आम खाने के फायदे : भारत में अनेक प्रकार के फल जैसे अंगूर, सेब, केला, संतरा, अमरूद, लीची, अनार आदि पाए जाते हैं । जो हमारे शरीर में पहुँचकर किसी न किसी विटामिन की कमी की पूर्ति करते रहते हैं। इन सब फलों में से आम एक ऐसा फल है, जो स्वाद में उत्तम होने के साथ साथ तमाम तरह के गुणों से भी भरपूर है। बच्चे बूढ़े सबको ही आम पसंद होता है। इसलिए आम को फलों के राजा की उपाधि से नवाज़ा जाता रहा है।
भारतीय आम विश्व में अपने लज्जत और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है । आम उत्पादक देशों में भारत का स्थान सर्वप्रथम है । संसार के कुल आम के उत्पाद का 64 प्रतिशत भाग लगभग भारत पैदा करता है । भारत में आमों के दसहरी, लंग्डा, चौसा, अलफांसो, आम्रपाली, नीलम, तोतापरी, गोला, कलमी, सफेदा आदि नामों से लोग परिचित हैं ।
# आम है गुणों की खान –
आम में कई तरह के ज़रूरी पोषक तत्व (nutrients) पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व हमारे शरीर को ऊर्जा देने के साथ साथ हमें कई तरह की बीमारियों से भी बचाते हैं। पहले हम आम में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में जानेंगे –
- विटामिन-C – विटामिन-C एक ऐंटीआक्सिडंट है और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करता है।
- विटामिन-A – विटामिन-A भी एक ऐंटीआक्सिडंट है और ये हमारी दृष्टि के लिए लाभदायक होता है।
- विटामिन-B6 – विटामिन-B6 और बाक़ी के B-विटामिन हॉर्मोन प्रोडक्शन में मदद करता है और दिल के रोग से बचाता है।
- Probiotic फ़ाइबर – पाचन तंत्र को सही रखता है।
- कॉपर – कॉपर RBC यानि रेड ब्लड सेल्ज़ को बनाने में सहायता करता है और साथ ही शरीर में पाए जाने वाले एंज़ायम की क्रियाओं में को-फ़ैक्टर की भूमिका निभाता है।
- पोटेशियम – कई बार हम भोजन में सोडीयम (नमक) की अधिक मात्रा को ग्रहण कर लेते हैं, जो कि हमारे लिए हानिकारक हो सकता है। शरीर में सोडीयम की अधिक मात्रा को बैलेन्स करने में पोटेशियम मदद करता है।
- मैग्नीशियम – मैग्नीशियम 300 से अधिक एंज़ायम के साथ को-फ़ैक्टर का काम करता है और शरीर में होने वाली बायो-केमिकल रीऐक्शंज़ जैसे प्रोटीन सिन्थिसस, मसल और नर्व फ़ंक्शन, ब्लड ग्लूकोस और ब्लड प्रेशर कंट्रोल इत्यादि को रेग्युलेट करता है।
# आम हमें कई तरह की बीमारियों से बचाता है, जैसे –
कैन्सर से दूर रखता है आम –
विभिन्न शोध और अनुसंधानों से ये स्पष्ट हो चुका है कि आम में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्व हमें पेट (colon) के कैन्सर, स्तन (breast) कैन्सर, प्रॉस्टेट कैन्सर, रक्त का कैन्सर (leukemia) इत्यादि से बचाते हैं। आम में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट तत्वों में quercetin, isoquercitrin, astragalin, fisetin, gallic acid और methylgallat के साथ साथ भरपूर मात्रा में एंज़ायमस भी पाए जाते हैं, जो कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है आम –
आम में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले फ़ाइबर, पेक्टिन और विटामिन-C, सीरम कॉलेस्ट्रॉल के लेवल को घटाने में मदद करते हैं, ख़ास करके लो डेन्सिटी लिपो प्रोटीन को, जो की सेहत के लिए बेहद हानिकारक है।
आँखों को स्वस्थ रखता है आम –
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आँखों को स्वस्थ रखने में विटामिन-A का महत्वपूर्ण योगदान होता है। आम में विटामिन-A भरपूर मात्रा में पाया जाता है और आम का सेवन करने से हमारी आँखें स्वस्थ रहती हैं। एक कप कटे हुए आम में हमारी दैनिक आवश्यकता का 25% विटामिन-A मौजूद होता है। आम का सेवन करने से हमारी आँखों की रोशनी तेज़ होती है, नाइट ब्लायंड्नेस की समस्या से बचाव होता है और ड्राई आइज़ की समस्या भी दूर होती है।
मधुमेह में भी लाभदायक है आम –
आम के पत्ते हमारे ख़ून में इंसुलिन लेवल को सामान्य रखने में सहायक हो सकते हैं। एक पारम्परिक घरेलू उपाय के अनुसार आम के पत्तों को अच्छी तरह से धोकर पीने के पानी में 15-20 मिनट तक उबालिए, फिर उन्हें रात भर उसी पानी में रहने दीजिए। सुबह ख़ाली पेट आम के पत्तों का उबला हुआ पानी छान कर पी लीजिए। नियमित रूप से ये उपाय करने से मधुमेह रोगियों को निश्चित रूप से लाभ पहुँचेगा। आम के फल के low glycemic index (40-60) की वजह से वैसे भी कम मात्रा में आम खाने से ख़ून में शुगर लेवल नहीं बढ़ता है। परंतु अधिक मात्रा में आम खाना मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है।
