माँ बनना हर महिला के लिए उसकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन लम्हा होता है। और डिलीवरी का समय महिला के लिए वो समय होता है जब महिला अपनी जिंदगी की परवाह न करते हुए एक नन्ही जान को इस दुनिया में लाती है। लेकिन हर महिला चाहे वो पहली बारे माँ बन रही हो या दूसरी बार या फिर तीसरी बार कहीं न कहीं, महिला के मन में डिलीवरी को लेकर सवाल चल रहे होते हैं की महिला की डिलीवरी नोर्मल होगी या सिजेरियन।
अधिकतर प्रेग्नेंट महिलाएं यही चाहती है की उनकी डिलीवरी नोर्मल हो, लेकिन कई बार डिलीवरी के समय या प्रेगनेंसी के दौरान कुछ ऐसी कॉम्प्लीकेशन्स आ जाती है जिसके कारण नोर्मल की बजाय सिजेरियन डिलीवरी से महिला का प्रसव करवाना पड़ता है। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे ही कारण बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से महिला को सिजेरियन डिलीवरी की मदद से बच्चे को जन्म देना पड़ता है।
शिशु की पोजीशन: यदि पेट में पल रहे बच्चे की पोजीशन सही नहीं है जैसे की बच्चे के पैर नीचे और सिर ऊपर की तरफ है, बच्चा लेटी हुई स्थिति में है यानी की न तो बच्चे के पैर नीचे की तरफ है न ही सिर, बच्चे ने गले में गर्भनाल लपेटी हुई हो, तो ऐसी कुछ पोज़िशन्स में डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।
प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स: यदि आपको गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा परेशानियां हुई हैं। और आपकी प्रेगनेंसी में बहुत ज्यादा कॉम्प्लीकेशन्स आ रही हैं। तो ऐसे में डॉक्टर प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही आपको बता सकते हैं की आपकी डिलीवरी सिजेरियन होगी।
बच्चे की हलचल: यदि किसी कारण पेट में बच्चे की हलचल कम हो जाती है या मूवमेंट बिल्कुल बंद हो जाती है। तो ऐसे केस में बच्चे की जान को खतरा होता है। ऐसे में ऐसी स्थिति होने पर डॉक्टर तुरंत सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा यदि गर्भ में बच्चे का विकास भी न बढ़ रहा हो तो उसे केस में भी डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।
बच्चे का मल: कुछ बच्चे गर्भ में मल पास कर देते हैं ऐसे में शिशु को दिक्कत हो सकती है। यदि ऐसा कुछ होता है तो उस केस में भी डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी की मदद से बच्चे को जन्म देने की सलाह देते हैं।
एक से ज्यादा शिशु: यदि गर्भ में एक से ज्यादा शिशु होता है तो भी महिला की सिजेरियन डिलीवरी होने के चांस बढ़ जाते हैं।
खून की कमी: प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी महिलाएं खून की कमी के कारण परेशान हो सकती है और जिन महिलाओं को यह समस्या होती है। उन महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी होने के चांस बढ़ जाते हैं।
गर्भपात: यदि आपका पहले एक या एक से ज्यादा गर्भपात हो चूका है और दूसरी बार गर्भधारण में बहुत सी परेशानियां आई हैं तो ऐसे में भी डॉक्टर महिला को नोर्मल का रिस्क लेने की बजाय सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह देते हैं।
डिलीवरी की डेट निकल जाने पर: यदि किसी महिला की डिलीवरी की डेट निकल जाती है तो ऐसे केस में समय ज्यादा होने पर पेट में बच्चे और माँ दोनों को दिक्कत हो सकती है। ऐसे में भी डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी करवाने की सलाह दे सकते हैं।
उम्र: जो महिलाएं ज्यादा उम्र में गर्भधारण करती है उन महिलाओं की भी नोर्मल की बजाय सिजेरियन डिलीवरी होने के चांस अधिक होते हैं।
तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से प्रेग्नेंट महिला को नोर्मल की बजाय सिजेरियन डिलीवरी करवानी पड़ सकती है। यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी यह जानकारी होनी चाहिए और प्रेगनेंसी के दौरान आपको अपना अच्छे से ध्यान भी रखना चाहिए। ताकि आपको या आपके बच्चे दोनों को इन परेशानियों से बचे रहने में मदद मिल सके।