प्रेगनेंसी के दौरान माँ के पेट में शिशु की हलचल महसूस होना प्रेगनेंसी का सबसे यादगार और बेहतरीन पल होता है। क्योंकि यह हलचल महिला को अपने बच्चे से और करीब होने का अहसास करवाती है। साथ ही जैसे जैसे पेट में बच्चे का विकास बढ़ता जाता है। वैसे वैसे गर्भ में बच्चे की हलचल भी बढ़ने लगती है। पहली बार माँ बन रही महिला के मन में यह सवाल जरूर आता है की कब उनका शिशु गर्भ में हलचल करेगा।
जबकि दूसरी बार माँ बन रही महिलाएं इस अनुभव को आसानी से समझ जाती है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम शिशु कब से पेट में हलचल करता है, कम हलचल का क्या मतलब होता है, ज्यादा हलचल का क्या मतलब होता है, और शिशु हलचल न करे तो क्या करना चाहिए इस बारे में जानते हैं।
कब शुरू करता है शिशु हलचल?: वैसे तो शिशु की आकृति बनने के बाद से ही शिशु गर्भ में घूमना शुरू कर देता है। लेकिन शिशु का आकार छोटा होने के कारण महिला उसे समझ नहीं पाती है और महिला को वह हलचल महसूस भी नहीं होती है। पर उसके बाद जब शिशु का आकार बढ़ता है तो महिला को शिशु की हलचल महसूस होने लगती है। यह हलचल प्रेगनेंसी के पांचवें महीने की शुरुआत या अंत तक आते आते लगभग हर महिला को महसूस होने लग जाती है। लेकिन जो महिलाएं पहली बार माँ बन रही होती है उन्हें इस हलचल को समझने में थोड़ा समय लग सकता है।
शिशु की हलचल में कमी का कारण?: कई बार प्रेगनेंसी के छठे सातवें महीने में महिला को शिशु की हलचल का अनुभव तो होता है लेकिन शिशु बहुत कम समय के लिए हलचल करता है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला का परेशान होना बहुत ही आम बात होती है। और शिशु की हलचल कम क्यों हो रही है इसके बारे में जानना बहुत जरुरी हो जाता है। तो यदि आप प्रेग्नेंट हैं और आपका शिशु भी कम हलचल करता है तो इसका सबसे बड़ा कारण शिशु के विकास में कमी हो सकती है, इसके अलावा शिशु तक ऑक्सीजन का सही से न पहुँचने के कारण भी शिशु की हलचल में कमी आ सकती है।
शिशु की हलचल न होने पर क्या करें?: कई बार जब प्रेग्नेंट महिला किसी काम को कर रही होती है तो उस दौरान हो सकता है की प्रेग्नेंट महिला को शिशु ही हलचल का अनुभव न हो। लेकिन यदि आप बहुत देर से आराम कर रही है, बहुत शोर होने पर भी शिशु गर्भ में हलचल नहीं करता है। तो इस लक्षण को अनदेखा नहीं करना चाहिए। और तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए, क्योंकि माँ के पेट में बच्चे की हलचल में कमी खतरे की और इशारा करती है।
कब करता है शिशु सबसे ज्यादा हलचल?: शिशु सबसे ज्यादा हलचल रात के समय करता है, जब बहुत अधिक शोर या रौशनी होती है, जब आप आराम से बैठी होती हैं, तो शिशु सबसे ज्यादा हलचल करता है।
तो यह हैं माँ के पेट में शिशु के हलचल से जुडी कुछ बातें, जो की प्रेग्नेंट महिला को जरूर ध्यान रखनी चाहिए और पता होनी चाहिए। ताकि माँ और बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।