गर्भधारण करने के बाद से ही गर्भवती महिला को शारीरिक परेशानियां होनी शुरू हो जाती है। और इसका कारण बॉडी में तेजी से होने वाले हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी आना, मॉर्निंग सिकनेस, सिर दर्द, मुँह के स्वाद में बदलाव, पीठ व् कमर में दर्द आना जैसी समस्याएं गर्भवती महिला को हो सकती है। और यह समस्याएं प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही तक आते आते थोड़ी कम होने लगती है, लेकिन कमर में दर्द एक ऐसी समस्या है जो प्रेगनेंसी आगे बढ़ने के साथ और ज्यादा बढ़ सकती है। क्योंकि जैसे जैसे गर्भाशय का आकार बढ़ता है वैसे वैसे कमर की मांसपेशियों में खिंचाव होने के साथ कमर का दर्द भी बढ़ सकता है। कई बार तो यह दर्द इतना बढ़ जाता है की इसके कारण गर्भवती महिला को उठने, बैठने, लेटने आदि में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। और यह दर्द तब और भी अधिक होता है यदि प्रेग्नेंसी के पहले से ही गर्भवती महिला को पीठ के दर्द की समस्या रहती है।
प्रेगनेंसी के दौरान कमर में दर्द होने के कारण
वजन: प्रेगनेंसी के दौरान लगातार वजन बढ़ता है, और बढे हुए वजन को रीढ़ की हड्डी सपोर्ट करती है, जिसके कारण कमर में दर्द की समस्या महिला को हो सकती है।
हार्मोनल बदलाव: प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में लगातार हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं। और इन्ही हार्मोनल बदलाव के होने के कारण बॉडी में एक हॉर्मोन रिलीज़ होता है जिसे रिलैक्सिन हॉर्मोन कहते हैं। इस हॉर्मोन के बॉडी में रिलीज़ होने के कारण भी प्रेग्नेंट महिला को कमर में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
तनाव: प्रेग्नेंट महिला के अधिक तनाव लेने के कारण भी कमर के साथ बॉडी में अन्य पार्ट्स में दर्द व् कमजोरी की समस्या हो सकती है।
मांसपेशियों में खिंचाव: गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण पेट व् कमर की मांसपेशियों में खिंचाव अधिक होने के कारण भी गर्भवती महिला को कमर में दर्द की समस्या हो सकती है।
पहले से हो परेशानी: जिन गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के पहले से की कमर में दर्द की समस्या रहती है, उन महिलाओं को कमर में दर्द की परेशानी अधिक हो सकती है।
सही मुद्रा: गर्भवती महिला यदि सही पोजीशन में उठती, बैठी या लेटती नहीं है तो इसके कारण भी महिला को कमर में दर्द की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
प्रेगनेंसी में कमर दर्द से बचने के उपाय
गर्भावस्था में कमर दर्द का होना आम बात है, लेकिन कई बार दर्द बहुत अधिक बढ़ जाता है जिसे सहन करना गर्भवती महिला के लिए मुश्किल हो सकता है। ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए गर्भवती महिला कुछ आसान तरीको का इस्तेमाल कर सकती है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी में कमर दर्द की समस्या से बचने के लिए महिला को क्या करना चाहिए।
प्रेगनेंसी पिलो
मार्किट में प्रेगनेंसी पिलो आसानी से मिल जाता है यदि आप प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द की समस्या से परेशान हैं, तो इस पिलो का इस्तेमाल करके आसानी से इस परेशानी से निजात पा सकते हैं। सोते समय, बैठते समय इस पिलो का इस्तेमाल करें यह आपको कमर दर्द की समस्या से बचाव करने में मदद करेगा। साथ ही वजन बढ़ने के कारण गर्भवती महिला को सोने में होने वाली परेशानी से निजात दिलाने में भी यह आपकी मदद करता है।
मेटरनिटी बेल्ट
प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली कमर दर्द की समस्या से बचने के लिए आप मेटरनिटी बेल्ट का इस्तेमाल भी कर सकती है। इस बेल्ट को लगाने से मांसपेशियों में हो रहे खिंचाव से आराम मिलने के साथ बढे हुए वजन को सपोर्ट देने में भी मदद मिलता है जिससे प्रेग्नेंट महिला को कमर दर्द की समस्या से राहत पाने में मदद के साथ महिला को उठने बैठने में भी आसानी हो जाती है।
