आज के समय में सबसे ज्यादा जरुरी है सेहतमंद और स्वस्थ रहना। और जब बात गर्भवती महिला की करे तो उनका स्वस्थ रहना तो और भी जरुरी हो जाता है। गर्भवती महिला को अपने और अपने शिशु के लिए अपने स्वास्थय का अच्छे से ध्यान रखना ही पड़ता है। एक बार को आप अपने लिए कोई भी समझौता कर सकते है पर अपने शिशु के स्वास्थ्य के साथ कोई भी खतरा नहीं लेना चाहेगा।
जब आपने तय कर लिया हो के आप एक स्वस्थ शिशु को जन्म देना चाहती है तो जरुरी है के सभी बातो से अपना ध्यान हटाकर अपना पूरा ध्यान खुद पर ही केंद्रित करें। सिर्फ अपने और शिशु के बारे में सोचे, इससे आपको ख़ुशी भी मिलेगी।
जरुरी है के हम जाने के कैसे एक गर्भवती महिला अपना ख्याल रखे, कैसे वह स्वस्थ रहे। किस तरीके से एक हैल्थी प्रेगनेंसी का सफर तय किया जाए? आइये जानते है एक गर्भवती महिला घर बैठे ही कैसे रहे स्वस्थ?
योगा या एक्सरसाइज
सामान्य स्वास्थ्य के लिए भी योगा और एक्सरसाइज को आवश्यक माना गया है। गर्भावस्था में एक्सरसाइज आपके तनाव को दूर करने, मूड को अच्छा करने और अच्छे नींद लेने के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। आजकल बहुत सी जगहों पर प्रेगनेंसी एक्सरसाइज क्लासेस अलग से दी जाती है। अगर आप क्लास नहीं ज्वाइन करना चाहते तो भी कोई बात नहीं हल्की फुलकी एक्सरसाइज घर पर ही कर सकते है।
ध्यान रहे गर्भावस्था में आपको हैवी एक्सरसाइज नहीं करनी है। हल्की योगा और मॉर्निंग वाक गर्भावस्था के लिए बहुत अच्छी रहती है। प्रेगनेंसी ज्यादा समय एक्सरसाइज ना करके बस 30 मिनट ही एक्सरसाइज को देना बहुत है।
कैफीन
गर्भावस्था के दौरान हमे बहुत सारी चीजों का सेवन बंद करना पड़ता है, कुछ ऐसी भी जिन्हे हम बहुत शोक से खाते हो। प्रेगनेंसी में प्रदार्थ त्यागने चाहिए जो भी कैफीन युक्त हो जैसे की चाय, कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिंक्स आदि। अगर कुछ महिलाये तम्बाकू या शराब की भी आदि है तो गर्भावस्था में यह सब चीजों को छोड़ देना चाहिए।
कैफीन युक्त चीजों के सेवन से गर्भपात और डिलीवरी के समय का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए अपने शिशु के अच्छे स्वास्थ्य के लिए चाय, कॉफी और अन्य ठंडे पेय प्रदार्थो का प्रयोग बंद कर देना चाहिए।
काम करने का तरीका
गर्भवती होने के बाद महिलाओं को अपना काम करने का तरीका बदलना पड़ता है। जैसे घर की रोजाना सफाई के समय किसी केमिकल का यूज़ करते है तो वह बंद करें। टॉक्सिक केमिकल्स और बैक्टीरिया से गर्भवती महिला और शिशु को दोनों को नुक्सान पहुंचता है।
गर्भावस्था के दौरान भारी सम्मान उठाना, ज्यादा सीढ़िया चढ़ना या उतरना भी नजरअंदाज करना चाहिए। बाग़ बगीचे की साफ़ सफाई करते समय हाथों में ग्लव्स का इस्तेमाल करें। लम्बे समय तक खड़े भी ना रहें।
बढ़ते वेट की सूचि
गर्भावस्था में वजन बढ़ना नार्मल प्रक्रिया होती है। पर एक हैल्थी वेट का बढ़ना भी बहुत जरुरी है। जरुरत से ज्यादा वेट का बढ़ना भी डिलीवरी के समय खतरा पैदा कर देता है। गर्भवती महिला का वजन उसकी हाइट के अनुसार ही बढ़ना चाहिए।
