प्रेगनेंसी में सूजन

गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी शारीरिक परेशानियों से जूझना पड़ता है, और कई बार महिलाएं मानसिक रूप से भी परेशान हो सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव व् शारीरिक बदलाव के कारण यह शारीरिक समस्याएं हो सकती है। चक्कर आना, चिड़चिड़ापन महसूस होना, मूड स्विंग्स होना, बॉडी में दर्द का अनुभव होना, उल्टी आना, आदि समस्याएं प्रेगनेंसी के दौरान महिला को हो सकती है। इसके अलावा कई महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी के कई अंगो में सूजन की समस्या भी हो सकती है, और यह काफी सामान्य होता है। लेकिन यदि अंगो में सूजन की समस्या अधिक होने लगे और सूजन के साथ दर्द का अनुभव भी हो तो ऐसे में महिला को इसे अनदेखा न करते हुए एक बार डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए।

प्रेगनेंसी में सूजन होने के कारण

  • गर्भाशय के अकार में परिवर्तन आने के कारण हदय से पैरों की तरफ जाने वाली नसों में ब्लड फ्लो बेहतर तरीके से नहीं हो पाता है जिसके कारण गर्भवती महिला को सूजन की समस्या हो सकती है।
  • गर्भवती महिला यदि किसी शारीरिक समस्या जैसे की थायरॉइड आदि से जूझ रही होती है तो भी अंगो में सूजन की समस्या हो सकती है।
  • तनाव दूर करने, ब्लड प्रैशर कण्ट्रोल करने वाली दवाइयों का सेवन यदि गर्भवती महिला करती है तो भी गर्भवती महिला को यह परेशानी हो सकती है।
  • नमक की मात्रा अधिक लेने के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
  • यदि गर्भवती महिला अपने आहार में पोटैशियम की मात्रा कम लेती है तो भी गर्भवती महिला को सूजन की समस्या से परेशान होना पड़ सकता है।
  • देर तक एक पोजीशन में रहने के कारण, बहुत देर तक पैरों के भार खड़े होने के कारण, सीधे सोने के कारण भी गर्भवती महिला को सूजन की समस्या के कारण परेशान होना पड़ सकता है।
  • जो गर्भवती महिलाएं कैफीन का सेवन अधिक मात्रा में करती हैं उन्हें भी सूजन की समस्या से परेशान होना पड़ सकता है।

गर्भवती महिला के किन अंगो में सूजन की समस्या हो सकती है

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को बॉडी के कई अंगो में सूजन की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, तो लीजिये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में किन किन पार्ट्स में सूजन की समस्या हो सकती है।

पैरों में सूजन

ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में सूजन की समस्या हो सकती है, और यह परेशानी प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही में सबसे अधिक होती है। क्योंकि वजन बढ़ने के कारण हदय से पैरों तक की मांसपेशियों में ब्लड फ्लो बेहतर तरीके से होने समस्या होने के साथ महिला के अधिक देर तक पैरों के भार खड़े रहने के कारण महिला को यह समस्या हो सकती है।

ब्रेस्ट

प्रेग्नेंट महिलाओं के ब्रेस्ट में दूध के उत्पादन होने के कारण दुग्ध ग्रंथियों का फैलाव होने लगता है। जिसके कारण प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ही गर्भवती महिला को ब्रेस्ट में दर्द, भारीपन महसूस होना, सूजन, खुजली जैसी समस्या हो सकती है।

होंठों

गर्भावस्था के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण कई बार महिला के होंठों में सूजन की समस्या भी हो सकती है ऐसे में गर्भवती महिला को बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए।

चेहरे पर सूजन

कई गर्भवती महिलाओं को सूजन की समस्या चेहरे पर भी देखने को मिल सकती है, और यदि चेहरे की सूजन अधिक बढ़ने लगे तो इसे अनदेखा न करते हुए एक बार डॉक्टर से जरूर चेक करवाना चाहिए।

मसूड़ों में सूजन

यदि गर्भवती महिला को दांतों में दर्द या मसूड़ों में दर्द की समस्या रहती है, तो प्रेगनेंसी के दौरान महिला को मसूड़ों में भी सूजन की समस्या रह सकती है और कई बार मसूड़ों में से खून भी आ सकती है।

नाक में सूजन

पुराने समय में यदि गर्भवती महिला की नाक में सूजन की समस्या होती थी तो ऐसा कहा जाता था की गर्भवती महिला के गर्भ में लड़की है, जो की केवल अंदाजा ही था। लेकिन यदि महिला को प्रेगनेंसी के दौरान यदि नाक में सूजन की समस्या होती है तो इसका कारण भी बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं।

टखनों में सूजन

पैरों और टखनों पर बॉडी का पूरा वजन पड़ने के कारण गर्भवती महिला को पैरों के साथ टखनों में भी सूजन की समस्या से परेशान होना पड़ सकता है।

प्राइवेट पार्ट

गर्भवती महिला को इन्फेक्शन होने के कारण या पेट के निचले हिस्से में दबाव अधिक पड़ने के कारण प्राइवेट पार्ट में भी सूजन जैसी समस्या हो सकती है। और प्राइवेट पार्ट में सूजन होने के कारण यूरिन करने में परेशानी, प्राइवेट पार्ट में दर्द आदि की समस्या भी हो सकती है।

तो यह हैं वो अंग जिनमे प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को सूजन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा होना प्रेगनेंसी के दौरान आम बात होती है, लेकिन फिर भी सूजन की समस्या अधिक होने पर या सूजन के साथ दर्द महसूस होने पर इस समस्या से निजात पाने के लिए एक बार डॉक्टर से जरूर राय लेनी चाहिए। ताकि आपकी परेशानी को कम करने में मदद मिल सके।

Comments are disabled.