शिशु को महसूस माँ केवल तभी नहीं करती है जब जो जन्म लेता है, बल्कि वो गर्भ में होने का अहसास भी अपनी माँ को करवाता है, और जैसे ही किसी महिला को पता चलता है की वो माँ बनने वाली है, तभी से वो अपने शिशु से भावनात्मक रूप से जुड़ जाती है, और महिला अपने बच्चे के साथ हर किसी से नौ महीने ज्यादा समय बिताती है, शुरुआत के तीन से चार महीनो में शिशु की केवल धड़कन ही सुनाई देती है, और वो भी डॉक्टर्स अपनी मशीन से आपको सुनाते है, लेकिन उसके बाद धीरे धीरे शिशु के अंगो का विकास होने लगता है, हाथ, पैर, आँखे, और सभी अंग भी पांच महीने में पूरी तरह से विकसित हो जाते है, और उसके बाद बच्चा घूमता है, अपने हाथ पैर मारता है, तो महिला को उसका आभास होता है।
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बच्चा केवल यही नहीं बल्कि गर्भ में हिचकी लेना, अंगूठा चूसना, आँखे खोलना, यहां तक की बच्चा आप क्या बोलते है, उसे सुनता भी है, और जैसे ही कई बार वो तेज आवाज़ सुनता है तो चौंक भी जाता है, इसीलिए तो कहा जाता है की गर्भ में शिशु से बातें करनी चाहिए ताकि उनपर अच्छा असर पड़े और शिशु बुद्धिमान हो, इसके अलावा बच्चा लाइट की रौशनी को भी महसूस कर सकता है, आदि भी करता है, लेकिन वो आपको दिखाई नहीं देती है, क्या आप भी माँ बनने वाली है? और जानना चाहती है की गर्भ में शिशु कौन सी हरकते करता है, तो आज हम आपको इसी बारे में कुछ बातें बताना चाहते है, तो लीजिये विस्तार से जानते है की गर्भ में शिशु कौन कौन सी हरकत करता है।
बच्चा मुड़ने और चौंकने लगता है:-
बच्चे गर्भ के अंदर क्या करते है इस बात को जानने के लिए माँ हमेशा उत्सुक रहती है, तो लगभग सात से आठ सप्ताह का बच्चा गर्भ में सामान्य हरकते करना शुरू कर देता है, जैसे की वो मुड़ने लग जाता है, और चौंकने लगता है।
बच्चा हिचकी लेता है:-
नौ सप्ताह तक आते आते बच्चा गर्भ में हिचकी लेना शुरू कर देता है, इसके साथ बच्चा चूसने और निगलने भी लग जाता है, साथ ही अपने हाथ पाँव भी हिलाने लग जाता है, परन्तु अभी ये हरकते वो इतनी तेजी से नहीं करता है की गर्भ में आप उसे महसूस कर सकें लेकिन धीरे धीरे जैसे बच्चा गर्भ में बढ़ता है, वैसे वैसे आप उसे महसूस भी कर पाते है।
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अपने चेहरे से सम्बंधित हरकते करता है:-
दसवें हफ्ते में बच्चा अपने सर को घुमाने लगता है, साथ ही वो अपना जबड़ा भी खोल लेता है, साथ ही अपने चेहरे को छूने के लिए हाथ भी बढ़ाने की कोशिश करता है, और अंगड़ाई भी लेनी शुरू कर देता है।
बच्चा आपकी बातें भी सुनता है:-
बच्चे का मानसिक रूप से विकास गर्भ में ही शुरू हो जाता है, साथ ही बच्चे की सुनने की शक्ति भी बढ़ जाती है, आप जो भी बच्चे को कहते है उसे सुनाई देता है, इसीलिए बच्चे को अच्छे अच्छे श्लोक कहानियां आदि सुनानी चाहिए, ताकि उस पर अच्छा असर पड़े और जब भी आप शोर या तेज आवाज़ के पास जाते है, तो वो घबरा भी जाता है, इसीलिए ऐसे समय पर बच्चे को ज्यादा शोर आदि से दूर रखना चाहिए, और यदि आप बच्चे को अच्छी अच्छी चीजे बताते है तो उसका मानसिक विकास होने में भी मदद मिलती है।
बच्चा मुस्कुराने लगता है:-
आपको जानकर हैरानी होगी की गर्भ में भी आपका बच्चा मुस्कुराता है, और यह हरकत बच्चा चौबीसवें हफ्ते तक आते तक शुरू कर देता है, साथ ही आप उसके घूमने को भी ज्यादा महसूस करने लगते है।
बच्चा घूमने लगता है:-
जैसे जैसे बच्चा पांच महीने का होता है, तो वो अच्छे से घूमने लगता है, और सबसे अच्छी बात तो यह होती है की आप इसे महसूस भी कर सकते है, साथ ही बच्चा कई बार लाते भी मारता है, और ऐसा आपको ज्यादातर सुबह और और शाम के समय आप महसूस कर सकते है, इसके साथ जैसे जैसे महिला डिलीवरी के पास आती है वैसे वैसे बच्चे की हरकते और भी अच्छे से पता चलती है।
तो ये है कुछ अनमोल पल जो शिशु गर्भ में बिताता है, और अपने होने का अनुभव अपनी माँ को करवाता रहता है, इसके साथ यदि आप चाहते है की आपका शिशु स्वस्थ और बुद्धिमान, हो तो आपको अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान देना चाहिए क्योंकि गर्भ में पल रहा शिशु पूरी तरह से अपनी माँ पर ही निर्भर करता है, यदि आप अपना ध्यान अच्छे से रखती है, तो इससे आपके शिशु पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
सुरुचि जी अपने गर्भवती महिलायों के लिए बहुत ही अच्छी जानकारी दी है| Pregnancy के दौरान बहुत तरह के सवाल गर्भवती महिलायों के जहन में आते हैं| आप की दी हुई जानकारी उनके बहुत से शंकायौं को दूर करने में मदद करेगी|