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प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए बहुत ही सुखद अहसास होता है, ऐसे में गर्भधारण से लेकर शिशु के जन्म तक महिला बहुत ही उत्साहित रहती है, क्योंकि जब तक शिशु गर्भ में होता है, तब तक माँ जानना चाहती है की शिशु गर्भ में कैसे विकसित हो रहा है, वो कितना बड़ा हो गया है, क्या कर रहा है, कैसा दिखता है, और उसकी क्या पोजीशन है, तो लीजिये आज हम आपको गर्भधारण के पहले सप्ताह से लेकर शिशु के जन्म तक वो गर्भ में क्या करता है इस बारे में जानेंगे और साथ ही एक सप्ताह से लेकर डिलीवरी तक शिशु गर्भ में क्या करता है, इस बारे में भी बात करेंगे।
पहले हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
सच पूछिए तो आपको पहले हफ्ते में शिशु के गर्भ में होने का पता ही नहीं होता है, और न ही आपको पता होता है की आप प्रेग्नेंट है, लेकिन आपके गर्भाशय में यह प्रक्रिया आपके आखिरी पीरियड के पहले दिन से ही शुरू हो जाती है, चाहे आपकी प्रेगनेंसी 40 सप्ताह लंबी हो, लेकिन आपका शिशु लिए केवल 38 सप्ताह की ही होती है।
दूसरे हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
प्रेगनेंट होने का सबसे अच्छा समय और सबसे ज्यादा गर्भवती होने की सबसे अच्छी संभावना के लिए ओव्यूलेशन पीरियड होता है, यदि आप ओव्यूलेशन पीरियड से एक से दो दिन पहले यौन संबंध बनाते है, तो इस समय में अंडे के निषेचन होने की सम्भावना अधिक होती है।
तीसरे हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
तीसरे हफ्ते में ऐसा हो सकता है की आप प्रेगनेंट हो जाएँ परन्तु ऐसा कोई जरुरी नहीं है की आपको इसका कोई भी लक्षण साफ़ दिखाई दे, लेकिन एक महीने के बाद तेजी से शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण आपको इसका पता चलने लगता है।
चौथे हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
उसके बाद चौथे हफ्ते जब आपको अठाइस दिन के बाद पीरियड्स नहीं आते है तो आप प्रेगनेंसी का टेस्ट कर सकते है, यदि आपका टेस्ट पॉजिटिव आता है, तो आप को कमजोरी, थका हुआ और मूडी होने के साथ और स्तनों में दर्द का सामना भी आपको करना पड़ सकता है, इसके अलावा आपको मतली / उल्टी और पेशाब की भी परेशानी हो सकती है, लेकिन यदि आप गर्भवती नहीं है तो सब कुछ सामान्य होता है।
पांचवे हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय में भ्रूण केवल रेत के एक अनाज के आकार के बारे में होते है, और शिशु का हृदय रक्त को पम्पिंग करना शुरू कर देता है, साथ ही शिशु के अधिकांश अंग विकसित हो गए है, हाथों और पैर की उंगलियां भी दिखती है साथ ही अब आप गर्भावस्था का अनुभव शुरू कर सकते हैं।
छठे हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय आप प्रेगनेंसी को बहुत अच्छे से महसूस कर सकते है क्योंकि आपके बॉडी में इसके लक्षण साफ़ दिखाई देते है, साथ ही इस समय महिलाओ को सबसे ज्यादा घबराहट भी होती है, क्योंकि इस समय में गर्भपात के चांस सबसे ज्यादा होते है, इसीलिए अपनी दुगुनी केयर करनी चाहिए।
सातवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय भ्रूण आकार में डबल हो गया है, लेकिन अब तक भी वो एक आधे इंच से कम है साथ ही इस समय आपके हार्मोन में वृद्धि होने के कारण सुबह होने वाली परेशानी अधिक होने लगती है, और कई महिलाओ को तो पूरा दिन ही कमजोरी का अहसास होता है।
आठवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय पर आपके डॉक्टर बच्चे के दिल की धड़कन को सुन सकते है, और ऐसा अल्ट्रासाउंड के माध्यम से होता है, और वो चाहे तो आपको भी शिशु के दिल की धड़कन को सुना सकते है, और इस समय पर आपके गर्भपात के चांस भी कम हो जाते है, साथ ही इस समय आपकी डॉक्टर आपको बेबी के जन्म के लिए एक डेट भी दे देती है।
नौवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
नौवें हाफे में बच्चे का थोड़ा और विकास होता है, जिसके कारण आपके गर्भाशय का साइज भी बढ़ता है, और आपके मूत्राशय पर आपके बढ़ते गर्भाशय के दबाव के कारण आपको थोड़ी थोड़ी देर में बार बार यूरिन आने लगता है, जिसके कारण महिलाओ को परेशानी हो सकती है, परन्तु इसे ज्यादा देर के लिए रोकना भी नहीं चाहिए,और यूरिन को जरूर पास करना चाहिए।
दसवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय पर आपका भ्रूण एक इंच लम्बा हो जाता है, साथ ही आपका शिशु से भावनात्मक रूप से लगाव होना शुरु हो जाता है, और आपका शिशु स्वस्थ हो इसकी इच्छा भी आपके अंदर जागृत होने लगती है।
ग्याहरवें हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
इस हफ्ते में आपके जीभ का स्वाद बढ़ जाता है, इस समय कई महिलाओ का बर्गर तो कई महिलाओ को चॉक खाने का दिल करता है जो की बिलकुल सच है, और इस समय आपके भ्रूण के लगभग सभी अंग काम भी करना शुरू हो जाते है, साथ ही शिशु के जननांग भी पुरुष या महिला रूप लेना शुरू कर देते है।
बाहरवें हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
इस हफ्ते तक आते आते आपका गर्भाशय सुरक्षात्मक श्रोणि की हड्डियों के बाहर विस्तार करने के लिए शुरू हो जाता है, और साथ ही यह आपकी गर्भावस्था के अंत तक 1000 गुना आकार में बढ़ता ही रहता है, अगर यह आपका पहला बच्चा नहीं है तो आप इस बारे में अच्छे से महसूस कर सकते है।
तेहरवें हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
अब आपकी गर्भावस्था की पहली तिमाही ख़त्म हो जाती है और इसके बाद आपको अपने आहार का ध्यान रखना चाहिए आपको दो व्यक्तियों के लिए खाना है, क्योंकि गर्भ में पल रहा शिशु भी अपने आहार के लिए आप पर निर्भर करता है, और आने वाले चौदह या उससे ज्यादा हफ्तों में उसका वजन कम से कम 12 पौंड तक बढ़ना चाहिए।
चौदह हफ्तों के बाद शिशु का गर्भ में विकास:-
इस समय ऐसा महसूस होता है की आपकी नई ऊर्जा (और सुबह होने वाली परेशानी का अंत) को देखकर आप सोचने लगते है कि आप मैराथन पर ले सकते हैं लेकिन इन बातों का जरूर ध्यान रखें, इस समय भी आपको अपनी केयर अच्छे से केयर करनी चाहिए और व्यायाम करते समय आप इस बात का ध्यान रखें की आप उतना ही व्यायाम करें, जिसमे आपको बात करते करते सांस न चढ़ें।
पंद्रहवे हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
इस हफ्ते में आपको बहुत से टेस्ट करवाने पड़ते है जिसमे आपको शिशु की स्थिति का पता चलता है, जैसे की शिशु का वजन कितना है, शिशु के अंग अच्छे से विकसित हो रहे है, या वो क्या कर रहा है, और आपको इस स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए जरूर जाना चाहिए।
सोहलवें हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
इस हफ्ते में आप बच्चे की हलकी फुलकी मूवमेंट का अनुभव गर्भ में करने लग जाते है, और बाइस हफ्ते तक ऐसे ही शिशु गर्भ में कभी भी घूमता हुआ आपको महसूस होता है।
सत्रहवें हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
प्रेगनेंसी के इस समय तक आते आते आपकी नींद भरपूर नहीं होती है, और आपको अलग अलग बातों के बारे में सोचने लगते है, जैसे ही आपको बच्चे के जन्म को लेकर या आप माता पिता बनने के बाद अच्छे से उसे संभाल पाएंगे इस बात की चिंता पैदा होने लगती है।
अठारवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय में आपके गर्भशय का आहार और भी तेजी से बढ़ता है जिसके कारण आपके मूत्राशय पर तेजी से दबाव पड़ता है, और आपको हर समय बस यूरिन पास करने की तलब ही लगी रहती है।
उन्नीसवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
