घी का इस्तेमाल हर भारतीय घर में समान रूप से किया जाता है। कोई इसे पूजा-पाठ आदि कार्यों के लिए प्रयोग में लाता है तो कोई अपने खाने का ज़ायका बढ़ाने के लिए। लेकिन क्या आप जानते है की इसका इस्तेमाल करके आप अपनी स्वस्थ संबंधी कई समस्यायों में राहत पा सकते है। जी हां, आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से घी का इस्तेमाल त्वचा और स्वास्थ्य के फ़ायदों के रूप में भी किया जाता आ रहा है। जलने की समस्या हो त्वचा में किसी प्रकार की सुजन सभी को दूर करने के लिए घी का इस्तेमाल किया जा सकता है। आयुर्वेद की माने की बालों में भी घी के इस्तेमाल से उनकी ग्रोथ अच्छी होती है और साथ ही उनकी सुन्दरता बनाए रखने में भी मदद मिलती है।
खाने में स्वादिष्ट घी जितना आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है उतना ही शुद्ध भी। कुछ लोग इसे फैट बढ़ाने का जरिया समझते है जबकि वे नहीं जानते की इसमें मौजूद तत्व आपका फैट बढ़ाने नहीं बल्कि घटाने में मदद करते है। इसके साथ ही ये ब्लड में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में भी मदद करते है।
पहले के समय में अधिकतर लोग खाना पकाने से लेकर सभी कार्यों में केवल देसी घी का ही इस्तेमाल किया करते थे लेकिन आजकल जमाना बदल गया है लोग बटर, आयल और अन्य वनस्पति तेलों का इस्तेमाल करने लगे है। क्योंकि वे सभी इस शुद्ध देसी घी के फ़ायदों को नहीं जानते, इसीलिए आज हम आपको देसी घी के पूर्ण फ़ायदों के बारे में बताने जा रहे है। जिन्हें जानकार शायद आप भी इस शुद्ध उत्पाद को पसंद करने लगे।
देसी घी के फ़ायदे :-
ऐसे तो सभी अपने अपने घरों में देसी घी का इस्तेमाल करते है लेकिन अधिकतर लोगों को इसके फ़ायदो के बारे में नहीं पता होता इसीलिए आज हम आपको देसी घी के पूर्ण फ़ायदों के बारे में बताने जा रहे है।
1. फैट की कम मात्रा :
यदि आपको कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो बटर की तुलना में घी आपके लिए बेहतर सिद्ध हो सकता है। क्योंकि बटर में फैट की अधिक मात्रा पाई जाती है जबकि घी में यह बहुत कम होता है। जिसके कारण इसे पचाना बहुत आसान होता है। शोध से पता चला है की घी आँतों में बड़े कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है। तो अगर आप स्वस्थ फैट के लिए एक बेहतर आप्शन ढूंढ रहे है तो घी इसके लिए उपयुक्त रहेगा। क्योंकि इसमें saturated फैट भी पाया जाता है।
2. पाचन तंत्र के लिए :
घी में utyric acid नामक तत्व की अच्छी मात्रा पाई जाती है। जो एक तरह का short-chain fatty acid है। ये acid पाचन की समस्या को दूर करके सुजन कम करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही घी पेट में acid के सीक्रेशन को बढ़ाता है, जो खाने को बेहतर तरीके से पचाने में मदद करता है। जबकि अन्य तेल और बटर पाचन क्रिया को स्लो करने का काम करते है।
3. इम्यून सिस्टम को मजबूत करें :
घी में एंटी oxidents की अच्छी मात्रा पाई जाती है। जो हमारे शरीर को खाने से मिलने वाले विटामिन्स और मिनरल्स को सोखने की क्षमता को बढ़ाते है। जिसके परिणामस्वरुप आपके इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है। शोध में पाया गया है की जब butyric acid का निर्माण होता है killer T cell का निर्माण शुरू हो जाता है जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है। ये T cells हमारे शरीर को रोगों से बचाने और उनसे लड़ने में मदद करते है। फैट में घुलनशील विटामिन और मिनरल्स भी इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करते है और घी इन सभी नुट्रीएंट्स की absorption में मदद करता है।