पाचन शक्ति को बढ़ाता है आम –
फलों में सिर्फ़ पपीता ही एक ऐसा फल नहीं होता, जिसमें कि प्रोटीन को तोड़ने वाले यानि कि पचाने वाले एंज़ायम पाए जाते हैं। और भी कई फलों में ये गुण पाया जाता है, जैसे कि आम। आम में पाया जाने वाला फ़ाइबर भी भोजन को पचाने और उसके निष्काशन में मदद करता है।
गरमी में राहत दिलाता है आम –
हमारे देश भारत में शायद ही ऐसा कोई घर होगा, जहाँ गरमियों में आम पन्ना ना बनाया और पिया जाता हो। हरे या कच्चे आम से बनाया जाने वाला आम पन्ना, हमारे शरीर के तापमान को घटाकर, हीट स्ट्रोक से होने वाले नुक़सान से बचाता है। आम पन्ना बनाने के लिए दो चम्मच कच्चे आम के घोल (कच्चे आम को काट कर, उबाल कर और चीनी मिलाकर ठंडा करके तैयार किया हुआ) में, भुना हुआ ज़ीरा, सेंधा नमक व ठंडा पानी मिक्स करें। ऊपर से इसमें चार पाँच टुकड़े बर्फ़ के डालें व दो तीन पत्ती पुदीने की रख कर ठंडा ठंडा पिएँ। गरमी से राहत पाने का इससे बेहतर तरीक़ा नहीं हो सकता और ये हमारे पाचनतंत्र के लिए भी लाभदायक होता है।
इम्यून सिस्टम यानि प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करता है आम –
इम्यून सिस्टम यानि प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करता है आम। हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है। आम में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले विटामिन-A और विटामिन-C के साथ साथ 25 तरह के carotenoids भी पाए जाते हैं, जो कि हमारे इम्यून सिस्टम यानि प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखते हैं व मज़बूत करते हैं।
त्वचा के लिए वरदान है आम –
त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाए रखने के लिए, आम को आंतरिक और बाह्य दोनों तरीक़ों से इस्तेमाल किया जा सकता है। आम त्वचा के रोम छिद्रों को साफ़ करता है व मुँहासों से मुक्ति भी दिलाता है।
- त्वचा के लिए बाह्य रूप से इस्तेमाल करने के लिए आम को अच्छे से मैश करके उसका पेस्ट बना लीजिए और अपने चेहरे पर लगा लीजिए। अकेला आम भी त्वचा के लिए काफ़ी होता है, पर अगर इसे ओट मील और बादाम के साथ मिला कर इस्तेमाल किया जाए तो त्वचा की एक्स्फ़ोलीएशन के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। दी चम्मच ओट्मील और दो चम्मच बादाम को पीस कर पाउडर बना लिजिए। अब इस पाउडर में एक पके हुए आम का गूदा मिला कर पेस्ट बना लीजिए। चेहरे के साथ साथ आप इसे पूरे शरीर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। त्वचा की एक्स्फ़ोलीएशन के लिए ये एक बेहतरीन उपाय है।
- आम खाने से भी त्वचा को कई तरह के लाभ होते हैं। आम त्वचा सम्बंधी रोगों जैसे की मुँहासों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। कच्चे आम की गुठली के अंदर से निकलने वाले बीज को कच्चा ही या फिर पकाकर खाने से भी त्वचा को लाभ पहुँचता है और शरीर को ऊर्जा मिलती है। आपने कभी ना कभी किसी बंदर को कच्चे आम से गुठली के अंदर का बीज निकाल कर खाते हुए तो ज़रूर देखा होगा, आयुर्वेद ज्ञाताओं का मानना है कि बंदरों को कभी ना ख़त्म होने वाली उनकी ऊर्जा और पेड़ों पर कूदने फाँदने की शक्ति इसी से मिलती है।
# ध्यान रखने योग्य बातें –
- जो लोग लेटेक्स ऐलर्जी (latex allergy) से ग्रसित होते हैं, उन्हें आम से रीऐक्शन हो सकता है। ये रीऐक्शन anacardic acid की वजह से होता है।
- आम के छिलके व आम की टहनी और फल के बीच के भाग में पाया जाने वाला रस (mango sap) बेहद नुक़सानदायक होता है। इस रस में urushiol पाया जाता है, इससे त्वचा पर rashes हो सकते हैं व skin reaction भी हो सकता है।
- आज कल आम को जल्दी पकाने के लिए calcium carbide का इस्तेमाल किया जाता है, जो की सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है। इसलिए ऐसे आम को खाने से पहले बहुत अच्छी तरह से धोना चाहिए या फिर पूरी रात पानी में डुबो के रखने ले बाद ही खाना चाहिए।