ये 5 चीजें आपके साथ हो रही हैं तो समझ जाइये की डिलीवरी में समस्या होगी

डिलीवरी में दिक्कत का कारण, गर्भावस्था के नौ महीने महिला बहुत सी परेशानियों से जूझती है। लेकिन सबसे ज्यादा महिला परेशानी व् डर महिला को तब महसूस होता है। जब महिला के शिशु को जन्म देने का समय और करीब आता जाता है। क्योंकि महिला की चाहे पहली डिलीवरी हो या तीसरी लेकिन कहीं न कहीं महिला शिशु और डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को लेकर चिंतित जरूर होती है।

क्योंकि सच तो यह है एक नन्ही जान को इस दुनिया में लाना बहुत ही मुश्किल होता है। और इन मुश्किलों से बचाव के लिए गर्भवती महिला पूरे नौ महीने अपना अच्छे से ध्यान रखती है। ताकि डिलीवरी के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करने में मदद मिल सकें। लेकिन कई बार महिला की बॉडी कुछ ऐसे संकेत दे सकती है। जो इस बात की और इशारा करते हैं की हो सकता है। डिलीवरी के दौरान महिला को किसी तरह की समस्या हो।

कौन से लक्षण बताते हैं की डिलीवरी में परेशानी हो सकती है

डिलीवरी में दिक्कत के कारण
डिलीवरी में दिक्कत के कारण

जिस तरह प्रसव के होने से पहले बॉडी कुछ संकेत देती है। जिन्हे देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं की प्रसव का समय पास आ गया है। वैसे ही गर्भवती महिला के शरीर में कुछ ऐसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। जो डिलीवरी के दौरान होने वाली परेशानी की और संकेत करते हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की कौन से लक्षण बताते हैं की डिलीवरी में परेशानी हो सकती है।

डिलीवरी में दिक्कत का कारण होता है वजन

  • गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से हो, शिशु का वजन सही रहे, इसके लिए गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ख्याल रखती है।
  • लेकिन कई बार शिशु का वजन यदि जरुरत से ज्यादा हो जाता है।
  • तो यह इस बात का संकेत हो सकता है की महिला को डिलीवरी के दौरान दिक्कत हो सकती है।
  • और कई बार तो डॉक्टर ऐसे केस में सामान्य प्रसव की जगह सिजेरियन डिलीवरी की राय दे सकते है।
  • इसके अलावा यदि प्रेग्नेंट महिला का वजन जरुरत से ज्यादा बढ़ जाता है।
  • तो भी डॉक्टर महिला को सिजेरियन डिलीवरी की राय दे सकते हैं।
  • और प्रेग्नेंट महिला के वजन का भी जरुरत से ज्यादा बढ़ना डिलीवरी के दौरान होने वाली परेशानी का संकेत होता है।

डिलीवरी में दिक्कत का कारण होता है शिशु का सही पोजीशन में न होना

  • यदि डिलीवरी का समय पास आने पर भी शिशु अपनी जन्म लेने की सही पोजीशन में नहीं आता है।
  • यानी की शिशु का सिर नीचे की और पैर सीने की तरफ नहीं होते हैं बल्कि पैर नीचे की तरफ और सिर सीने की तरफ होता है।
  • या फिर शिशु ने गर्भनाल को गले में लपेटा हुआ होता है।
  • तो ऐसी किसी स्थिति के होने पर डॉक्टर्स आपको बता देते हैं।
  • जो इस बात का संकेत होता है की आपको डिलीवरी में समस्या आ सकती है।
  • साथ ही ऐसे कुछ केस में डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी की राय दे सकते हैं।

डर होना

  • डिलीवरी का समय पास आने पर प्रेग्नेंट महिला के मन में डिलीवरी को डर होना आम बात होती है।
  • लेकिन यदि महिला इस डर को अपने ऊपर हावी होने देती है।
  • तो इसके कारण महिला की दिक्कतें बढ़ सकती है।
  • या फिर पहली डिलीवरी के दौरान महिला का अनुभव सही न रहा हो इसीलिए इस बार महिला को डर लग रहा हो।
  • तो ऐसे में महिला का प्रेग्नेंसी के दौरान डिलीवरी को लेकर हमेशा डर में रहना भी डिलीवरी में होने वाली परेशानियों को बढ़ा सकता है।

डिलीवरी में दिक्कत का कारण होता है गेस्टेशनल डाइबिटीज़

  • गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से जूझ सकती है।
  • और उन्ही स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं में से गेस्टेशनल डाइबिटीज़ की समस्या भी एक है।
  • ऐसे में महिला को इस परेशानी के होने पर डिलीवरी से जुडी समस्या का होना आम बात होती है।
  • लेकिन यदि महिला इस समस्या से बचाव के लिए अपना पूरा ध्यान रखती है।
  • और इस समस्या के होने पर भी अपनी सेहत के साथ किसी तरह की लापरवाही नई करती है।
  • तो ऐसा करने से डिलीवरी के दौरान आने वाली परेशानियों से बचे रहने में मदद मिलती है।

मानसिक रूप से परेशानी

  • प्रेगनेंसी के लिए महिला का केवल शारीरिक रूप से ही फिट होना जरुरी नहीं होता है।
  • बल्कि मानसिक रूप से भी महिला का तैयार होना जरुरी होता है की महिला शिशु को जन्म देने के लिए तैयार है।
  • क्योंकि यदि महिला शारीरिक रूप से तो स्वस्थ है लेकिन मानसिक रूप से परेशान हैं।
  • तो यह दिक्कत न केवल प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली परेशानियों को बढ़ा सकती है।
  • बल्कि इसके कारण डिलीवरी के समय भी रिस्क बढ़ सकता है।
  • ऐसे में इस परेशानी से बचाव के लिए महिला को माँ बनने का फैसला तभी लेना चाहिए।
  • जब वो शारीरिक के साथ मानसिक रूप से भी शिशु को जन्म देने के लिए तैयार हो।

तो यह हैं हैं वो लक्षण जो यदि प्रेग्नेंट महिला को अपनी बॉडी में महसूस हो तो महिला को समझ जाना चाहिए। की महिला को डिलीवरी के दौरान परेशानी हो सकती है। और इन परेशानियों से बचाव के लिए और हर दिक्कत से बचे रहने के लिए महिला को डॉक्टर के संपर्क में रहने चाहिए।

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