ब्रैस्ट पेन एक आम समस्या होती है जो की महिला को पीरियड्स के दौरान, प्रेगनेंसी के दौरान, ज्यादा कैफीन के सेवन, आदि के कारण होना आम बात होती है। लेकिन स्तन में होने वाले दर्द को ज्यादा समय तक अनदेखा भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि कई बार यह ब्रैस्ट कैंसर, या ब्रैस्ट में सूजन होने के कारण भी हो सकता है। लेकिन ब्रैस्ट में हमेशा पेन का कारण ब्रैस्ट कैंसर हो यह भी सही नहीं है।
ब्रैस्ट में होने वाला दर्द कई बार असहनीय होता है, लेकिन यदि यह दर्द आपको पीरियड्स के दौरान होता है तो पीरियड्स के बाद इससे आपको निजात भी मिल जाता है। इसकी समस्या होने के एक कारण महिलाओ का अपने ब्रैस्ट के लिए सही ब्रा का चुनाव न करना भी हो सकता है। ऐसे ही बहुत से कारण होते है। तो आइये आज हम आपको विस्तार से बताते हैं की ब्रैस्ट में पेन होने के क्या क्या कारण होते है।
ब्रैस्ट पेन के कारण:-
ज्यादा व्यायाम करने के कारण:-
अधिक व्यायाम करने से भी आपके शरीर के उत्तको में खिंचाव पड़ता है, जिसके कारण आपको दर्द का अनुभव हो सकता है। भारी स्तन वाली महिलाओ को ये परेशानी अधिक होती है, इसीलिए व्यायाम करने के साथ आपको अपनी डाइट का भी अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको ऐसी किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े।
फिटिंग की ब्रा न पहनने के कारण:-
महिलाओ को अपने ब्रैस्ट शेप को सही रखने के लिए अपने साइज की ब्रा पहननी चाहिए, यदि महिलाएं अपने साइज की ब्रा नहीं पहनती हैं, तो इसके कारण न केवल महिलाओ का ब्रैस्ट शेप ख़राब होता है, बल्कि टाइट ब्रा पहनने के कारण मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है जिसके कारण ब्रैस्ट में पेन की समस्या हो सकती है।
स्तन अल्सर के कारण:-
ब्रैस्ट में कई बार अंगूर के साइज जितनी थैलियों में तरल पदार्थ सा भर जाता है, जिसके कारण महिला को ब्रैस्ट पेन का अनुभव हो सकता है। ज्यादातर महिलाओ में यह समस्या मेनोपॉज़ होने के बाद देखी जाती है।
ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन करने पर:-
जो महिलाएं ज्यादा मात्रा में चाय, कॉफ़ी, सोडा, चॉकलेट, कैफीन युक्त पदार्थो का सेवन करती है। उसके कारण धीरे धीरे उनकी रक्त वाहिकाओं में खिंचाव होने लगता है, जिसके कारण महिला को ब्रैस्ट में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है, इसीलिए महिलाओ को अधिक मात्रा में कैफीन के सेवन से परहेज करना चाहिए।
दवाइयों के कारण:-
जिन दवाइयों के मुख्य घटक एस्ट्रोजन, और प्रोजेस्ट्रोन होते हैं, उनके सेवन से महिलाओ को ब्रैस्ट पेन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। यह घटक खासकर जन्म नियंत्रण वाली दवाइयों और हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी की दवाइयों में अधिक होता है। इसीलिए इन दवाइयों के सेवन को अधिक मात्रा में करने से बचना चाहिए।
हार्मोनल बदलाव के कारण:-
मासिक धर्म के दौरान, प्रेगनेंसी के समय, मेनोपॉज़ के बाद, शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण, स्तनों में दर्दम सूजन, व् भारीपन का महसूस होना आम बात होती है। और इन सबके खत्म होने के बाद आपको इस दर्द से भी राहत मिल जाती है, लेकिन यदि आपको हमेशा ही ऐसा दर्द रहता है तो इस बारे में आपको अपने डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
चोट लगने के कारण:-
यदि आपको ब्रैस्ट पर कोई चोट, या दाना आदि निकला हुआ है, तो इसके कारण भी ब्रैस्ट की स्किन प्रभावित होती है। जिसके कारण ब्रैस्ट में पेन होना आम बात होती है। आपकी चोट ठीक होने पर आपको इस दर्द से राहत मिलने में मदद मिलती है।
ब्रैस्ट में गाँठ होने पर:-
कई बार ब्रैस्ट में सूजन, व् स्तन टाइट होने लगता है, और उसमे गाँठ सी प्रतीत होती है। ऐसे में कई लोग इसे कैंसर समझने लगते हैं जो की गलत होता है। यदि आपको गाँठ सी महसूस होती है तो आपको डॉक्टर को चेक करवाना चाहिए। और साथ ही इसे दिखाने में लापरवाही भी नहीं करनी चाहिए।
स्तनपान करवाने के दौरान:-
डिलीवरी के बाद में जब शुरुआत में महिला को स्तनपान करवाने पर भी ब्रैस्ट में दर्द का अहसास हो सकता है। क्योंकि दूध पीने के लिए शिशु स्तन पर खिंचाव डालता है, जिसके कारण शुरुआत में स्तन में दर्द का अनुभव महिला को हो सकता है।
ब्रैस्ट कैंसर होने पर:-
यदि आपको ब्रैस्ट कैंसर की समस्या होती है, तो भी आपको अधिक दर्द की समस्या लगातार बनी रहती है। इसीलिए यदि कभी आपको ब्रैस्ट से जुडी ऐसी कोई परेशानी हो तो बिना देरी किये डॉक्टर से एक बार राय जरूर लेनी चाहिए, ताकि आपकी इस समस्या का समाधान होने में मदद मिल सकें।
यदि आपको ब्रैस्ट पेन की समस्या अधिक होती है तो एक बार आपको डॉक्टर को जरूर चेक करवाना चाहिए। ताकि आपको दर्द का कारण पता चल सके और आप इस समस्या का समाधान कर सकें। लेकिन यदि आप इसे अनदेखा करते हैं तो कई बार यह आपके लिए बड़ी समस्या भी खड़ी कर सकता है।