गर्भधारण का चौथा महीना महिला की प्रेगनेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर की शुरुआत होती है। दूसरे ट्राइमेस्टर की शुरुआत के साथ ही प्रेग्नेंट महिला को बहुत सी शारीरिक परेशानियों से आराम मिल जाता है। इसीलिए प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में प्रेगनेंसी का हैप्पी टाइम भी कहा जाता है। इसके अलावा इस दौरान महिला व् शिशु में और भी बदलाव आ सकते हैं जो इस पल को खास बनाते हैं। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं की आखिर प्रेगनेंसी का चौथा महीना खास क्यों होता है।
शारीरिक परेशानियों से मिलता है आराम
- गर्भधारण का चौथा महिला इसीलिए खास होता है।
- क्योंकि इस समय प्रेग्नेंट महिला को प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में होने वाली परेशानियों से थोड़ा आराम मिल जाता है।
- जिससे प्रेग्नेंट महिला को रिलैक्स महसूस होता है, और महिला प्रेगनेंसी के लम्हो को एन्जॉय कर पाती है।
गर्भपात का डर होता है कम
- गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भपात होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है।
- जबकि चौथे महीने में महिला के इस डर को कम करने में मदद मिलती है।
- और इसी डर से बचाव होने के कारण प्रेगनेंसी का चौथा महीना प्रेग्नेंट महिला के लिए खास होता है।
गर्भधारण का चौथा महीना खास होने का कारण है शिशु के अंग
- प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में गर्भ में शिशु के सभी अंगो की आकृतियां बन चुकी होती है।
- और अब उन अंगो का विकास बढ़ना शुरू होता है।
- ऐसे में शिशु के विकास बढ़ने के कारण ही महिला के लिए प्रेगनेंसी का चौथा महीना बहुत खास होता है।
गर्भधारण का चौथा महीना बढ़ता है मातृत्व का अहसास
- वैसे तो गर्भ में आते ही माँ का अपने बच्चे से रिश्ता जुड़ जाता है और महिला को मातृत्व का अहसास होने लगता है।
- लेकिन प्रेगनेंसी के चौथे महीने में महिला का पेट थोड़ा बाहर आना शुरू हो जाता है।
- जिसे देखकर महिलाएं बहुत खुश होती है और महिला का बच्चे से जुड़ने का अहसास और बढ़ने लगता है।
- और जब माँ और बच्चे के जुड़ने का अहसास बढ़ने लगता है तो वह पल तो खास ही होता है।
प्रेगनेंसी के चौथे में महीने में क्या खाएं
गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के चौथे महीने में अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इस दौरान शिशु के अंगो की आकृतियां बन चुकी होती है। और अब उन अंगो का विकास होना शुरू होता है। ऐसे में महिला को स्वस्थ रहने के लिए और शिशु के बेहतर विकास के लिए अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- कब्ज़ की समस्या व् पाचन तंत्र से जुडी परेशानियों को दूर करने के लिए फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए जैसे की हरी सब्जियां, संतरा, ओट्स आदि।
- खून की कमी को पूरा रखने के लिए आयरन युक्त आहार का सेवन करें जैसे की अनार, सेब, चुकंदर, गाजर, आदि।
- शिशु की हड्डियों व् दांतों के बेहतर विकास के लिए और महिला की हड्डियों की मजबूती के लिए डेयरी उत्पाद जैसे दूध दही का भरपूर सेवन करना चाहिए।
- ताजे फलों व् फलों के रस का भरपूर सेवन करना चाहिए।
- शिशु के दिमाग के बेहतर विकास के लिए फैटी एसिड्स से भरपूर आहार खाना चाहिए जैसे की ड्राई फ्रूट्स, मछली आदि।
- अंडे को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के चौथे महीने में क्या नहीं खाएं
गर्भवती महिला के स्वास्थ्य व् शिशु के विकास में किसी भी तरह की कमी न आए इससे बचने के लिए गर्भवती महिला को कुछ ऐसी चीजे है जिनके सेवन से प्रेगनेंसी के चौथे महीने में परहेज करना चाहिए। जैसे की मर्करी युक्त मछली, कच्चा दूध, कच्चे अण्डे कच्चा मास, खराब सब्जियां, कटे गले सड़े फल, मुलैठी, नशीली चीजें आदि।
तो यह हैं प्रेगनेंसी का चौथा महीना महिला के लिए क्यों खास होता है और प्रेगनेंसी के चौथे महीने में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए उससे जुड़े कुछ खास टिप्स। यदि आप भी प्रेग्नेंट है और आपका भी चौथा महिला चल रहा है या चौथे महीने की शुरुआत होने वाली है तो आपको भी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।