Nind Me Chalna
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अक्सर बहुत से लोग रात को सोते समय चलने लगते है कई बार नींद में दिखने वाले स्वपन के कारण तो कभी किसी चिंता के कारण। कई बार तो लोग नींद में चलते चलते घर से बाहर तक चले जाते है और सबसे हैरानी की बात तो ये होती है की उन लोगो को पता तक नहीं चलता की वे चल रहे है। कुछ लोग तो इसे ऊपरी चक्कर, भूत आदि का नाम दे देते है जबकि वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है।
दरअसल यह एक सामान्य विकार है जिसे कोई भी व्यक्ति पीड़ित हो सकता है। लेकिन सभी को यह समझ नहीं आता जिसका मुख्य कारण होता है जानकारी का अभाव। इसीलिए आज हम आपको नींद में चलने वाली बीमारी से जुड़े प्रत्येक तथ्य के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है।
नींद में चलना क्या है?
वास्तव में नींद में चलना एक सामान्य विकार है जो धीरे-धीरे व्यक्ति की आदत बन जाती है। इस बीमारी में व्यक्ति सोते हुए चलने लगता है और अलग-अलग कार्य करने लगता है। इसे निद्रा विकार के रूप में भी जाना जाता है। बड़ो की तुलना में यह बच्चों में बहुत अधिक होती है। सामान्यतः ये बीमारी उन लोगों को होती है जिनकी नींद पूरी नहीं हो पाती।
नींद में चलते समय व्यक्ति को उस दौरान होने वाली घटनाएं याद नहीं रहती और सामान्य तौर पर इस समय व्यक्ति गहरी नींद में होता है और ऐसे में उन्हें जगाना काफी मुश्किल होता है।
वैसे तो ये बीमारी समय के साथ खुद ही ठीक हो जाती है लेकिन इसके ठीक होने से पूर्व बहुत अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। क्योंकि नींद में चलते समय व्यक्ति नींद में होता है ऐसे में दुघटना की संभावना काफी बढ़ जाती है।
रात्रि के समय नींद में चलने के कारण और लक्षण :
बड़ों और बच्चों में नींद में चलने के निम्नलिखित कारण हो सकते है।
- नींद पूरी नहीं होना।
- चिड़चिड़ापन।
- अवसाद।
- स्पेशल दवायें।
- शराब का सेवन करना।
- व्यक्ति की चिकित्सीय स्थिति।
- व्यक्ति की मानसिक समस्याएं।
- कुछ केसेस में ये समस्या अनुवांशिक भी होती है।
बीमारी के लक्षण :
नींद में चलने वाले लोगों लो देखकर लगता है की वे जगे हुए है जबकि वे सोए हुए होते है। इस समस्या के होने पर व्यक्ति अपने बिस्तर के आस पास ही चलता है साथ ही कुछ विभिन्न क्रियाएं भी करता है। यदि उन लोगो को जगाया नहीं जाए तो वे नींद में चलते चलते अलग और किसी और जगह पर जाकर वापस सो जाते है।
विकार की पहचान :-
सामान्य तौर पर घर के परिजन बच्चों की इस बीमारी की पहचान करते है जबकि बड़े ऐसी घटनाओं को ध्यान रखकर स्वयं ही इस बीमारी की पहचान कर लेते है। यदि नींद में चलने की घटनाएं बार बार हो रही है तो डॉक्टर से मिलें और मानसिक व् शारीरिक परिक्षण करवाएं।
नींद में चलने की समस्या का उपचार और बचाव :-
सामान्य तौर पर इस बीमारी के लिए किसी उपचार की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन अगर नींद में चलने के दौरान चोट लग जाए या कोई समस्या हो जाए तो उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है।
- अगर आप किसी बीमारी की दवा लेते है और उस दवा की वजह से आप नींद में चलने लगे हो तो उनमे परिवर्तन कराएं या उन्हें खाना बंद कर दें।
- नींद दूर करने के लिए आपकी डॉक्टरी परामर्श से दवाओं का सेवन कर सकते है।
- नींद में कमी, मानसिक रोग या किसी अन्य समस्या के लिए उपचार करवाएं।
यदि व्यक्ति को नींद में चलने की आदत है तो उसके हाथों को किसी मुलायम चीज या दुप्पटे से बांध दें ताकि जब वह चलने लगे तो आपको पता चल जाए। इसके अलावा अगर संभव हो सके तो रात के समय रोगी का ध्यान रखे और समय समय पर जागकर उसे देखते रहे।
बचाव :
- अवसाद-रोधकों और शराब के सेवन से दूर रहें।
- तनाव, विवाद या क्रोध से दूर रहे क्योंकि ये विकार को बढ़ा सकते हैं।
- अनिद्रा से बचें, नींद में खलल न आने दें।
नींद में चलना कोई गंभीर स्थिति नहीं है। डॉक्टर के पास केवल तभी जाए जब या तो नींद में चलना लगातार जारी है या कोई नींद में चलने के दौरान खतरनाक कार्यवाही (गाड़ी चलाना) करने लगे।
यदि आवश्यक हो तो नींद में चलने वाले को जगा सकते हैं; जागने के बाद थोड़ी देर के लिए भटके हुए या भ्रमित हो सकते हैं। लेकिन बाद में सब नार्मल हो जाएगा।