4. एसेंशियल विटामिन्स दे :
घी में vitamins A, D, E और K की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो, fat-soluble vitamins है। और ये सभी हमारे हृदय, मस्तिष्क और हड्डियों के इम्यून सिस्टम के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इसके साथ ही इसमें कई dietary fats पाए जाते है जो हमारे शरीर में इन विटामिन्स को सोखने की क्षमता बढ़ाते है।
5. एंटी कैंसर और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रकृति :
शोध के अनुसार, butyrate enemas और oral butyrate सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल उन बिमारियों के लिए किया जाता है जिनकी वजह से आंतों की सुजन आती है। जैसे की ulcerative colitis और Crohn’s disease। घी में CLA (conjugated linoleic acid) की अच्छी मात्रा पाई जाती है। (यदि घी का निर्माण उस गाय से किया जाए जो घास का सेवन करती है)
6. हानिकारक प्रभाव नहीं :
घी का निर्माण शुद्ध बटर से किया जाता है, अर्थात इसमें थोडा सा भी दूध और अन्य अशुधियां नहीं होती, जो अन्य डेरी उत्पादों में पाइ जाती है। दूध में पाया जाने वाला ‘Casein’ घी में बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें lactose की बहुत कम मात्रा पाई जाता है। तो, अगर आपको lactose और casein से समस्या है तो परेशान न हो क्योंकि घी में किसी तरह के कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होते।
7. जरुरी Healthy फैट दे :
आपके शरीर को कुछ जरुरी फैट की आवश्यकता ताकि सभी कार्य अच्छी तरह हो सके। इस कार्यों में digestive acids से stomach wall की रक्षा करना, मस्तिष्क को सपोर्ट करना, तंत्रिका और त्वचा को स्वस्थ रखना साथ-साथ नइ कोशिकाओं का निर्माण कर उन्हें मजबूती देना सम्मिलित है। और घी इन सभी फ़ायदों को पूर्ण करने में सक्षम है क्योंकि इसमें अन्य तेल और बटर की तुलना में hydrogenated oils, trans-fats और oxidized cholesterol नहीं पाए जाते।
8. पकाने के लिए :
डायटीशियन के मुताबिक, खाना पकाने के लिए घी सबसे उत्तम पदार्थ है, विशेषकर जब किसी पदार्थ को फ्राई करना हो। खाना पकाने के अन्य तेलों की तुलना में ये हानिकारक फ्री रेडिकल्स को बढ़ने नहीं देता। घी का smoke point 500 डिग्री फ़ारेनहाइट है जबकि सामान्य बटर का 350 डिग्री फ़ारेनहाइट है।
9. जले के लिए :
यदि आप त्वचा के लिए घी के फ़ायदों से अनजान है तो बता दें की घी जले की समस्या के सबसे उत्तम घरेलू उपायों में से एक है। त्वचा के विभिन्न हिस्सों की सुजन को कम करने के लिए इसका बहुत बड़े स्तर पर प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही, ये त्वचा में किसी भी प्रकार की सुजन को कम करने में भी मदद करता है। यदि आप भी रूखेपन से परेशान है तो अपनी त्वचा और स्कैल्प पर घी का इस्तेमाल मॉइस्चराइजर की तरह करें।
10. अशुद्धियों से रहित :
घी बहुत ही शुद्ध होता है इसीलिए इसका इस्तेमाल खाना पकाने के लिए भी किया जाता है। इसमें किसी तरह का साल्ट, और हाइड्रोजनेटेड आयल नहीं पाया जाता। इसके साथ ही इसमें किसी तरह का हानिकारक preservatives और additives भी नहीं पाए जाते।