इसीलिए जरुरी है के गर्भावस्था में बढ़ते हर बदलाव की आप सूचि बनाये। अपने डॉक्टर से भी सलाह लें की आपका वजन लगभग कितना बढ़ना चाहिए। अगर वजन कम या ज्यादा है तो उसके लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
पानी की मात्रा
प्रेगनेंसी के दौरान, आपका ब्लड आपके बेबी को ऑक्सीजन और आवश्यक नुट्रिएंट्स तत्व पहुंचाता है और साथ ही वेस्ट और कार्बन डाइऑक्साइड को शिशु से दूर करता है। इसका मतलब इन सभी कामो को करने के लिए हमारे शरीर में 50 प्रतिशत एक्स्ट्रा ब्लड होना चाहिए। इन सभी एक्टिविटी को सपोर्ट करने के लिए जरुरी है के गर्भवती महिला भरपूर मात्रा में पानी पिए। अच्छी मात्रा में पानी का सेवन करने से शरीर हाइड्रेट रहता है और कब्ज की समस्या भी नहीं होती है।
अगर आप सादे पानी से ऊब जाए तो पानी में निम्बू या फलों का रस का भी सेवन कर सकते है। गर्भवती महिला के शरीर में पानी की कमी होने से समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा बना रहता है। इसीलिए पानी की मात्रा का अच्छे से सेवन करें।
संतुलित भोजन
प्रेगनेंसी में सिर्फ पानी ही नहीं बल्कि सभी जरुरी पोषक तत्वों के लिए संतुलित आहार लेना भी आवश्यक है। आयरन और फोलेट से भरपूर भोजन लेना जरुरी है। जिससे गर्भवती महिला के शरीर में आयरन और फोलेट की कमी ना हो। गर्भाशय में शिशु के विकास के लिए फोलिक एसिड बहुत ही जरुरी होता है। इसके लिए अपने भोजन में दाल, हरी सब्जियाँ, बीन्स, संतरा, दूध और दही शामिल करें।
रोजाना दिन में 4 से 5 बार थोड़ा थोड़ा भोजन खाना चाहिए। गर्भावस्था में एक साथ ज्यादा मात्रा में भोजन नहीं लेना चाहिए बल्कि थोड़ी मात्रा में 2 से 3 घंटे में कुछ कुछ खाते रहना चाहिए।
फल
गर्भावस्था में हर थोड़ी थोड़ी देर में कुछ ना कुछ खाने के लिए चाहिए होता है। और खास बात यह होती है के जल्द ही हम चीजों से ऊब भी जाते है। इसलिए फल भी खाते रहना चाहिए। ताजे फल खाने से विटामिन ए , विटामिन सी और आयरन भी मिलता है। फल खाने से शरीर हाइड्रेट भी रहता है। फलो का सेवन करने से सुबह की मॉर्निंग सिकनेस में भी आराम मिलता है।
फलों में केला, बेरीज, संतरा, सेब, अंगूर आदि को भी शामिल करें। इनके सेवन से आपका एनर्जी लेवल भी बढ़ेगा।
क्रेविंग्स
सच तो यह है के कोई भी नहीं जानता के गर्भावस्था में कब किस चीज की क्रेविंग होगी। अगर आप पूरी तरह अपनी डाइट फॉलो कर रहे है। और सभी जरुरी पोषक तत्वों का सेवन कर रहे है तो कभी कभी अपनी किसी क्रेविंग को भी हाँ बोल सकते है। अपनी किसी खाने की चीज की क्रेविंग को शांत करने पर आपका मूड़ भी रिफ्रेश हो जाता है। जिससे आपको बहुत ख़ुशी मिलती है। गर्भावस्था में खुश रहना शिशु और स्वयं के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। खुश होने से आपका स्ट्रेस भी दूर रहेगा।
पर फिर भी अपनी क्रेविंग्स को शांत करने के लिए उस पर्टिकुलर चीज की मात्रा का भी ध्यान रखे। जैसे की अगर आपको आइसक्रीम की क्रेविंग होती है तो एक बार से ज्यादा आइसक्रीम का सेवन ना करें।
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