स्विमिंग
प्रेगनेंसी में कमर दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए स्विमिंग एक बेहतरीन उपाय है, हफ्ते में एक या दो बार भी यदि आप स्विमिंग करती है तो प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द के साथ अन्य बॉडी पार्ट्स में होने वाली दर्द की समस्या से भी आपको निजात पाने में मदद मिलती है।
मालिश
कमर दर्द से आराम के लिए मालिश एक आसान और असरदार विकल्प है। आप घर के किसी सदस्य से कमर की हल्के हाथों से मालिश करवा सकती है, और इसके लिए आप किसी भी तेल का इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन ध्यान रखें की मालिश करवाने के लिए आप पेट के बल न लेटें, बल्कि करवट लेकर लेटें और आराम से मालिश करवाएं आपको जरूर आराम मिलेगा, और मालिश करवाने के बाद आराम जरूर करें।
योगासन
प्रेगनेंसी के दौरान योगासन करने से भी कमर के दर्द से महिला को राहत पाने में मदद मिलती है। इसके लिए आप डॉक्टर या योगा की जानकारी वाले व्यक्ति से पूछ सकती है की कौन से योगा प्रेगनेंसी के दौरान बिल्कुल सेफ होते हैं। और जिनसे प्रेग्नेंट महिला को कमर में दर्द की परेशानी से राहत पाने में मदद मिलती है।
मैग्नीशियम
मैग्नीशियम का सेवन करने से गर्भवती महिला की मांसपेशियों को रिलैक्स रहने में मदद मिलती है, और मांसपेशियों का रिलैक्स होना प्रेग्नेंट महिला को कमर दर्द जैसी परेशानी से निजात दिलाने में मदद करता है। इसीलिए यदि आप गर्भवती हैं, और आपको कमर दर्द की अधिक परेशानी होती है तो ऐसे में आपको मैग्नीशियम युक्त आहार का भरपूर सेवन करना चाहिए। और इसके लिए आप हरी सब्जियां, केला, साबुत अनाज, कुछ किस्म की मछली, ब्राउन राइस आदि का सेवन कर सकती है। इसके अलावा मैग्नीशियम युक्त कौन से आहार प्रेगनेंसी के दौरान खाना सेफ होता है इसके लिए भी आप डॉक्टर से राय ले सकती है।
सही पोजीशन में रहें
प्रेग्नेंट महिला यदि चाहती है की प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द की समस्या से महिला को आराम रहें और इसके कारण महिला को किसी भी तरह की परेशानी न हो। तो इसके लिए महिला को बहुत सी छोटी छोटी बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है जैसे की महिला अपने उठने और बैठने का ध्यान रखें, कैसे और किस पोजीशन में बैठना है इस बात का ध्यान रखें, लेटने के लिए सही पोजीशन का ध्यान रखें, उठने बैठने लेटने में जल्दी न करें, ज्यादा देर एक ही पोजीशन में न बैठी रहे, बैठने के बाद कमर को तकिये से सहारा दें, ज्यादा देर एक ही जगह खड़ी न रहें, आदि। तो ऐसी कुछ छोटी छोटी बातों का ध्यान रखने से गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान कमर दर्द की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
तंग कपडे
आरामदायक कपड़ो का चुनाव ही गर्भवती महिला को करना चाहिए जिससे प्रेगनेंसी के दौरान महिला को रिलैक्स रहने में मदद मिल सके। क्योंकि यदि महिला बहुत टाइट या चुभने वाले कपडे पहनती है तो इसके कारण भी महिला को कमर दर्द की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
एक्यूपंक्चर
प्रेगनेंसी के दौरान आप एक्यूपंक्चर थैरेपी करा सकती हैं लेकिन इसके लिए सही एक्यूपंक्चर के टीचर का चुनाव करना जरुरी होता है। इस उपाय को करने से भी प्रेग्नेंट महिला को कमर दर्द से राहत पाने में मदद मिलती है।
तो यह है कुछ आसान उपाय जिनका इस्तेमाल करने से प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली कमर में दर्द की समस्या से आसानी से निजात पाने में मदद मिलती है। तो यदि आप भी कमर में दर्द से प्रेगनेंसी के दौरान परेशान हैं तो आप भी ऊपर दिए गए टिप्स का इस्तेमाल करके इस समस्या से निजात पा सकती है।