प्रेगनेंसी की शुरुआत से लेकर डिलीवरी तक महिला अपने शरीर में आने वाले बहुत से बदलाव और प्रेगनेंसी के दौरान अलग अलग अनुभव का अहसास करती है। साथ ही जो शिशु अभी गर्भ में ही होता है महिला का उससे बहुत ही गहरा रिश्ता भी जुड़ जाता है। और महिला मातृत्व के अहसास का अनुभव भी करने लगती है। और गर्भ में शिशु के आने के साथ ही महिला शिशु के बेहतर विकास व् शिशु को हर तरह की परेशानी से सुरक्षित रखने का प्रयास करती है।
इसके अलावा यदि प्रसव की बात की जाये तो अधिकतर महिलाएं यही चाहती हैं की वो सामान्य तरीके यानी की नोर्मल डिलीवरी से बच्चे को जन्म दें। लेकिन डिलीवरी कैसे होगी यह महिला नहीं बता सकती है। परन्तु यदि महिला प्रेगनेंसी के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखती है तो महिला के नोर्मल डिलीवरी होने के चांस को बढ़ाने में मदद मिलती है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको नोर्मल डिलीवरी होने के बीस टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं।
सही डॉक्टर का चुनाव
सबसे पहले तो महिला को एक अच्छी प्रेगनेंसी की डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए। ताकि प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही आपका सही ट्रीटमेंट शुरू हो सकें और यदि प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही महिला अपना अच्छे से ध्यान रखती है, चेकअप करवाती है। तो इससे प्रेगनेंसी और डिलीवरी दोनों को आसान बनाने में मदद मिलती है।
समय पर जांच
गर्भवती महिला को समय से अपनी सभी जाँच करवा लेनी चाहिए ताकि प्रेगनेंसी के दौरान आपको किसी भी तरह की समस्या न हो। और जितना प्रेगनेंसी के दौरान समस्या नहीं होगी उतना ही महिला को प्रसव को आसान बनाने में मदद मिलती है। जांच के अलावा महिला को डॉक्टर द्वारा दी गई सभी दवाइयों का भी समय पर सेवन करना चाहिए।
जानकारी करें इक्कठी
गर्भावस्था के दौरान महिला को प्रेगनेंसी और प्रसव की पूरी जानकारी रखनी चाहिए। क्योंकि जितना महिला को प्रेगनेंसी और प्रसव की जानकारी होती है। उतना ही महिला को प्रेगनेंसी और प्रसव के दौरान आने वाली दिक्कतों से बचे रहने में मदद मिलती है। साथ ही जितना महिला को प्रसव की जानकारी होती है उतना ही महिला को प्रसव को आसान बनाने और सामान्य प्रसव को आसान बनाने में मदद मिलती है।
खान पान का ध्यान रखें
यदि महिला चाहती है की वो सामान्य प्रसव से बच्चे को जन्म दे तो इसके लिए जरुरी होता है की महिला अपने खान पान का ध्यान रखें। यानी की महिला जो भी डाइट ले रही है उसमे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में हो। क्योंकि बेहतर खान पान माँ और बच्चे दोनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। और जितना महिला स्वस्थ रहती है उतना ही नोर्मल डिलीवरी होने के चांस बढ़ते हैं।
शरीर में खून की कमी नहीं होने दें
नोर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ाने के लिए एक बात का ध्यान रखें की महिला अपने शरीर में खून की कमी नहीं होने दें। और खून की कमी को पूरा करने के लिए महिला आयरन युक्त डाइट ले जैसे की महिला हरी सब्जियां, गाजर, टमाटर, चुकंदर, आदि। यदि महिला के शरीर में खून की कमी नहीं होती है तो इससे डिलीवरी के दौरान आने वाले कॉम्प्लीकेशन्स को दूर होने के साथ नोर्मल डिलीवरी होने में भी मदद मिलती है।
गलत खान पान से बचें
यदि महिला चाहती है की उसकी डिलीवरी नोर्मल हो तो इसके लिए महिला को गलत खान पान का सेवन नहीं करना चाहिए। जैसे की महिला को डिब्बा बंद आहार, कोल्ड ड्रिंक्स, जंक फ़ूड आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि गलत खान पान नोर्मल डिलीवरी के चांस को कम करता है।
वजन का ध्यान रखें
प्रेगनेंसी के दौरान महिला इस बात का ध्यान रखें की न तो महिला का वजन जरुरत से ज्यादा हो और न ही कम हो। क्योंकि जितना महिला का वजन नियंत्रित रहता है। उतना ही प्रेगनेंसी में दिक्क्तें कम होती है और सामान्य प्रसव होने के चांस बढ़ते हैं।
हाइड्रेटेड रहें
गर्भावस्था के समय महिला पानी का भरपूर सेवन करें क्योंकि इससे महिला का शरीर हाइड्रेटेड रहता है जिससे प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली बहुत सी परेशानियों को कम करने में मदद मिलती हैं। और जितना महिला प्रेगनेंसी के परेशानियों से बची रहती है उतना ही नोर्मल डिलीवरी होने के चांस बढ़ते हैं।
व्यायाम
