शिशु मूवमेंट न करें तो क्या करें, गर्भ में शिशु की हलचल गर्भवती महिला के लिए प्रेगनेंसी का सबसे प्यारा और खास अनुभव होता है। क्योंकि शिशु की हलचल गर्भ में शिशु के अहसास को महसूस करवाने में मदद करती है। साथ ही इससे शिशु के विकास का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। की गर्भ में शिशु स्वस्थ है या नहीं। क्योंकि यदि शिशु गर्भ में हलचल अधिक करता है तो यह इस बात की और इशारा करता है की गर्भ में शिशु स्वस्थ है। जबकि शिशु की हलचल में कमी का कारण शिशु का विकास अच्छे से न होना हो सकता है। तो आइये आज हम शिशु की हलचल से जुडी कुछ जरुरी बातों को जानते हैं।

कब करता है गर्भ में शिशु हलचल

  • प्रेगनेंसी के चौथे महीने के आखिर या पांचवें महिला की शुरुआत में शिशु की हलचल गर्भ में महसूस हो सकती है।
  • यह हलचल शुरुआत में थोड़ी कम और शिशु का विकास बढ़ने के साथ बढ़ती जाती है।
  • लेकिन शिशु एक दिन में कितनी बार हलचल करता है इसे बता पाना थोड़ा मुश्किल होता है।
  • हाँ, लेकिन आप चाहे तो शिशु की हलचल दिन में कितनी बार होती है इसे गिन सकते हैं।
  • इसके अलावा पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को शिशु की हलचल को समझने में थोड़ा समय लग सकता है।
  • लेकिन दूसरी बार माँ बन रही महिलाएं इसे अनजान नहीं होती है।
  • और वो आसानी से गर्भ में शिशु की हलचल को समझ लेती है।

गर्भ में शिशु की मूवमेंट नहीं होने पर क्या करें

  • कई बार यदि शिशु की हलचल आपको महसूस न हो तो हो सकता है की गर्भ में शिशु सो रहा हो।
  • या फिर आप किसी काम को कर रही हो तो हो सकता है।
  • इसीलिए आपको शिशु की हलचल का अहसास न हुआ हो।
  • यदि आपको ऐसा लगता है की शिशु ने बहुत देर तक हलचल नहीं की है।
  • तो ऐसे में आप लेट जाएँ या पानी पीएं फिर शिशु जरूर हलचल करेगा।
  • यदि ऐसा करने के बाद भी शिशु की हलचल का अनुभव न हो।
  • तो बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  • क्योंकि गर्भ में शिशु का हलचल न करना किसी रिस्क के होने का खतरा हो सकता है।

तो यह है गर्भ में शिशु की हलचल से जुड़े कुछ टिप्स, ऐसे में यदि आप भी माँ बनने वाली हैं तो इस बात का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है। ताकि गर्भ में शिशु को होने वाली दिक्कतों से बचाव करने में मदद मिल सकें।

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