गर्भपात हो जाना एक बहुत बड़ी समस्या है। कई बार गर्भपात कुछ दिक्कतों के कारण भी हो जाता है। हर औरत अपनी जिंदगी में बच्चे का सपना देखती है। पर कई बार कुछ मेडिकल प्रोब्लम हो जाती है जिससे गर्भपात हो जाता है। ऐसी स्थिति में एक औरत को बहुत दुःख होता है और वह गहरे सदमे में चली जाती है। उसके दिल और दिमाग पर गहरा असर देखने को मिलता है, जो उसे शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर कर देता है। कभी–कभी महिलायें अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिय भी गर्भपात करवाती है। पर इसे करवाने के बाद कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव देखने को मिलते है। कई बार तो गर्भपात जिन्दगी को भी खतरे में डाल देता है।

गर्भपात होने के निम्न कारण हो सकते है-

  • लगातार बढती उम्र- आजकल कई लोग अपने करियर को बनाने के चक्कर में शादी करने में देर कर देते है। जिससे ज्यादा उम्र होने के कारण शरीर कमजोर हो चुका होता है जो गर्भ धारण करने में भी समस्या उत्पन करता है और अगर गर्भ धारण हो भी जाता है तो  उसमे भी गर्भपात होने के बहुत ज्यादा चांस होते है।
  • कई प्रकार की गंभीर बीमारियाँ- अगर शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ होती है तो वह शरीर को कमजोर कर देता है जो गर्भपात का कारण बन सकता है। गर्भाशय का संक्रमण भी गर्भपात का कारण हो सकता है।
  • यदि गर्भधारण से पहले भी गर्भपात कराया हो- यदि आपने पिछले समय में कभी गर्भपात कराया है तो यह भी आपके गर्भपात का मुख्य कारण हो सकता है।
  • शराब या अन्य मादक पदार्थो का सेवन करना- इस तरह की गलत आदते भी समस्या उत्पन्न कर देती है। जैसे जो महिलायें शराब का सेवन अधिक मात्रा में करते है और अपनी देखभाल करना बंद कर देते है तो भी गर्भपात का खतरा बना रहता है।

गर्भपात कराने के बाद निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है-

  • ज्यादा मात्रा में रक्तस्त्राव- कभी-कभी एबॉर्शन करने के बाद रक्त का स्त्राव बहुत ज्यादा हो जाता है क्योंकि गर्भपात करते समय डॉक्टर कई प्रकार के औजारों का प्रयोग करते है जिसकी वजह से गर्भ में चोट भी लगना एक कारण हो सकता है।
  • मासिक धर्म में अनियमिता- गर्भपात कराने के बाद पीरियड में अनियमिता आ जाती है। कभी-कभी दाग रुक-रुक कर तो कभी-कभी ये लम्बे समय तक दिखाई देता है। दाग आने का समय 10 से 15  दिन भी हो सकता है।
  • अवसाद- गर्भपात कराने के बाद महिलाओं के अन्दर कई तरह के मानसिक बदलाव होते है। कभी कभी वो मानसिक रूप से खुद को कमजोर महसूस करती है।
  • संक्रमण की समस्या- एबॉर्शन कराते समय डॉक्टरों द्वारा संक्रमित औजार प्रयोग करने से गर्भाशय में संक्रमण होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। संक्रमण की समस्या महिलाओं के लिए कई समस्या पैदा कर सकती है।
  • भविष्य में गर्भघारण करने में परेशानी- गर्भपात करवाने के बाद दोबारा गर्भधारण के बारे में जब महिलाये सोचती है तो फिर से एबॉर्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। माँ बनना बहुत मुश्किल हो जाता है।
  • हीनता की भावना- गर्भपात कराने से महिलाओं के अन्दर कई तरह के मनोवैज्ञानिक परिवर्तन होते है। कई बार हम अनचाहे गर्भ को ख़त्म करने के बाद अपराध बोध की भावना से ग्रसित हो जाते है जो हमारे अन्दर हीनता की भवना पैदा कर देती है।
  • शारीरिक कमजोरी- गर्भपात होने के बाद एक महिला का शरीर कमजोर हो जाता है। ऐसे में उसका अच्छे से ध्यान रखना ज्यादा जरुरी हो जाता है। अगर हम ध्यान नहीं देगे तो हमें इसका बुरा परिणाम देखना पड़ सकता है।

गर्भपात कराने से पहले निम्न बातो पर अवश्य ध्यान दे-

  • डॉक्टर की सलाह ले-  हमें  एबॉर्शन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। खुद गोली (Pills) ले कर घर पर एबॉर्शन नहीं करना चाहिए। क्यूंकि जब गोली लेते है तो भ्रूण पूरी तरह से समाप्त नहीं होता है। उसका कुछ न कुछ अंश गर्भ में रह जाता है। जो सुरक्षित तरीका नही है।
  • किसी अनुभवशील महिला से बात करे– एबॉर्शन करने के बाद क्या परिणाम देखने को मिलते है यह जानने के लिए एक ऐसी महिला से बात करे जिसने अपना पहले पहले एबॉर्शन कराया हो। इससे आपको यह पता चल जायेगा की एबॉर्शन कराने के बाद आपको किस तरह की परेशानियों को सामना करना पड़ा और उन्होंने क्या बदलाव महसूस किया।
  • तनाव ना ले- इसके लिये आपको पहले से खुद को एबॉर्शन के लिए तैयार करना होगा। एबॉर्शन से पहले डॉक्टर से सलाह ले।
  • अपने मासिक धर्म की जाँच करते रहे- आप कैलेंडर पर निशान लगा कर भी अपने मासिक धर्म की गणना कर सकते है। अगर आपका मासिक रुका हुआ है तो आप डॉक्टर से या खुद अपनी प्रेग्नेंशी की  जाँच कर सकते है।
  • गर्भ की जाँच करते रहे-  हर महीने अपना रूटीन चेकअप कराते रहे  ताकि यह पता चलता रहे की बच्चे की ग्रोथ सही से हो रही है कि नहीं। क्यूंकि कुछ मामलो मे ही एबॉर्शन करने कि जरुरत पड़ती है। अगर एबॉर्शन करना जरुरी हो तभी कराये।

निष्कर्स : हर लड़की की जिंदगी में माँ बनना एक हसीन सपना होता है। वह इस दिन का बेसबरी से इंतजार करती है कि कब उसके बच्चे का जन्म होगा। वह अपने बच्चे को लेकर कई तरह के सपने देखना शुरू कर देती है। पर कभी-कभी जब कुछ परिस्थितियों के कारण उसका गर्भपात हो जाता है तो वह भावात्मक रूप से बहुत दुखी हो जाती है। गर्भपात हो जाने पर वह अवसाद में चली जाती है।

ऐसे में उसकी देखरेख करना जरुरी हो जाता है। पर जब हम अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए एबॉर्शन करवाते है तो हमें पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए और उनकी देखरेख में ही एबॉर्शन कराना चाहिये। यही सुरक्षित रहेगा। दोस्तों आपको हमारा लेख आपको कैसा लगा जरुर बताये।

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