गर्भावस्था में पेट
प्रेगनेंसी के दौरान तीन महीने महीने के बाद महिला का बेबी बंप थोड़ा थोड़ा करके दिखना शुरू हो जाता है। और गर्भवती महिला के पेट को देखकर बहुत सी बातों का अंदाजा लगाया जा सकता है जैसे की गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की, आदि। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाओं का पेट थोड़ा ज्यादा बड़ा हो जाता है तो कुछ महिलाओं का कम रहता है। और इसे लेकर महिला को टेंशन भी हो सकती है लेकिन आपको इसे लेकर परेशान होने की जरुरत नहीं होती है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला के पेट का निकलना गर्भ में शिशु के विकास, महिला की शारीरिक सरंचना जैसी बातों पर निर्भर करता है।
प्रेगनेंसी में पेट छोटा होने के कारण कोई परेशानी तो नहीं होती
गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान पेट का आकार छोटा होने के कारण परेशान हो सकती है। हमेशा नहीं लेकिन कई बार गर्भ में शिशु के विकास से सम्बंधित समस्या होने के कारण महिला का पेट छोटा दिखाई दे सकता है, यह गर्भवती महिला के लिए थोड़ा परेशानी का कारण हो सकता है।लेकिन हर बार एक ही कारण की वजह से महिला का पेट छोटा दिखाई दे ऐसा कोई जरुरी नहीं है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेग्नेंट महिला के प्रेगनेंसी में पेट किन कारणों की वजह से छोटा होता है।
महिला की हाइट
प्रेगनेंसी के दौरान महिला का पेट महिला की लम्बाई पर निर्भर करता है जैसे की जिन महिलाओं की लम्बाई ज्यादा होती है। उनका पेट छोटी हाइट की महिलाओं के मुकाबले कम दिखाई देता है। ऐसे में महिला को परेशान होने की जरुरत नहीं होती है।
उम्र
जिन महिलाओं की उम्र अठारह वर्ष के आस पास या पेंतीस से अधिक होती है यदि वो प्रेग्नेंट होती है तो उम्र के अनुसार उन्हें भी प्रेगनेंसी के दौरान पेट का आकार छोटा महसूस हो सकता है। लेकिन इसमें किसी तरह की घबराने की बात नहीं होती है।
शिशु का विकास
जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान नहीं रखती है, खाने में लापरवाही करती है, नशे का सेवन करती है, जिन महिलाओं के शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है, आदि। इन कमियों के कारण गर्भ में शिशु के विकास में कमी आ सकती है। और यदि गर्भ में शिशु का विकास कम होता है तो इस कारण भी महिला का पेट कम दिखाई देता है।
तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से प्रेग्नेंट महिला का पेट कम दिखाई दे सकता है। यदि शिशु के विकास से सम्बंधित परेशानी के कारण ऐसा होता है तो महिला को अपनी डाइट और सेहत का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि गर्भ में शिशु का विकास बेहतर तरीके से होने में मदद मिल सके।