गर्मियों का मौसम तो सभी के लिए मुश्किल भरा होता है, हम सभी का मन करता है के ए.सी में ही बैठे रहे और कुछ न कुछ ठंडा पीते रहें। ऐसी चिलचिलाती गर्मी में बात अगर एक गर्भवती महिला की जाये तो उनके लिए और भी ज्यादा परेशानी की बात होती है क्योंकि उनके गर्भ में शिशु पल रहा होता है। आप खुद सोचिये एक महिला को फीवर होता है, और टेम्परेचर बढ़ जाता है शरीर का। कोई जब हाथ लगाता है तो कहता है शरीर तप रहा है। आप खुद सोचिये जिस महिला के गर्भ में शिशु है उसे अगर बुखार आ जाए तो शिशु कितना तपता होगा।
अगर महिला गर्मियों में लू की शिकार हो जाती है, तो उनके शिशु पर उस लू का क्या प्रभाव पड़ेगा आप खुद सोच कर देखिये। शरीर का टेम्परेचर अचानक बढ़ जाए तो शिशु कितनी परेशानी हो सकती है।
गर्मियों में प्रेगनेंट महिला को कैसे अपना ध्यान रखना चाहिए ताकि कोई दिक्कत नहीं हो।
भूखे पेट नहीं रहें :
- ज्यादा समय भूखे रहने से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में प्रेगनेंट महिलाओं को भूखा नहीं रहना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान हर 2 घंटे के अंतराल में कुछ ना कुछ कहते रहना चाहिए।
- ठंडी फल और सलाद जैसे केले, बेरीज और खीरे का अपने भोजन में शामिल करें।
पानी की मात्रा :
- गर्मियों में तेज धुप के कारण हमारे शरीर का पानी सूखता रहता है।
- गर्भावस्था में भरपूर मात्रा में पानी पिए ताकि डिहाइड्रेशन की परेशानी ना आये।
- पानी पिने में परेशानी हो तो शिकंजी, फलों का जूस व शरबत जरूर लें।
दहीं और लस्सी :
- दहीं में लैक्टिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है।
- प्रेगनेंसी में दहीं और लस्सी का सेवन जरूर करें, इनकी तासीर ठंडी होती है।
- ऐसा करने से आपके पेट में गर्मी नहीं होगी और लू लगने का खतरा भी कम होगा।
कच्चे आम का शरबत :
- कच्चे आम का शरबत प्रेगनेंसी में फायदेमंद होता है।
- इस शरबत को रोज ना पीकर 2-3 के अंतराल में ही पीना चाहिए।
- अगर प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा लू लग गयी हो तो कच्चे आम को हाथो और पैरो के तलवों पर लगा लीजिये, ऐसा करने सारी गर्मी बाहर निकल जायगी।
- ध्यान रखिये कच्चा आम हमारे अंदर की गर्मी को बाहर निकालता है जरुरत से ज्यादा भी इसका सेवन ना करें।
नहाने का सहीं समय :
- गर्मियों में अक्सर बार बार नहाने का मन करता है।
- गर्भावस्था में नहाने के समय का विशेष ध्यान रखें।
- सुबह और शाम को नहा सकते है, पर दोपहर में बाहर से आते ही ना नहाये, ऐसे में सर्द-गर्म हो सकता है।
- दोपहर में नहाते ही एकदम से धुप में ना जाये।
- गर्मियों में टंकी का पानी भी बहुत ही गर्म हो जाता है, प्रेगनेंसी में गर्म पानी से भी ना नहाये।
- प्रेगनेंसी में ठंडी का अहसास लेने के लिए बहुत ज्यादा ठन्डे पानी से भी ना नहाये।
चाय, कॉफ़ी और सॉफ्ट ड्रिंक्स :
- प्रेगनेंसी में पेय प्रदार्थो का ज्यादा प्रयोग करना चाहिए।
- परन्तु चाय, कॉफ़ी और सॉफ्ट ड्रिक्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- सॉफ्ट ड्रिंक्स कुछ देर के लिए गर्मी से राहत जरूर देती है।
- पर इन सभी प्रदार्थो में कैफीन होती है जो की गर्भावस्था में दौरान हानिकारक होता है।
नॉनवेज :
- नॉनवेज गर्म तासीर का होता है।
- गर्मियों में गर्भावस्था के दौरान नॉनवेज ना के बराबर ही खाना चाहिए।
रहन सहन :
- गर्मियों में हलके रंग के कपड़े पहनें।
- लाल रंग और काले रंग के कपड़े गर्मी को बढ़ाते है, गर्भवती महिला को इन रंगो के कपड़ो से और भी ज्यादा गर्मी लग सकती है।
- प्रेगनेंट महिलाये ज्यादा टाइट कपड़े न पहनें।
- धुप में जाने पर प्रेगनेंट महिलाये अपना सर कवर करकें जाये।
- पॉलीस्टर और सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें।
अधिक नमक या सोडियम :
- गर्भावस्था में ज्यादा नमक खाने से भी परहेज करें।
- नमक में सोडियम होता है, गर्भवस्था में शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ने से शरीर में सूजन भी आने लगती है।
- नमकीन पेय जल से ज्यादा मीठे पेय जल पिए।
ऊपर बताये गए सभी उपाय गर्भावस्था के दौरान, चिलचिलाती गर्मी में कुछ राहत दिलाएंगे। फिर भी अगर आपको कभी भी गर्मी के कारण कुछ ज्यादा परेशानी हो तो तुरंत अपने डॉक्टरों से मिलें।