गर्भावस्था में पीठ का दर्द
बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को बहुत से शारीरिक बदलाव से गुजरना पड़ता है। बदलाव होने के साथ बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना भी गर्भवती महिला को करना पड़ सकता है। जैसे की पीठ में दर्द, पीठ में दर्द प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में गर्भाशय के आकार में बढ़ने के कारण, वहीँ जैसे जैसे गर्भवती महिला का वजन बढ़ता है तो पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव होने के कारण भी इस दर्द का अहसास हो सकता है। डिलीवरी के समय के पास आने पर पीठ में अधिक दर्द का होना डिलीवरी होने का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में इसका ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है।
प्रेगनेंसी में पीठ में दर्द के कारण
- गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने के कारण मांसपेशियों में खिंचाव होता है जिसके कारण पीठ में दर्द का अनुभव हो सकता है।
- सही पोजीशन में न सोने, उठने, बैठने के कारण भी पीठ में दर्द की परेशानी का सामना गर्भवती महिला को करना पड़ सकता है।
- गर्भाशय के आकार के बढ़ने के कारण भी मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है जिसके कारण गर्भवती महिला को पीठ में दर्द का अनुभव करना पड़ सकता है।
- तनाव के कारण भी गर्भवती महिला को पीठ में दर्द या ऐंठन का अहसास हो सकता है।
गर्भावस्था में पीठ में दर्द से राहत पाने के टिप्स
प्रेगनेंसी में होने वाली पीठ की दर्द की समस्या के कारण अधिक परेशानी हो सकती है। ऐसे में जितना हो सके गर्भवती महिला को इससे निजात पाने के लिए कुछ खास टिप्स का इस्तेमाल करना चाहिए, तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी में पीठ में दर्द की समस्या से बचने के लिए आप क्या कर सकते हैं।
मसाज
रात को सोने से पहले गुनगुने तेल का इस्तेमाल करके हल्के हाथों से मसाज करें, साथ ही एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स पर हल्की मसाज करनी चाहिए। ऐसा करने से गर्भवती महिला को पीठ में दर्द की समस्या से निजात पाने में मदद मिलती है।
योगासन
गर्भवती महिला यदि नियमित सुबह या शाम को थोड़ी देर योगासन करती है, तो इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है। साथ ही मांसपेशियों में लचीलापन आता है जिससे प्रेगनेंसी में होने वाली पीठ के दर्द की समस्या से राहत मिलने में फायदा होता है।
भारी सामान
भारी सामान को प्रेगनेंसी में न उठाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि प्रेगनेंसी में भारी सामान उठाने के कारण पीठ में दर्द के साथ गर्भ में शिशु को भी समस्या ही सकती है। ऐसे में गर्भवती महिला को पीठ दर्द से बचाव के लिए भारी सामान को नहीं उठाना चाहिए।
तंग कपडे
तंग कपड़ो को पहनने से भी ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ता है, साथ ही इसके कारण मांसपेशियों में भी खिंचाव हो सकता है। जिसके कारण पीठ में दर्द की समस्या बढ़ सकती है, इसीलिए प्रेग्नेंट महिला को पीठ की दर्द की समस्या से बचे रहने के लिए तंग कपडे नहीं पहनने चाहिए।
सोने की जगह व् तरीका
गर्भवती महिला के सोने का स्थान ऊँचा नीचा नहीं होना चाहिए, क्योंकि ऐसी जगह पर सोने के कारण भी गर्भवती महिला को पीठ में दर्द का अनुभव हो सकता है। साथ ही महिला को सीधा होकर, या एक ही पोजीशन में बहुत देर तक नहीं सोना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से भी महिला को पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है।
उठने बैठने का तरीका
एक ही पोजीशन में बहुत देर तक बैठे रहने के कारण भी महिला की पीठ की मांसपेशियों में अकड़न हो सकती है, जिसके कारण पीठ में दर्द की परेशानी का अनुभव हो सकता है। ऐसे में गर्भवती महिला को उठने बैठने के तरीके का ध्यान रखना चाहिए। और बहुत देर तक एक ही पोजीशन में नहीं बैठे रहना चाहिए। ऐसा करने से भी गर्भवती महिला को पीठ में दर्द की समस्या से बचाव करने में मदद मिलती है। और जब भी कहीं पर बैठना या उठना होता है, तो आराम से और किसी चीज का सहारा लेना चाहिए इससे पीठ में दर्द की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
चप्पल जूते
गर्भवती महिला को ज्यादा ऊँचे जूते चप्पल आदि भी नहीं पहनने चाहिए, क्योंकि ज्यादा ऊँचे जूते चप्पल पहनने के कारण भी गर्भवती महिला को इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
मेटरनिटी बेल्ट
मेटरनिटी बेल्ट का इस्तेमाल करने से भी गर्भवती महिला को पीठ में दर्द की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है। क्योंकि यह बेल्ट पेट के बड़े हुए भार को संभाल लेती है जिससे पीठ के दर्द से राहत पाने में मदद मिलती है।
सहारा लेकर बैठें
पीठ के दर्द की समस्या से बचे रहने के लिए और आराम पाने के लिए गर्भवती महिला को बैठते समय सहारा लेकर बैठना चाहिए और सहारा लेने के लिए पीठ के पास तकिया रख सकते है। इस टिप्स का इस्तेमाल करने से भी पीठ के दर्द से आराम मिलता है।
तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनका इस्तेमाल करने से प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली पीठ के दर्द की समस्या से निजात पाने में मदद मिलती है। तो यदि आप भी गर्भवती है और पीठ के दर्द से परेशान हैं तो आप भी इन आसान टिप्स का इस्तेमाल करके आसानी से इस परेशानी से निजात पा सकती है।