थकान और कमजोरी न हो इसके लिए गर्भवती महिला को क्या करना चाहिए

0
21

गर्भावस्था के दौरान महिला बहुत सी शारीरिक समस्याओं से गुजरती है और उनकी में से एक होती है थकान व् कमजोरी की समस्या, प्रेग्नेंट महिला को थकान व् कमजोरी का अनुभव होना बहुत ही आम बात होती है। खासकर इसका अनुभव प्रेगनेंसी के शुरूआती समय और प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही में अधिक हो सकता है। प्रेगनेंसी के शुरुआत में इसका कारण बॉडी में तेजी से हार्मोनल बदलाव और आखिरी तिमाही में इसका कारण महिला का वजन बढ़ना हो सकता है। ऐसे में थकान व् कमजोरी का अधिक अनुभव होने पर महिला को बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती है साथ ही इसकी वजह से कहीं भी मन नहीं लगता है। प्रेगनेंसी के दौरान थकान व् कमजोरी का अधिक होना बॉडी में होने वाली कुछ स्वास्थ्य समस्या की और इशारा भी करता है। जैसे की महिला का एनीमिया, तनाव, अनिंद्रा जैसी परेशानी से ग्रसित होना, ऐसे में थकान व् कमजोरी की समस्या अधिक होने पर इसे अनदेखा न करते हुए एक बार डॉक्टर से भी बात करनी चाहिए।

प्रेगनेंसी में थकान और कमजोरी को दूर करने के टिप्स

गर्भावस्था के दौरान यदि महिला थकाम व् कमजोरी की समस्या से अधिक परेशान है तो इसके इलाज के लिए महिला को जरूर टिप्स का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे गर्भवती महिला को इस परेशानी से बचाव करने में मदद मिल सके। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेग्नेंट महिला थकान व् कमजोरी की समस्या से बचने के लिए क्या कर सकती है।

आयरन

गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया की समस्या होने के कारण भी गर्भवती महिला को थकान व् कमजोरी का अनुभव अधिक हो सकता है। ऐसे में गर्भवती महिला को इस समस्या से बचने के लिए उन आहार का भरपूर सेवन करना चाहिए जिसमे आयरन मौजूद हो। जैसे की अनार, सेब, हरी सब्जियां खासकर पालक, ब्रोकली, ड्राई फ्रूट, चुकंदर, गाजर, आदि। यदि महिला इन सबका भरपूर सेवन करती है तो इससे बॉडी में खून की कमी को पूरा करके थकान व् कमजोरी की समस्या से महिला को बचाने में मदद करता है।

कैल्शियम

प्रेगनेंसी के दौरान महिला की हड्डियों में आई कमजोरी के कारण भी महिला बहुत जल्दी थकान व् कमजोरी का अनुभव कर सकती है। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए महिला को अपनी डाइट में कैल्शियम युक्त आहार जैसे दूध व् दूध से बने प्रोडक्ट्स, ड्राई फ्रूट, टोफू, आदि का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए। कैल्शियम युक्त आहार का भरपूर सेवन करने से गर्भवती महिला की हड्डियों को मजबूती मिलने में मदद मिलती है जिससे प्रेगनेंसी के दौरान थकान व् कमजोरी की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।

सही समय से आहार

गर्भावस्था एक ऐसा समय होता है जहां आपके द्वारा लिया जाने वाला आहार केवल महिला के लिए ही नहीं बल्कि आपके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी होता है। ऐसे में न केवल महिला को अपनी डाइट में भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए बल्कि सही समय से आहार लेना भी चाहिए। ताकि महिला के शरीर में पोषक तत्वों की कमी न हो, ऐसे में महिला को हर दो से तीन घंटे में थोड़ा थोड़ा कुछ न कुछ हेल्दी जरूर खाना चाहिए। यदि महिला अपने आहार को समय से लेने के साथ पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करती है तो इससे भी महिला को थकान व् कमजोरी जैसी समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।

खुश रहें

कुछ महिलाएं बॉडी में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण और प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली शारीरिक परेशानियों के कारण कुछ गर्भवती महिलाएं तनाव में आ जाती है। और गर्भवती महिला का मानसिक रूप से परेशान रहना भी थकान व् कमजोरी का कारण हो सकता है। ऐसे में थकान व् कमजोरी की समस्या से बचे रहने के लिए गर्भवती महिला को तनाव लेने से बचना चाहिए और खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए। और कुछ रखने के लिए महिला को अपनी पसंद का काम करना चाहिए, अपने आप को बिज़ी रखना चाहिए, मेडिटेशन करना चाहिए, आदि।

पानी

डिहाइड्रेशन यानी बॉडी में पानी की कमी के कारण भी महिला बहुत जल्दी थकान व् कमजोरी का अनुभव कर सकती है। और ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए गर्भवती महिला को पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए क्योंकि पानी पीने से महिला को तुरंत एनर्जी मिलती है। इसीलिए दिन में आठ से दस गिलास पानी व् ने तरल पदार्थ जैसे की जूस, निम्बू पानी, नारियल पानी, आदि का महिला को भरपूर सेवन करना चाहिए।

नींद

कुछ गर्भवती महिलाओं की थकान व् कमजोरी का कारण उनकी नींद पूरी न होना भी हो सकता है। खासकर महिला का वजन बढ़ने के कारण महिला को गहरी नींद लेने में ज्यादा समस्या हो सकती है, ऐसे में महिला को अपने सोने की पोजीशन, सोने की जगह, सोने के माहौल का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। जैसे की महिला को बाईं और करवट लेकर सोना चाहिए, सोने के लिए नरम गद्दे का इस्तेमाल करना चाहिए, प्रेगनेंसी पिलो या घर में रखें पिल्लो का इस्तेमाल करना चाहिए, शांत व् कम लाइट के माहौल में सोना चाहिए इससे महिला को अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है।

व्यायाम

प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में तो नहीं लेकिन प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में महिला हल्का फुल्का व्यायाम कर सकती है। व्यायाम करने से महिला की बॉडी में ब्लड फ्लो को बेहतर होना, पाचन क्रिया को बेहतर तरीके से काम करने, महिला को रिलैक्स फील होने, तनाव से बचे रहने,आदि में मदद मिलती है। जिससे महिला को थकान व् कमजोरी से आराम पाने में मदद मिलती है क्योंकि व्यायाम करने से महिला एक्टिव रहती है।

ऑफिस वाली महिलाएं

जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान भी ऑफिस का काम करती है उन्हें यह समस्या कई बार अधिक हो सकती है ऐसे में आपको ऑफिस में भी अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। एक ही जगह पर बैठे रहने की बजाय थोड़ा चलना फिरना चाहिए। अपनी जरुरत के सभी सामान को आस पास रखना चाहिए ताकि आपको इसके कारण किसी भी तरह की परेशानी न हो। ऐसा करने से कामकाजी महिलाओं को भी थकान व् कमजोरी की समस्या से राहत पाने में मदद मिलती है।

तो यह हैं कुछ आसान तरीके जिनका ध्यान रखने से गर्भवती महिला को थकान व् कमजोरी जैसी समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है। इसके अलावा अधिक थकान व् कमजोरी को अनदेखा न करते हुए एक बार डॉक्टर से भी राय लेनी चाहिए।

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here