सामान्य तौर पर भारतीय घरों और रेस्तरां में सौंफ का इस्तेमाल खाने खाने के अंत में किया जाता है, क्योंकि इसके सेवन से सांसों की बदबू दूर होती है। लेकिन कुछ लोग अपने डेली रूटीन में भी इसका सेवन करते है। कुछ इसके फ्रेशनेस गुणों के कारण तो कुछ इसके अनगनित फ़ायदों के कारण। दरअसल इसमें कई तरह के विटामिन, मिनरल्स और पोषक तत्व पाए जाते है। जो हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारे शरीर के लिए भी काफी फायदेमंद होते है।
इसके अलावा इसमें ताँबा (copper), आयरन, कैल्सियम, पोटाशियम, मैंगनीस, सिलीनीयम, जिंक और मैग्नेशियम भी पाया जाता है। आयुर्वेद में भी सौंफ को बुद्धिपूर्वक, कफ खत्म करने वाला, पाचन संबंधी बिमारियों को दूर करने वाला और आँखों के लिए फायदेमंद बताया गया है। इसके साथ ही इसके रस का सेवन करने से गर्मी और प्यास को भी दूर किया जा सकता है।
यूनानी चिकित्सा की बात करें तो वहां भी इस प्राकृतिक देन को काफी लाभकारी माना जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है की इसके सेवन से पाचनतंत्र स्वस्थ रहता है। इसीलिए खाना खाने के बाद हमेशा एक चम्मच सौंफ का सेवन करना चाहिए। पहले के समय में तो सभी इसके इन फायदों को जानते थे लेकिन आजकल की पीढ़ी इन प्राकृतिक देनों के फ़ायदों से अपरिचित है। इसलिए आज हम सौंफ खाने के फायदे बताने जा रहे है।
स्वास्थ्य के लिए सौंफ के फायदे :-
1. एंटी ओक्सिडेंट :
अपने खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए तो सौंफ का इस्तेमाल सभी करते है लेकिन क्या आप जानते है की इसमें मौजूद एंटी ओक्सिडेंट हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते है। ये एंटी ओक्सिडेंट फ्री रेडिकल्स से शरीर को होने वाले नुकसानों से भी बचाते है। जो की बहुत सी बिमारियों का कारण होते है। इसमें मौजूद kaempferol और quercetin नामक एंटी ओक्सिडेंट अपक्षयी प्रतिक्रियाओं (degenerative reactions) को ठीक करने में भी मदद करते है।
2. डाइटरी फाइबर :
सौंफ में डाइटरी फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभकारी है। ये फाइबर शरीर में पाचन क्रिया को बढाकर हमारे द्वारा खाए गए खाद्य पदार्थों को जल्द पचाने में मदद करते है ताकि इंस्टेंट एनर्जी मिल सके।
3. कैंसर :
कैंसर और उससे संबंधित रोगों का सही समय पर इलाज किया जाना बेहद आवश्यक होता है। ताकि भविष्य में होने वाले दुष्परिणामों और उसके प्रभावों को रोका जा सके। और सौंफ में मौजूद सभी एंटी ओक्सिडेंट इस कार्य को पूर्ण करने में सक्षम है।
4. तंत्रिका संबंधी रोग :
सौंफ का सेवन करने से फ्री रेडिकल्स की समस्या दूर रहती है। जिससे मस्तिष्क और तंत्रिका संबंधी बीमारियाँ भी दूर रहती है।
5. कोलेस्ट्रॉल :
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की सही मात्रा पहुँचाना बेहद जरुरी है। इसके साथ है रक्त वाहिकाओं में भी कोलेस्ट्रॉल absorption काफी महत्वपूर्ण होता है। और सौंफ में मौजूद तत्व cholesterol के reabsorption को कम करते है। जिससे हृदय संबंधी बिमारियों को रोकने में भी मदद मिलती है।
6. तेलिय तत्व :
सौंफ में myrcene, fenchone, chavicol, cineole नामक volatile oil compound पाए जाते है जो शरीर की पाचन, वातहर और एंटीऑक्सीडेंट प्रतिक्रिया में मदद करते है।
7. लाल रक्त कोशिकाओं :
सौंफ का सेवन करने से रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की खपत को बढ़ाया जा सकता है। और कॉपर जो की शरीर में इन कोशिकाओं के निर्माण के लिए जरूरी है सौंफ में उच्च मात्रा में पाया जाता है।
8. ग्रोथ और विकास :
शरीर की ग्रोथ और विकास के लिए जिंक उत्तरदायी होता है। और सौंफ के बीजों में ये बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है। जो नियमित ग्रोथ और विकास को बढ़ाते है।
9. हृदय गति और ब्लड प्रेशर :
आजकल लोगों को बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसे में जरुरी है की अपनी हृदय गति और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखा जाए। और सौंफ इस कार्य में मदद करती है। इसमें मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेस्सुर को नियंत्रित करके हृदय गति को भी नियंत्रित करता है।
10. नुट्रीएंट की मात्रा :
स्वास्थ्य के नज़रिए से सौंफ का रस पोषक तत्वों से बना पेय है। इसमें विटामिन ए, बी, सी, ई, और बीटा कैरोटीन पाया जाता है। इसके अलावा इसमें मैग्नीशियम, आयरन, कोबाल्ट, पोटेशियम, फास्फोरस, सोडियम, सिलिकॉन, और जिंक जैसे खनिज भी उच्च मात्रा में पाए जाते है। साथ ही इसमें carotenoids और flavonoids नामक एंटी oxidents की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। सौंफ में anethole पाया जाता है, एक तरह का phytonutrient जो इसे एक मजबूत सुगंध प्रदान करता है। एंटी oxidents की भरपूर मात्रा शरीर के फ्री रेडिकल्स को बेअसर करके कोशिकाओं को होने वाली हानि से बचाती है।