उन्नीसवें हफ्ते में आते आते आप अच्छा महसूस करने लगती है, अब आप अपने साथी के साथ कुछ अच्छा समय बिता सकती है, यदि आप चाहे तो आप उनके साथ सेक्स सम्बन्ध भी स्थापित कर सकती है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें की आपकी प्रेगनेंसी में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है तो, यदि कोई समस्या है तो इसे नहीं करना चाहिए।
बीसवे हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
लगभग आधा समय आपकी प्रेगनेंसी का बीत चुका है, और आपका गर्भाशय अब नाभि तक पहुँच चुका है ऐसे समय में आपको ऐसा कई बार महसूस होता है की गर्भ में शिशु आपको लात मारने की कोशिश कर रहा है, परन्तु यदि खुद मूवमेंट हो तो अच्छी बात को आपको अपने गर्भाशय के साथ कुछ नहीं करना चाहिए।
इक्कीसवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
अगर आपकी उम्र 35 या उससे ज्यादा है तो इस समय आपको हाई ब्लड प्रैशर, शुगर व् ने परेशानियों के होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है, साथ ही इस समय पर आपको preeclampsia होने के चांस सबसे ज्यादा होते है, साथ ही इसकी परेशानी आपको पहले भी हो सकती है, और प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में भी यह ठीक नहीं होता है।
बाइस हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय तक शिशु का वजन लगभग एक पौंड तक हो जाता है, साथ ही इस समय कई महिलाओ को कब्ज़ और बवासीर की परेशानी हो जाती है, यदि नहीं होती तो बहुत अच्छी बात होती है।
तेईस हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
इस समय पर आपकी डॉक्टर आपको किसी भी तरह की दूर की यात्रा के लिए मना कर देती है, ऐसा नहीं होता है की यह आपको नुकसान पहुंचा देती है, बल्कि इसीलिए वो ऐसा करती है की आपको जिस समस्य भी लेबर पेन हो आपको उनके पास होना चाहिए।
चौबीसवें हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
यदि आपकी उम्र तीस ता उससे ज्यादा होती है, और आपके घेर में कोई शुगर, मोटापे, या ने किसी बिमारी से परेशान होता है, तो आपको भी उस परेशानी के होने के चांस बढ़ जाते है, और इसके कोई लक्षण भी आपको दिखाई नहीं देते है।
पच्चीसवें हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
गर्भावस्था का ये समय आने तक आपको घबराहट, और पैरों में ऐंठन आदि की परेशानी का अनुभव होने लगता है, और ज्यादातर ये परेशानी का अहसास तब होता है जब आप रात को सोने के लिए जाते है।
छब्बीसवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय आपको अपने शिशु के लिए क्या क्या करना है इसकी लिस्ट लम्बी होती जाती है, साथ ही शिशु अब लम्बे समय के लिए गर्भ में सोने लगता है, साथ ही वो अपनी आँखों को बंद करना और खोलना भी शुरू कर देता है।
सत्ताइसवें हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
इस समय शिशु गर्भ में अधिक देर तक मोमेंट करता है, और साथ ही उसका वजन भी तेजी से बढ़ता है, और इसके लिए वो 300 कैलोरीज़ को खर्च करता है, इसके लिए जरुरी है की महिला अपने आहार में कोताही न बरते।
अठाइसवे हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
आपके प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही की शुरुआत हो चुकी है, और इस समय आपके पेट का आकार भी बढ़ चुका होता है, साथ ही शिशु का आकर भी बढ़ जाता है, ऐसे में आपके पेट में आप कसाव का अनुभव कर सकते है, और शिशु की गर्भ में होने वाली हलचल को भी अधिक महसूस कर सकते है।
उन्नतीस हफ्ते बाद शिशु का गर्भ में विकास:-
इस समय आपके पेट का आकार बास्केटबाल की तरह हो जाता है, और शिशु भी अपने पैरों से आपको लाते मारता है, और इस समय शिशु लाइट और साउंड का भी अनुभव कर सकता है, और अचानक लाइट या तेज रौशनी से उसे घबराहट होती है जिससे आपको गर्भ में होने वाली उसकी मूवमेंट का अहसास भी होता है।
तीसवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
अब आप अपने आप को तेजी से बहुत थका हुआ महसूस कर सकते हैं क्योंकि आपके बढ़ते गर्भाशय आपके डायफ्राम आपस में टकराने लगते है, और जब गर्भावस्था में बच्चा आपके पेल्विक में आ जाता है तो आपको अपने आप को भरपूर आराम भी देना चाहिए।
इक्कतीस्वें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस हफ्ते में आप शिशु की मूवमेंट गर्भ में कम होने लगती है, क्योंकि शिशु का साइज बढ़ने लगता है, जिसके कारण उसे घूमने के लिए कम जगह मिलती है, लेकिन यदि काफी लम्बे समय से बच्चे ने कोई प्रतिक्रिया न दी हो, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
बतीसवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए गलत हो सकती है, ऐसे में आपको अपनी जरूरतों का ध्यान रखना चाहिए जैसे की अपने खान पान, आदि का यदि आप इन सबका ध्यान रखते है तो प्रेगनेंसी में आपका ग्लो बना रहता है।
तेतीस हफ्ते गर्भ में शिशु का विकास:-
इस दौरान डिलीवरी का समय नजदीक आता है, ऐसे में कई महिलायें नार्मल डिलीवरी करवाना चाहती है, तो वो अपने शरीर पर जोर डालने लगती है, ऐसा न करें, यदि आप स्वस्थ है तो आपके नार्मल डिलीवरी के चांस ज्यादा होते है, और साथ ही तीन में से किसी एक महिला के सिजेरियन डिलीवरी के चांस होते है।
चौतीस हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस महीने में शिशु के आने का इंतज़ार और भी बढ़ जाता है, और उसके आने के लिए तैयारिया घर में शुरू हो जाती है, जैसे की शिशु का बैड, उसकी जरुरत के कपडे, उसकी स्किन की कोमलता को बनाएं रखने के लिए प्रोडक्ट्स, डायपर आदि।
पैंतीस हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय पर महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टेरिया फैलने का खतरा होता है, जो यदि गर्भाशय तक पहुँच जाएँ तो इससे शिशु को भी नुकसान पहुँच सकता है, इसीलिए महिलाओ को अपनों अच्छे से केयर करनी चाहिए।
छतीसवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
क्योंकि डिलीवरी का समय पास आ रहा होता है, तो शिशु भी पेलिस के काफी पास आ जाता है, ऐसे में आपको यूरिन से जुडी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, और आपको पहले से ज्यादा परेशानी होने लगती है।
सेतीसवें हफ्ते में गर्भ में शिशु का विकास:-
इस समय महिला के ब्रैस्ट से कोलोस्ट्रम निकलने लगता है, इसे आप शिशु का पहला आहार भी बोल सकते है, और इसे देखकर ज्यादातर महिलायें घबरा जाती है, और उन्हें डॉक्टर से इस बारे में जल्द से जल्द राय लेने की इच्छा होती है।
अड़तीसवें हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
इस समय आपकी प्रेगनेंसी का समय पूरा हो जाता है, और शिशु भी बाहर आने के लिए कोशिश करता है, ऐसे में लेबर पेन होने पर या प्राइवेट पार्ट से पानी के निकलने पर आपको तुरंत ही डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
उन्तालीसवे हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
अगर आप कही काम करती है या घर में ही है और आपको लेबर पेन का नुभव नहीं हो रहा है तो ऐसे में आपको अपने ऊपर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए बल्कि हो सकें तो इस बारे में डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
चालीसवें हफ्ते में शिशु का गर्भ में विकास:-
अगर अभी भी आपको डिलीवरी नहीं हुई है और आपकी डेट भी चली गई है, तो आपको अपनी डॉक्टर से इस बारे में बात करनी चाहिए, ताकि कोई समस्या न हो, और यदि कोई समस्या है तो डिलीवरी में समय न लिया जाए।