किसी भी महिला के लिए माँ बनना उसकी जिंदगी का सबसे खास अनुभव होता है। क्योंकि उनकी खुशियों की चाबी यानी की उनके घर में उनकी खुशियों को बढ़ाने के लिए नन्हा मेहमान आ जाता है। जैसे जैसे डिलीवरी का समय पास आता है वैसे वैसे महिलाएं सोचने लगती है की उनकी डिलीवरी नार्मल होगी या सिजेरियन। ज्यादातर महिलाएं चाहती है की उनकी डिलीवरी नार्मल हो, क्योंकि नार्मल डिलीवरी के बाद महिला को रिकवर होने में कम समय लगता है।

जबकि सिजेरियन डिलीवरी के बाद उठने बैठने में भी महिला को परेशानी का अनुभव करना पड़ता है। लेकिन जब नार्मल डिलीवरी के दौरान प्रसव पीड़ा की बात आती है, तो महिलायें सोचती है की सिजेरियन ही ठीक है। लेकिन क्या आप जानती है की प्रसव के दौरान होने वाले इस दर्द को कम किया जा सकता है। तो आज हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स देने जा रहें है जो की आपकी डिलीवरी के समय होने वाले दर्द को कम करने में मदद करते है।

प्रसव पीड़ा को कम करने के टिप्स:-

व्यायाम करें:-

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को फिट रहने के लिए हल्का फुल्का व्यायाम करते रहना चाहिए। ऐसा करने से महिला के शरीर को आराम मिलता है, और साथ ही इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए की आप ऐसा व्यायाम करें की जिससे आपको और गर्भ में पल रहे शिशु को किसी तरह की हानि न पहुंचे। और प्रेगनेंसी के आखिरी दिनों में भी व्यायम करते रहना चाहिए इससे आपको प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद मिलती है।

योगा व् मैडिटेशन करें:-

योगा व् मेडिटशन करने से भी आपको शांत रहने में मदद मिलती है, और साथ ही आपकी बॉडी भी फिट रहती है। और यदि आप प्रेगनेंसी में नियमित ऐसा करती हैं, तो ऐसा करने से प्रसव पीड़ा के दौरान तनाव से मुक्त रहने में मदद मिलती है, जिससे आपको प्रसव पीड़ा को सहन करने में मदद मिलती है।

पोजीशन बदलते रहें:-

प्रसव के दौरान महिला के पेट में अधिक दर्द होने के कारण महिला सीधी और एक ही दिशा में लेट जाती है। जिसके कारण उसे दर्द का अहसास ज्यादा होता है। लेकिन यदि महिला दर्द होने पर अपनी पोजीशन को बार बार बदलती रहती है तो इससे दर्द को कम करने में मदद मिलती है।

सांस तेजी से न लें:-

घबराहट और पेट में दर्द के कारण महिला साँस तेजी से लेने लगती है। और सांस की गति तेज होने के कारण दर्द और बढ़ सकता है। ऐसे में महिला को अपने सांस की गति को धीमा करने की कोशिश करनी चाहिए, इससे उसके दर्द को कम करने में मदद मिलती है, जिससे प्रसव के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है।

पैदल चलें:-

दर्द होने पर एक जगह बैठने या लेटने से अच्छा है की आप थोड़ा दर्द सहन करते हुए पैदल चलना चाहिए। क्योंकि प्रसव के दौरान शिशु काफी संकुचन पैदा करता है। और जब आप पैदल चलते हैं तो इसके कारण बच्चा थोड़ा नीचे की और आता है, जिसके कारण डिलीवरी में अधिक समय नहीं लगता है। और आपको प्रसव के दौरान होने वाले दर्द से बचाने में भी मदद मिलती है।

बातें करें:-

प्रसव पीड़ा के दौरान यदि शिशु को जन्म लेने में अभी समय है, तो ऐसे में महिला को अपना ध्यान दर्द से हटाना चाहिए, और अपने पार्टनर से या किसी और से बातें करनी चाहिए। ऐसा करने से महिला को प्रसव पीड़ा के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही महिला को मानसिक रूप से भी राहत पाने में मदद मिलती है।

पानी का भरपूर सेवन करें:-

प्रसव पीड़ा को कम करने के लिए पानी का सेवन करना एक घरेलू नुस्खा है। क्योंकि इस दौरान महिला की कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती है, जिसके कारण खाली पेट रहने पर गैस आदि की परेशानी हो जाती है। जिसके कारण पेट में अधिक दर्द हो सकता है ऐसे में महिला को दर्द कम करने के लिए पानी का सेवन करते रहना चाहिए। इससे भी आपको प्रसव पीड़ा से आराम पाने में मदद मिलती है।

तो ये हैं कुछ टिप्स जो आपको प्रसव के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद करते है। इस दर्द को सहना इतना आसान नहीं होता है, इसीलिए ऐसा कहा जाता है की महिला के लिए शिशु को जन्म देना किसी जंग से कम नहीं होता है। और वो मौत के मुँह से बाहर आकर एक नन्ही जान को इस दुनिया में लाती है। तो यदि आपकी भी डिलीवरी का समय पास है तो आप भी इन टिप्स का इस्तेमाल कर सकती है।

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