11. पाचन :
सौंफ का रस आंतों के लिए बेहद लाभकारी होता है। इसकी anti-spasmodic प्रकृति आंतों की ऐंठन, सूजन और पेट फूलना की समस्या को दूर करने में मदद करती है। सौंफ के रस में मौजूद एसेंशियल आयल, digestive juice के स्त्राव को प्रोत्साहित करके पेट की सुजन को कम करने में मदद करते है। ये हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाने से नुट्रीएंट्स के absorption को भी बढ़ाता है। सौंफ के जूस का इस्तेमाल antacid के रूप में किया जाता है। जबकि इसमें मौजूद तत्व पाचन तंत्र को संतुलित करके मल त्याग को भी आसान करते है। इसके अलावा सौंफ पेट में मौजूद बुरे बैक्टीरिया को समाप्त करके अच्छे बैक्टीरिया के उत्पादन को बढ़ाती है।
12. एनीमिया :
सौंफ के रस में मौजूद आयरन और हिस्तामिन की उच्च मात्रा, एनीमिया की समस्या के लिए एक बेहतर प्राकृतिक उपचार है। सौंफ के रस का नियमित सेवन करने से शरीर में हिमोग्लोबिन का उत्पादन बढ़ता है जो एनीमिया को ठीक करता है। इसके साथ ही ये शरीर में ब्लड क्लॉट को बढ़ने से भी रोकता है।
13. आंखों के लिए :
सौंफ में बहुत से एसेंशियल नुट्रीएंट्स पाए आजाते है जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करते है। सौंफ के रस में मौजूद एंटी ओक्सिडेंट और एमिनो acid आंखों के लिए काफी फायदेमंद होते है। इस रस को आंखों पर लगाने से, उनमे होने वाली जलन और थकान को भी दूर किया जा सकता है। इस रस में पाया जाने वाला flavonoids oxidative stress, को दूर करने में मदद करता है।
14. Diuretic :
सौंफ के रस की Diuretic प्रकृति, शरीर में मौजूद सभी toxins को मूत्र के द्वारा बाहर निकालने में मदद करती है। इसके साथ ही ये जलन को भी कम करता है जो आमवात और सुजन को कम करता है। इसके अलावा ये गुर्दे की पथरी के निर्माण को भी रोकता है।
15. मीनोपॉज :
सौंफ के रस में phyto-estrogen नामक केमिकल पाया जाता है जिसका स्ट्रक्चर बिलकुल estrogen हॉर्मोन की भांति होता है। इसलिए, मीनोपॉज और उससे संबंधित समस्यायों से पीढित महिलाओं के लिए ये काफी लाभकारी है। इसमें मौजूद फोलेट अजन्मे बच्चों में होने वाले birth defects को ठीक करता है। इसके अतिरिक्त ये menstruation से संबंधित समस्यायों को ठीक करने में भी लाभदायक है।
16. दिमागी स्वास्थ्य :
सौंफ का रस रक्त में endorphins के स्त्राव को बढ़ाता है जो डिप्रेशन और उससे संबंधित समस्यायों को दूर करने में मदद करता है। सौंफ के रस में मौजूद पोटैशियम मस्तिष्क के कार्यों को बेहतर करने में सहायता करता है और साथ ही दिमाग की cognitive एबिलिटी को भी बढ़ाता है।
17. Aperitif :
सौंफ का एसेंशियल आयल, एक बेहतर Aperitif है। यह भूख बढ़ाने में मदद करते है। तो अगर आपको लगता है की जरुरत होने पर भी आपको भूख नहीं लगती, तो सौंफ के एसेंशियल आयल का सेवन करना शुरू कर दें।
18. एंटी सेप्टिक :
सौंफ के एसेंशियल आयल में कई तरह के केमिकल पाए जाते है, जिनकी प्रकृति एंटी सेप्टिक और बैक्टीरियल है। सौंफ का तेल घावों को जल्द ठीक करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही ये tetanus और अन्य post-surgical infection को ठीक करने की भी क्षमता रखता है।
19. एसिडिटी :
सौंफ शरीर को ठंडक और neutralizing बेनिफिट प्रदान करते है। तो, एसिडिटी की समस्या को दूर करने के लिए ये एक रामबाण है। ये आंतो को एक्टिव करके अवशोषण की प्रक्रिया को आसान बनाता है। जिससे सभी toxins और जरूरी खनिज अलग-अलग हो जाते है। बाद में ये अलग हुए toxins शरीर से बाहर निकल जाते है। जिससे pH लेवल सामान्य होकर एसिडिटी में राहत मिलती है।
20. इम्युनिटी बूस्ट करे :
विटामिन सी मानव के लिए एक प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टिंग विटामिन है। और सौंफ में विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसका नियमित सेवन करने से इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। ये आपके शरीर को छोटे-मोटे इन्फेक्शन से बचाता है। और बड़े इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।
21. श्वास संबंधी समस्याएं :
सौंफ, cineole नामक तत्व का अच्छा स्त्रोत्र है। जो की नसल ब्लोकेज को ठीक करने में मदद करता है। congestion, asthma और bronchitis से परेशान लोगो के लिए ये किसी रामबाण से कम नहीं है। जुखाम आदि की समस्या में भी इसका सेवन करने से लाभ मिलता है।
22. पीरियड्स में होने वाले दर्द :
सौंफ शरीर में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन को नियंत्रित करता है। इसके analgesic फायदे महिलाओं में पीरियड्स में होने वाले दर्द को ठीक और नियंत्रित करने में मदद करते है।
तो अगली बार से खाने के बाद आइस क्रीम या कोई और मीठी चीज नहीं, बल्कि सौंफ का सेवन करें और अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रखें।