व्यायाम

जो लडकियां या महिलाएं बहुत अधिक शारीरिक श्रम करती है, और शारीरिक श्रम अनुसार बॉडी को एनर्जी के लिए आहार नहीं देती है। तो इसके कारण भी महिलाओं को पीरियड्स के दौरान खून में कमी जैसी समस्या हो सकती है।

इन्फेक्शन

यदि महिला किसी तरह की इन्फेक्शन की समस्या से परेशान है, या प्राइवेट पार्ट में किसी तरह का इन्फेक्शन है। तो इसके कारण भी पीरियड्स प्रभावित हो सकते हैं, जिसके कारण महिला को यह परेशानी हो सकती है।

पीरियड्स के दौरान खून की कमी की समस्या से बचने के उपाय

पीरियड्स के दौरान ब्लड फ्लो में कमी महिला के लिए परेशानी का विषय हो सकता है ऐसे में महिला को चाहिए की इसके लिए डॉक्टर से एक बार जांच जरूर करवाए। इसके अलावा इस समस्या से बचने के लिए आज हम भी आपको कुछ आसान उपाय बताने जा रहे हैं, तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की वो उपाय कौन से हैं।

दिनचर्या बनाएं

दिनचर्या को सही बनाकर उस रूटीन का पालन करने से महिला को इस परेशानी से निजात पाने में मदद मिलती है। जैसे की खाने का सही समय, आहार में पोषक तत्वों को भरपूर शामिल करना, भरपूर नींद, भरपूर मात्रा में पानी का सेवन, योगासन व् व्यायाम ( लेकिन अधिक शारीरिक श्रम करने से बचें ) आदि करने से इस परेशानी से निजात पाने में मदद मिलती है।

गर्म तासीर की चीजें

यदि पीरियड्स खुलकर नहीं आते हैं तो पीरियड्स के दौरान ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिससे पीरियड्स को खुलकर आने में मदद मिलती है। जैसे की ड्राई फ्रूट, अदरक और इलायची की चाय, आदि का सेवन करने से पीरियड्स को खुलकर आने में मदद मिलती है।

कच्चा प्याज

नियमित अपने आहार के साथ एक या दो कच्चे प्याज का सेवन करने से भी महिला को पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग के कम होने की परेशानी से निजात पाने में मदद मिलती है।

हींग

एक गिलास पानी में थोड़ी सी हींग डालकर अच्छे से उबाल लें, उसके बाद पानी के आधा रहने के बाद इसका सेवन करें, ऐसा करने से भी मासिक धर्म को खुलकर आने में मदद मिलती है।

दालचीनी

दालचीनी को पीसकर पाउडर के रूप में तैयार कर लें, और नियमित दो से तीन ग्राम दालचीनी पाउडर को एक गिलास पानी के साथ लें, इस उपाय को थोड़े दिन करने से मासिक धर्म को सही होने में मदद मिलती है।

तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से पीरियड्स के दौरान खून कम आता है, साथ ही पीरियड्स के दौरान खून कम आने की समस्या से बचने के कुछ उपाय। ऐसे में यदि आपको केवल ब्लीडिंग का दाग लगता है और ब्लीडिंग खुलकर नहीं आती है, तो हो सकता है की आप गर्भवती हो। इसके लिए आपको एक बार डॉक्टर से जांच जरूर करवानी चाहिए।

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