प्रेग्नेंट महिला को अपनी दिनचर्या का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए और अपना रूटीन बनाकर रखना चाहिए। क्योंकि जितना महिला का रूटीन बेहतर होता है उतना ही महिला व् बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। जैसे की महिला को समय से खाना चाहिए, समय से नहाना चाहिए, समय से सोना चाहिए, समय से उठना चाहिए, आदि। और यदि किसी कारण महिला अपने रूटीन में यदि थोड़ी सी भी गड़बड़ी करती है तो इससे महिला का पूरा रूटीन खराब हो जाता है साथ ही प्रेग्नेंट महिला को परेशानियां भी बढ़ती है।
तो आइये आज इस आर्टिकल में हम उन गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ बातें बताने जा रहे हैं जो रात को देरी से सोती है। गर्भवती महिला यदि रात को देरी से सोती है तो इसके कारण महिला का सुबह लेट उठती है जिससे प्रेग्नेंट महिला का रूटीन बिगड़ जाता है साथ ही महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेग्नेंट महिला को रात को देर से सोने से कौन से नुकसान होते हैं।
दिनचर्या होती है खराब
रात को देरी से सोने के कारण महिला सुबह देरी से उठती है, नाश्ता देरी से करती है, दोपहर का खाना खाया या नहीं खाया सब बराबर हो जाता है, व्यायाम का कोई समय नहीं होता है, आदि। और इसके कारण महिला की पूरी दिनचर्या खराब हो जाती है जिससे महिला की परेशानियां बढ़ जाती है। और इसका नकारात्मक असर केवल महिला पर ही नहीं बल्कि बच्चे पर भी पड़ता है।
हार्मोनल असंतुलन
रात को देरी से सोने के कारण बॉडी में हार्मोनल असंतुलन की समस्या हो जाती है जिसके कारण गर्भवती महिला की शारीरिक परेशानियां बढ़ने के कारण गर्भपात, बच्चे के विकास में कमी, समय पूर्व प्रसव जैसी परेशानी होने का खतरा रहता है।
शारीरिक परेशानियां बढ़ती है
रात को देरी से सोने के कारण बॉडी में हार्मोनल अंसतुलन की समस्या हो जाती है जिसके कारण शरीर की सभी क्रियाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसकी वजह से महिला की शारीरिक परेशानियां जैसे की थकान, कमजोरी, पाचन क्रिया से जुडी समस्या, गेस्टेशनल शुगर, वजन का बढ़ना, ब्लड प्रैशर से जुडी समस्या, सिर दर्द, बॉडी के अन्य हिस्सों में दर्द जैसी परेशानियां बढ़ जाती है।
मूड होता है खराब
रात को देरी से सोने के कारण अगले दिन महिला को आलस, सुस्ती महसूस होती है जिससे महिला चिड़चिड़ी व् गुस्से में रहती है। और गर्भवती महिला का ऐसा व्यवहार शिशु के लिए सही नहीं होता है।
तनाव
रात को देरी से सोने के कारण प्रेग्नेंट महिला मानसिक रूप से भी परेशानी का अनुभव होता है जिसके कारण महिला तनाव से ग्रसित हो जाती है। और तनाव के कारण प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे दोनों की दिक्कतें बढ़ जाती है।
बच्चे के विकास में आती है कमी
रात को देरी से सोने के कारण प्रेग्नेंट महिला की शारीरिक परेशानियां बढ़ती है जिसका असर पेट में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है।जिसके कारण शिशु के विकास में दिक्कत आती है।
तो यह हैं कुछ नुकसान जो रात को देरी से सोने के कारण गर्भवती महिला व् बच्चे को होते हैं। ऐसे में गर्भवती महिला को ऐसी कोई परेशानी न हो, महिला का रूटीन बेहतर रहे इसके लिए प्रेग्नेंट महिला को रात को समय से सोना चाहिए और सुबह समय से उठकर दिन की शुरुआत बेहतर करनी चाहिए। ताकि पूरा दिन बेहतर निकलें और माँ व् बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।
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