प्रेग्नेंट महिला इन 5 बदलाव को इग्नोर नहीं करें

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प्रेग्नेंट महिला इन 5 बदलाव को इग्नोर नहीं करें
प्रेग्नेंट महिला इन 5 बदलाव को इग्नोर नहीं करें

गर्भावस्था के दौरान बॉडी में बहुत से बदलाव होते हैं साथ ही प्रेग्नेंट महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में इन परेशानियों के कारण घबराना प्रेग्नेंट महिला की दिक्कतों को बढ़ा सकता है लेकिन दिक्कत ज्यादा हो तो अनदेखा करना और ज्यादा गर्भवती महिला की दिक्कत बढ़ा सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान पेट में हल्का दर्द रहना, सूजन की समस्या होना, बॉडी के तापमान में फ़र्क़ आना, बॉडी पेन, सिर में दर्द रहना, आदि आम बात होती है।

लेकिन गर्भवती महिला को बॉडी में होने वाली किसी परेशानी या बदलाव के कारण महिला को दिक्कत हो रही हो तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना माँ व् बच्चे दोनों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। तो आइये अब जानते हैं की ऐसे कौन से 5 बदलाव हैं जिन्हे प्रेग्नेंट महिला को इग्नोर नहीं करना चाहिए।

पेट में अधिक दर्द रहना

गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण पेट के आस पास की मांसपेशियों में खिंचाव आता है साथ ही जैसे जैसे वजन बढ़ता है वैसे वैसे पेट के निचले हिस्से में भार महसूस होता है। जिसकी वजह से पेट में हल्का फुल्का पेट में दर्द रहना बहुत आम बात होती है। लेकिन यदि प्रेग्नेंट महिला को पेट में तेज दर्द महसूस हो, या पेट में अधिक दर्द रहता हो और ब्लीडिंग भी हो तो इसे प्रेग्नेंट महिला को अनदेखा नहीं करना चाहिए।

प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में पेट में अधिक दर्द का होना एक्टोपिक प्रेगनेंसी, गर्भपात का लक्षण हो सकता है जबकि प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही या तीसरी तिमाही की शुरुआत में यह समय से पहले बच्चे होने का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में जब भी पेट में इतना दर्द हो रहा हो की आपसे सहन ही नहीं हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

सूजन की समस्या

प्रेग्नेंट महिला का पूरा वजन पैरों पर पड़ने के कारण, पेट के आकार के बढ़ने के कारण पैरों तक ब्लड फ्लो सही न होने की वजह से अधिकतर प्रेग्नेंट महिला पैरों में सूजन की परेशानी का सामना कर सकती है। लेकिन यदि पैरों के साथ हाथ, मुँह आदि पर भी सूजन होने लगे और ज्यादा हो जाये तो इसे प्रेग्नेंट महिला को इग्नोर नहीं करना चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान सूजन की समस्या का बढ़ना प्रेग्नेंट महिला के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।

बच्चे की हलचल न महसूस होना

गर्भ में बच्चे की हलचल महसूस होना प्रेग्नेंट महिला के लिए प्रेगनेंसी का सबसे बेहतरीन लम्हा होता है। लेकिन यदि कभी प्रेग्नेंट महिला को ऐसा महसूस हो की बच्चा गर्भ में हलचल नहीं कर रहा है। तो इस बदलाव को गर्भवती महिला को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि बच्चा यदि गर्भ में हलचल न करे तो इसका मतलब होता है की गर्भ में बच्चे को खतरा है। और यदि आपको लगे की बच्चे को एक घंटे से ज्यादा हो गया है तो आपको जल्दी डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए।

बुखार होना

गर्भावस्था के समय बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। जिसके कारण प्रेगनेंसी के दौरान सर्दी, खांसी, फ्लू आदि होने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन प्रेग्नेंट महिला को इन सभी से बचकर रहना चाहिए। यदि फिर गर्भवती महिला के शरीर का तापमान बढ़ जाता है, यानी की प्रेग्नेंट महिला को बुखार हो जाता है। तो ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को बुखार से बचने के लिए घर में किसी दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए। और तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि प्रेग्नेंट महिला की बॉडी का तापमान अधिक बढ़ना भी माँ व् बच्चे के लिए अच्छी बात नहीं होती है।

खुजली की समस्या होना

गर्भावस्था के दौरान स्किन में खिंचाव बढ़ने व् स्किन में सूखापन आने के कारण प्रेग्नेंट महिला को खुजली की समस्या हो सकती है। लेकिन यदि प्रेग्नेंट महिला को खुजली की समस्या अधिक हो जाये और स्किन पर रैशेस, लाल दाने महसूस होने लगे तो प्रेग्नेंट महिला को इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि खुजली की समस्या का अधिक होना लिवर से जुडी परेशानी का कारण हो सकता है। और इससे माँ व् बच्चे दोनों की सेहत को नुकसान हो सकता है। ऐसे में गर्भवती महिला को खुजली की समस्या होने पर बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।

तो यह हैं वो बदलाव जिनके बॉडी में महसूस होने पर गर्भवती महिला को इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। यदि प्रेग्नेंट महिला इन सभी बातों का ध्यान रखती है तो इससे प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।

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