सफेद दाग क्या है? What is Leucoderma
इस रोग में शरीर की त्वचा का रंग बदलकर सफ़ेद हो जाता है। इसे “सफ़ेद कुष्ठ” और “सफ़ेद कोढ़” के नाम से भी जाना जाता है। यह देखने में बहुत खराब लगता है और आसानी से लोगो की नजर में आ जाता है। लोग इस दाग को ही घूरने लग जाते हैं। यह दाग धीरे धीरे बढ़ता जाता है और कई बार तो पूरे शरीर में हो जाता है। यह हाथ, पैर, चेहरे, ओंठो, कान, गले सभी जगह फ़ैल जाता है। मेलेनिन वाली द्रव्य की वजह से इस रोग में त्वचा का रंग सफ़ेद हो जाता है।
कभी कभी दाग एक जगह रुक जाते है, पर कभी कभी फैलकर बड़े हो जाते है और पूरे शरीर में फ़ैल सकते हैं। यह रोग संक्रामक नही होता है और इसमें किसी तरह का दर्द नही होता है। इसे अंग्रेजी में Vitiligo कहा जाता है।
कैसे इसे टेस्ट करते है? How to test Leucoderma
रोगी के दाग को डॉक्टर ऊँगली से पकड़कर उपर उठाकर उसने सूई चुभोता है। अगर उसमे खून आ जाये तो रोग साध्य (चिकित्सा लायक) होता है। पर यदि दाग में पानी जैसा पदार्थ निकले तो यह असाध्य होता है, यानी इसका इलाज सम्भव नही है। इसे डॉक्टर ही टेस्ट करके बताते हैं। सफ़ेद दाग होने की शुरुवात में ही डॉक्टर को दिखा देना चाहिये।
सफेद दाग होने के कारण- Reasons of Leucoderma
- ब्लीचिंग का अधिक इस्तेमाल करने से यह हो सकता है
- जादा रसायनों chemicals के सम्पर्क मे रहने से हो सकता है
- प्रकृति विरुद्ध खाना खाने से हो सकता है। जैसे मांसाहार के बाद दूध पीने से, नीबू- घी, घी- दही, बासी भोजन, सड़ा- कीटाणुओं वाला भोजन करने से
- शरीर में मेलेनिन नामक द्रव्य का अधिक मात्रा में बनना
- कैंसर के मरीजो को कीमोथेरेपी के बाद यह हो सकता है
- खराब क्वालिटी की चप्पल, जूते पहनने से हो सकता है
- एंटीबायोटिक दवाओं और दूसरी दवाओं के अधिक प्रयोग से
- खराब क्वालिटी की बिंदी लगाने से सफ़ेद दाग स्त्रियों में हो सकता है
- शरीर में खून खराब, अशुद्ध होने के कारण
- तनाव, अवसाद, मानसिक चिंता करने से
- शरीर में कैल्शियम कम होने से
- सूरज की रोशनी में अधिक देर तक रहने से
- आनुवंशिक रूप से (जेनेटिक डिसआर्डर)
- विटामिन B 2 की कमी से
सबसे पहले कहाँ शुरू होता है सफेद दाग- Where it starts first
यह सबसे पहले ओंठो, हाथ, पैर में शुरू होता है। धीरे धीरे पूरे शरीर में फ़ैल जाता है।
सफेद दाग में क्या खाना चाहिये- Food to eat in Leucoderma
- भोजन करने के बाद छाछ या गाजर का रस पीना चाहिये
- पेट में कीड़े की जांच करवानी चाहिये
- बाजरा, ज्वार, जौ की रोटी, मूंग, मसूर की दाल खानी चाहिये
- चने की दाल, चले की रोटी रोज खानी चाहिये
- सुबह उठकर भीगे चले और बादाम का सेवन करना चाहिये
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ- लौकी, गाजर, करेला, तरोई खानी चाहिये
सफेद दाग में क्या नही खाना चाहिये- Precautions in Leucoderma
- मांसाहार का सेवन नही करना चाहिये
- तम्बाकू का सेवन नही करना चाहिये
- दूध और मांस का एक साथ सेवन नही करना चाहिये। यह प्रकृति विरुद्ध है
- फास्टफूड का सेवन नही करना चाहिये
- मूली के साथ दूध का सेवन नही करना चाहिये
- सफ़ेद दाग के रोगियों को टमाटर नही खाना चाहिये
चेहरे और हाथ के सफेद दाग को ठीक करने के घरेलू नुस्खे- Home remedies to cure Leucoderma
- करेले का सेवन करें
- सफ़ेद दाग में दूध में हल्दी मिलाकर पीना चाहिये। इससे बहुत फायदा होता है
- यह रोग होने पर साबुन नही लगाना चाहिये। दूसरे प्रकार के सौंदर्य उत्पादों से परहेज करना चाहिये
- दूध के साथ मांस या मूली नही खानी चाहिये
- सफ़ेद तिल का सेवन करना चाहिये
- सफ़ेद दाग के रोगियों को सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना चाहिये
- अदरक का पेस्ट बना ले। उसमे 2 चम्मच लाल मिटटी मिलाकर मिलाकर पेस्ट बना लेना चाहिये और सफ़ेद दाग पर लगाना चाहिये। इससे बहुत फायदा होता है। ताजे अदरक को पतले टुकड़े में काटकर दाग पर रखे जब तक उसका पूरा रस सूख न जाये। इस तरह भी प्रयोग कर सकते हैं।
- मूली के बीजो को पीसकर इसका पेस्ट बना लें। उसमे 2 चम्मच विनेगर मिलाकर दाग पर लगाये। 30 मिनट बाद गर्म पानी से धोना है।
- उड़द की दाल को भिगोकर पीस लेना चाहिये। फिर इसका पेस्ट बनाकर दाग पर लगाना चाहिये
- अनार की पत्तियों को सुखाकर चूर्ण बना ले। उसे रोज एक चम्मच खायें।
- सफ़ेद दाग पर नारियल तेल लगाने से भी फायदा होता है
- नीम की पत्ती को पीसकर पेस्ट बना ले। उसमे थोड़ा शहद डाले और अच्छी तरह से मिलाकर सफ़ेद दाग पर लगा लें। सुबह शाम लगाये। इससे लाभ होता है। नियमित तौर पर नीम का रस भी पिया जा सकता है। नीम की पत्तियों को चबाना भी अच्छा विकल्प है।
- तुलसी का तेल दाग पर लगाने से फायदा होता है
- सेब के सिरके के साथ कुछ बूंद पानी मिलाकर दाग पर लगाने से लाभ मिलता है
- लहुसन को पीसकर पेस्ट बना लें। उसने हरड़ को घिसकर मिला दें और दाग पर लगायें।
निष्कर्ष: यह एक ऐसा रोग है जिसमे कोई दर्द तो नही होता है पर शरीर की रंगत और खूबसूरती को ये बिगाड़ देता है। इसलिए इसकी शुरुवात होने पर ही डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिये। लोक लाज के डर से रोगी डॉक्टर से नही मिलता है और सफ़ेद दाग बढ़ता चला जाता है। बहुत से लोगो का मानना होता है कि सफ़ेद दाग छूने से फैलता है, पर ये सोच गलत है। सफ़ेद दाग छूने से नही फैलता है।
आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाकर इसका सफल इलाज किया जा सकता है। आज के लेख में हमने आपको सफ़ेद दाग के बारे में विस्तार से बताया है। हमने आपको कुछ बेहतरीन नुस्खे बताये है जिसे अपनाकर आप अपना रोग दूर कर सकते है। ये लेख आपको कैसा लगा, जरुर बतायें।