वैसे तो प्रेगनेंसी का हर दिन हर पल बहुत ही खास होता है लेकिन नौवां महीने में महिला के लिए ख़ुशी के साथ टेंशन से भरा हुआ भी होता है। क्योंकि जहां शिशु के जन्म के होने की ख़ुशी होती है वहीँ महिला के मन में यह डर भी होता है की डिलीवरी के दौरान किसी तरह की दिक्कत तो नहीं होगी, महिला की डिलीवरी नोर्मल होगी या सिजेरियन, आदि। ऐसे में किसी तरह की कोई परेशानी न तो इसके लिए महिला को डर और घबराहट से दूर रहना चाहिए। और प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में होने वाले लक्षणों पर ध्यान रखना चाहिए। की प्रेगनेंसी के दिखाई देने वाले लक्षण सही है या नहीं, क्योंकि इस दौरान यदि बॉडी में दिखाई देने वाले लक्षणों को अनदेखा किया जाये तो इसके कारण महिला को परेशानी हो सकती है।

नौवें महीने में महिला गर्भवती महिला रखे इन लक्षणों का ध्यान

प्रसव का समय जैसे जैसे पास आता है वैसे वैसे बॉडी में महिला को अलग अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं। ऐसे में महिला को कौन कौन से लक्षण महसूस हो सकते हैं और वो नोर्मल हैं या उनके कारण किसी तरह की परेशानी हो सकती है इस बात का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है। तो आइये प्रेगनेंसी में कौन से लक्षण सही होते हैं और कौन से गलत इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

शिशु की हलचल

नौवें महीने में शिशु की हलचल गर्भवती महिला को कभी ज्यादा तो कभी कम महसूस हो सकती है। क्योंकि इस दौरान शिशु का विकास लगभग पूरा हो चूका होता है ऐसे में उसे घूमने के लिए गर्भ में कम जगह मिलती है। जिसके कारण शिशु तेजी से हलचल करता है तो कभी शांत हो जाता है। लेकिन आपको शिशु की हलचल का इस महीने में ध्यान रखना चाहिए को यदि आपको आधे या एक घंटे तक शिशु की हलचल महसूस न हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि शिशु का गर्भ में हलचल न करना शिशु के लिए रिस्क हो सकता है।

मांसपेशियों में खिंचाव

वजन बढ़ने के कारण रीढ़ की हड्डी के आस पास की मांसपेशियों में खिंचाव अधिक महसूस हो सकता है। ऐसे में यदि गर्भवती महिला को मांसपेशियों में खिंचाव अधिक महसूस हो और पेल्विक एरिया के आस पास की मांसपेशियों में भी खिंचाव अधिक महसूस हो तो इसे गर्भवती महिला को अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह भी प्रसव का लक्षण होता है और प्रेगनेंसी के दौरान ऐसा होना सामान्य बात होती है।

पेट में दर्द

पेट की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के नौवे महीने में पेट में हल्के फुल्के दर्द की समस्या रह सकती है। और ऐसा होना आम बात होती है लेकिन यदि महिला को पेट में रुक रुक कर तेजी से दर्द का अहसास हो रहा हो तो इसे महिला को अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह प्रसव का लक्षण हो सकता है।

पेट सम्बंधित समस्या

नौवें महीने में वजन बढ़ने के कारण महिला की पाचन क्रिया धीमी पड़ सकती है जिसके कारण महिला को खाने को हज़म करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में यदि गर्भवती महिला को कब्ज़ या फिर उल्टी दस्त की समस्या अधिक हो तो इसे महिला को अनदेखा नहीं करना चाहिए। और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि यह प्रसव का लक्षण हो सकता है साथ ही डायरिया की समस्या अधिक होने के कारण महिला को दिक्कत भी हो सकती है। इसके अलावा महिला को बार बार यूरिन पास करने की इच्छा भी हो सकती है।

शिशु का भार नीचे महसूस होना

गर्भावस्था के नौवें महीने में महिला का वजन पूरी तरह बढ़ चूका होता है, ऐसे में महिला को उठने बैठने सोने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में यदि महिला को शिशु का भार नीचे की तरफ अधिक महसूस हो और सीने और पेट में हल्कापन महसूस हो तो यह भी डिलीवरी का लक्षण होता है। ऐसे में इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए और जल्दी से जल्दी डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

ब्लीडिंग

कुछ महिलाओं को नौवें महीने में थोड़ा बहुत खून के धब्बे भी लग सकते हैं, इसका मतलब होता है की शिशु का जन्म होने वाले हैं। ऐसे में भी आपको जितना जल्दी हो सके डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

एमनियोटिक फ्लूड

गर्भ में शिशु गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूड में ही होता है, और यह फ्लूड शिशु की मूवमेंट और शिशु के विकास को बेहतर रखने में मदद करता है। लेकिन नौवें महीने में यदि महिला को प्राइवेट पार्ट से सफ़ेद चिपचिपा पदार्थ यूरिन की तरह निकलता हुआ दिखाई देता है, तो इसे महिला को अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह एमनियोटिक फ्लूड हो सकता है इसका मतलब होता है की महिला की डिलीवरी होने वाली है। और यदि आप इसे अनदेखा करती है तो इससे भी शिशु को गर्भ में दिक्कत हो सकती है।

प्रसव पीड़ा का कोई लक्षण महसूस न होना

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में यदि डॉक्टर द्वारा दी गई तिथि निकल गई है और उसके बाद भी गर्भवती महिला को बॉडी में प्रसव का कोई लक्षण महसूस नहीं हो रहा है। तो इसे गर्भवती महिला को बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए, और जल्दी डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि समय से ज्यादा गर्भ में शिशु का रहना शिशु के लिए रिस्क हो सकता है।

तो यह हैं कुछ लक्षण जो यदि गर्भवती महिला को बॉडी में महसूस होते हैं तो इससे महिला को प्रेगनेंसी के नौवें महीने में यह जानने में आसानी होती है। की कौन से लक्षण सही हैं और कौन से नहीं, ताकि प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में होने वाली हर दिक्कत से गर्भवती महिला को बचे रहने में मदद मिल सके।

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