प्रेगनेंसी के दौरान अधिकतर लोग आपको व्यायाम न करने की सलाह देते हैं जो की गलत होता है। क्योंकि प्रेगनेंसी कोई बीमारी नहीं है की आप व्यायाम नहीं करें, बल्कि प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला थोड़ा बहुत व्यायाम करती है। तो इससे शरीर में ब्लड फ्लो अच्छे से होता है, महिला का वजन सही रहता है, इसके अलावा और भी फायदे मिलते हैं जो सामान्य प्रसव के चांस को बढ़ाने में मदद करते हैं। लेकिन यदि महिला को प्रेगनेंसी में किसी भी तरह के कॉम्प्लीकेशन्स हैं तो महिला को व्यायाम नहीं करना चाहिए।
योगासन व् मैडिटेशन
नोर्मल डिलीवरी के लिए महिला चाहे तो योगासन और मैडिटेशन को भी अपना सकती है। क्योंकि योगासन और मैडिटेशन करने से महिला को शारीरिक के साथ मानसिक रूप से भी फिट रहने में मदद मिलती है जिससे नोर्मल डिलीवरी होने के चांस बढ़ते हैं।
तनावमुक्त रहें
नोर्मल डिलीवरी के लिए सबसे जरुरी है की प्रेग्नेंट महिला और बच्चा स्वस्थ रहें और स्वस्थ रहने के लिए जरुरी है की प्रेगनेंसी के दौरान महिला खुश रहे और तनाव नहीं लें। इसीलिए यदि आप चाहते हैं की आपकी डिलीवरी नोर्मल हो तो महिला को जितना हो सके तनाव मुक्त रहना चाहिए और अपनी प्रेगनेंसी के अनुभव को एन्जॉय करना चाहिए।
वॉक करें
सामान्य प्रसव के लिए जरूरी है की महिला चहलकदमी करें यानी की दिन भर में थोड़ी देर वॉक जरूर करें। खासकर तीसरी तिमाही में तो ऐसा जरूर करें क्योंकि वॉक करने से पेल्विक एरिया मजबूत होता है बच्चा डिलीवरी के लिए सही पोजीशन में आता है। जिससे नोर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ते हैं।
मसाज
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में महिला को पेट के निचले हिस्से की हल्के हाथों से मसाज करनी चाहिए। क्योंकि मसाज करने से पेल्विक एरिया को मजबूती मिलती है साथ ही नार्मल डिलीवरी होने के चांस भी बढ़ते हैं।
संक्रमण से बचाव
प्रेगनेंसी के दौरान महिला साफ़ सफाई का अच्छे से ध्यान रखें क्योंकि इम्युनिटी कमजोर होने के कारण महिला को संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है। और संक्रमण माँ और बच्चे दोनों की सेहत पर बुरा असर डालता है ऐसे में महिला यदि चाहती है की उसका प्रसव सामान्य हो तो इसके लिए महिला को संक्रमण से बचकर रहना चाहिए।
लापरवाही से बचें
गर्भावस्था के दौरान महिला किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करें क्योंकि लापरवाही के कारण प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जितना महिला गलतियां नहीं करती है उतना ही प्रेगनेंसी को आसान बनाने और प्रसव को नार्मल करवाने में मदद मिलती है।
नेगेटिव नहीं सोचें और सकारात्मक रहें
गर्भावस्था के दौरान महिला इस बात का ध्यान रखें की महिला बिल्कुल भी नेगेटिव चीजों के बारे में नहीं सोचे और सकारात्मक रहें। क्योंकि जितना महिला पॉजिटिव रहती है उतना ही महिला को प्रेगनेंसी और प्रसव को आसान बनाने में मदद मिलती है।
शारीरिक मुद्रा का ध्यान रखें
गर्भावस्था के दौरान शारीरिक मुद्रा का खास ध्यान रखें क्योंकि यदि महिला प्रेगनेंसी के दौरान अपने उठने, बैठने, सोने, लेटने आदि सभी शारीरिक मुद्राओं का अच्छे से ध्यान रखती है तो ऐसा करने से भी महिला की नोर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ाने में मदद मिलती है।
भरपूर नींद लें
नोर्मल डिलीवरी के लिए महिला का भरपूर नींद लेना भी जरुरी होता है। क्योंकि भरपूर नींद लेने से प्रेग्नेंट महिला और बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। और जितना महिला स्वस्थ रहती है उतना ही प्रसव को आसान बनाने में मदद मिलती है।
नशा नहीं करें
गर्भावस्था के दौरान महिला को किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिए जैसे की धूम्रपान नहीं करना चाहिए, शराब नहीं पीनी चाहिए, आदि। क्योंकि किसी भी तरह का नशा प्रेगनेंसी में कम्प्लीकेशन पैदा करता है। और यदि महिला इस बात का ध्यान रखती है और ऐसी चीजों का सेवन न करने के साथ उस जगह पर भी नहीं जाती है जहां इन चीजों का सेवन कोई कर रहा होता है। तो ऐसा करने से गर्भ में शिशु और महिला दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है जो सामान्य प्रसव के लिए जरुरी होता है।
घी खाएं
ऐसा माना जाता है की प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में यदि महिला घी का सेवन करती है तो घी का सेवन करने से महिला के प्रसव को सामान्य तरीके से होने में मदद मिलती है।
तो यह हैं कुछ टिप्स जो नोर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ाने में मदद करते हैं। यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं और चाहती है की आपका होने वाला शिशु सामान्य प्रसव से जन्म लें तो आप भी इन टिप्स का ध्यान रखें ताकि आपको भी सामान्य प्रसव होने में मदद मिल सके।
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