और चूँकि ये पूरी तरह trans-fat रहित है तो इसमें किसी तरह की अशुद्धियाँ भी नहीं पाई जाती है। तो इस चमत्कारिक पदार्थ का आपके किचन में होना तो बनता ही है।
11. एनर्जी दे :
घी को एनर्जी का भंडार भी कहा जा सकता है, एक चम्मच घी में लगभग 470 KJ एनर्जी पायी जाती है। इसके साथ ही इसमें medium-chain fatty acids भी पाए जाते है जो लीवर द्वारा सीधे सीधे एनर्जी के रूप में absorb कर लिए जाते है। इसके सेवन के कई घंटो बाद तक ये एनर्जी देता हहै जो एथलिट के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा यदि आप व्यायाम से पूर्व एक चम्मच घी का सेवन करें, तो वर्कआउट के मध्य में आपको थकान महसूस नहीं होगी। इसके अलावा ये medium-chain fat acids आपके अतिरिक्त फैट को खत्म करने में भी मदद करते है।
12. त्वचा के लिए फ़ायदे :
घी के रोजाना इस्तेमाल और सेवन से त्वचा को बेहद खास लाभ हो सकता है।
- एक बेहतर मॉइस्चराइजर के रूप में – सर्दियों में मुलायम और कोमल त्वचा पाने के लिए अपनी त्वचा पर थोड़े से घी से मसाज करें।
- फटे होंठ – अपने होंठो पर थोडा सा घी लगाएं और बिना किसी कॉस्मेटिक के प्रयोग के एक बेहतर pout पायें।
- नींद के अभाव में – यदि आपकी आंखों के नीचे भी काले घेरे है तो, घी आपकी इस समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। इसके लिए रात को सोने से पहले अपने आंखों के चारों ओर घी से मसाज करें।
- जलने और रैशेज की समस्या में थोडा सा घी लगाएं।
13. आँखों के लिए :
आंखों के लिए गाय के घी के फ़ायदों को जानते है आप? जी हां, आयुर्वेद के अनुसार घी का सेवन करने से आपकी आंखों की रोशनी को बढ़ाया जा सकता है। नियमित रूप से घी का सेवन करने से eyesight बढ़ाई जा सकती है। यदि आपकी आंखों में जलन होती है, तो आंखों के नीचे थोडा सा घी लगायें।
14. कफ में आराम :
कफ की समस्या के लिए ये बहुत पुराना उपचार है। और साथ ही प्रभावी भी। आप चाहे तो एक चम्मच गर्म घी के साथ एक हर्बल औषधि बना सकते है।
- दालचीनी की एक छोटी सी स्टिक को घी में फ्राई कर लें। ठंडा होने दे और उसके बाद उसे निकाल लें और निगल लें।
- यदि बलगम के कारण आपकी नाक बंद हो रही है तो अदरक और इलायची को घी में तल कर उसका सेवन करें।
- तुलसी और गर्म घी को मिलाकर एक पेस्ट बना लें। तुरंत राहत पाने के लिए इसका सेवन करे आराम मिलेगा।
15. कब्ज में आराम :
कब्ज से परेशान व्यक्तियों के लिए घी एक बेहतर घरेलू उपचार है। आयुर्वेदानुसार, प्राचीन काल से घी का बहुत इस्तेमाल किया जाता आ रहा है। तो फाइबर के सेवन की मात्रा को बढ़ाने की बजाय, गर्भवती महिला को रोजाना रात एक गिलास दूध के साथ एक चम्मच घी का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ये कब्ज में राहत देकर मेटाबोलिज्म को अच्छा करता है।
16. थाइरोइड :
अधेड़ उम्र की महिलाओं में होने वाली सबसे आम समस्या है थाइरोइड। जो प्रजनन समस्यायों के साथ-साथ शरीर में हॉर्मोन के असंतुलन का भी कारण बनती है। शुद्ध बटर/मक्खन और घी में दूध के तत्व नहीं पाए जाते और ये डेरी उत्पाद इस समस्या से आराम दिलाने में मदद करते है। इसके अलावा घी Gastrointestinal tracts और इम्यून सिस्टम की जो थाइरोइड gland से समझौता करते है रक्षा करता है। इसके अतिरिक्त घी में मौजूद केमिकल thyroxin हॉर्मोन को भी संचालित करते है।