ओवुलेशन पीरियड वो समय होता है जब महिलाओं की प्रजनन क्षमता सबसे अधिक होती है। और इस समय में यदि महिला और पुरुष आपस में सम्बन्ध बनाते हैं तो महिला के गर्भधारण होने के चांस बढ़ जाते हैं। लेकिन ओवुलेशन पीरियड कौन सा दिन होता है? ओवुलेशन पीरियड को जानने का क्या तरीका है? इसे लेकर अधिकतर महिलाओं को सही जानकारी नहीं होती है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको ओवुलेशन से जुडी सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।
ओवुलेशन पीरियड क्या होता है?
महिला के एक मासिक धर्म के खत्म होने के बाद और दूसरे मासिक धर्म की शुरुआत के बीच में एक ऐसा समय आता हैं जब महिला के अंडकोष में रखा अंडा पुरुष के शुक्राणु से मिलने के लिए पूरी तरह तैयार होता है, और इस पीरियड को ओवुलेशन पीरियड कहा जाता है। और इस दौरान प्रेगनेंसी के चांस सबसे अधिक होते हैं, क्योंकि इस समय महिला के अंडकोष से निकल कर अंडे फैलोपियन ट्यूब से गर्भाशय तक पहुँचते हैं। और जो अंडा निषेचित होता है वो फैलोपियन ट्यूब द्वारा गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
ओवुलेशन पीरियड कब होता है?
एक मासिक धर्म का चक्र अठाइस दिन का होता है, ऐसे में दूसरा मासिक धर्म जब शुरू होने वाला होता है उससे बारह या चौदह दिन पहले का जो समय होता है। या फिर आप कह सकते हैं की पहले मासिक धर्म की शुरुआत के पहले दिन से गिनते हुए जो बारह से सोलह दिन का समय होता है वो ओवुलेशन पीरियड होता है। जिन महिलाओं के पीरियड्स रेगुलर होते हैं उन्हें अपने ओवुलेशन पीरियड को समझने में आसानी होती है। जबकि जिन महिलाओं के पीरियड्स आगे पीछे हो जाते हैं उन्हें ओवुलेशन पीरियड के बारे में जानने में थोड़ी परेशानी हो सकती है।
ओवुलेशन पीरियड जानने के तरीके
यदि आपको भी ओवुलेशन पीरियड की सही जानकारी लेनी हैं तो कुछ तरीके हैं जिनसे आप आसानी से ओवुलेशन पीरियड के बारे में जान सकते हैं। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की ओवुलेशन पीरियड को जानने के तरीके:-
ओवुलेशन किट
जिस तरह प्रेगनेंसी का पता करने के लिए आजकल मार्किट में आसानी से किट मिल जाती है। उसी तरह ओवुलेशन पीरियड को जानने के लिए भी मार्किट में किट मिलती है। और यह एक नहीं बल्कि कई तरह की होती है जैसे की पेशाब से जांच करने वाली किट, लार से जांच करने वाली किट, तो आइये सबसे पहले पेशाब से जांच करने वाली किट के इस्तेमाल के बारे में जानते हैं। पेशाब से जांच करने वाली किट में महिला को एक स्ट्रिप को यूरिन में रखना है या यूरिन की कुछ बुँदे उस स्ट्रिप पर डालनी है।
यदि स्ट्रिप का रंग गहरा होता है तो यह ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन के स्तर को दर्शाता है यदि स्ट्रिप का रंग हल्का है तो समझ जाइये की अभी ओवुलेशन पीरियड नहीं है। और जितना ज्यादा स्ट्रिप का रंग गहरा होता जाता है तो यह ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन के उच्च स्तर को दर्शाता है जो यह बताता हैं की ओवुलेशन पीरियड पास है। इसके अलावा दूसरा टेस्ट लार के माध्यम से होता है। इस टेस्ट किट में एक छोटा पोर्टेबल माइक्रोस्कोप होता है, जिसमे आपको अपनी लार का उपयोग करना पड़ता है।
बॉडी में अधिक एस्ट्रोजन हॉर्मोन का स्तर अधिक होने पर आपकी लार में नमक की मात्रा बढ़ जाती है। और सूखा नमक फर्न के आकार के क्रिस्टल जैसा दिखता है। और ओवुलेशन पीरियड शुरू होने से एक या दो दिन पहले या उसके एक दो दिन बाद तक फर्न नजर आते हैं। ऐसे में यदि आपको भी इस माइक्रोस्कोप के माध्यम से फ़र्न दिखाई देते हैं तो यह आपका ओवुलेशन पीरियड होता है।
ओवुलेशन कैलकुलेटर
ओवुलेशन कैलकुलेटर एक और ऐसा तरीका है जिससे ओवुलेशन पीरियड की जानकारी मिल सकती है। यह कैलकुलेटर ऑनलाइन भी आपको मिल जाता है इसके इस्तेमाल के लिए आपको इसमें आपको अपने पिछले मासिक धर्म चक्र के पहले दिन और दूसरे पीरियड आने के एक दिन पहले की तारीख डालनी पड़ती है। उसके बाद जब आप इन तारीखों को दर्ज करते हैं, तो कैलकुलेटर आपके ओवुलेशन पीरियड को दिखाता है।
कैलेंडर का इस्तेमाल
यदि आपके पीरियड्स सही समय पर आते हैं तो आप कैलेंडर का इस्तेमाल करके भी अपने ओवुलेशन पीरियड के बारे में जान सकते हैं। इसके लिए आप आपको जब पीरियड्स आते हैं तो उस दिन से गिनते है जो बारह से सोलह दिन का समय होता है उसी के बीच आपका ओवुलेशन पीरियड होता है। लेकिन यदि आपके पीरियड्स रेगुलर नहीं होते हैं तो आपको ओवुलेशन पीरियड जानने में दिक्कत हो सकती है।
तो यह हैं ओवुलेशन पीरियड से जुडी जानकारी, यदि आप भी अपने ओवुलेशन पीरियड के बारे में जानना चाहती है तो आप भी इन टिप्स का इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन यदि आपको फिर भी अपने सही ओवुलेशन का पता नहीं चल पा रहा है तो इसके लिए एक बार आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।