प्रेगनेंसी के दौरान सही तरीके से वजन का बढ़ना बहुत अच्छी बात होती है क्योंकि यह गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास की तरफ इशारा करता है। इसीलिए गर्भवती महिला जब भी डॉक्टर के पास जाती है तो डॉक्टर उनके वजन की जांच जरूर करते हैं। क्योंकि वजन का सामान्य रूप से बढ़ना ही प्रेगनेंसी के दौरान सही होता है। ऐसे में यदि प्रेग्नेंट महिला का वजन जरुरत से ज्यादा बढ़ जाता है या जरुरत से कम हो जाता है। तो दोनों के कारण ही माँ व् बच्चे को दिक्कत हो सकती है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने की सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।
गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने के कारण
प्रेगनेंसी के दौरान महिला की शारीरिक गतिविधियों व् शारीरिक बनावट में फ़र्क़ आता है, इसका कारण गर्भ में नवजात का विकास होना होता है। ऐसे में गर्भ में शिशु के बढ़ते विकास की वजह से और महिला की शारीरिक गतिविधियों में आये बदलाव के कारण महिला का वजन बढ़ता है।
गर्भावस्था में महिला का वजन कितना बढ़ता है?
प्रेग्नेंट महिला का वजन महिला की लम्बाई व् प्रेगनेंसी की शुरुआत में महिला का वजन कितना है उसके ऊपर निर्भर करता है। ऐसे में महिला का प्रेगनेंसी शुरू होने के दौरान जितना वजन है उससे 11 से 16 किलो तक महिला का वजन बढ़ता है। और यदि महिला के गर्भ में एक से ज्यादा शिशु है है तो लगभग 18 किलो तक महिला का वजन बढ़ सकता है।
प्रेगनेंसी की हर तिमाही में महिला का वजन कितना बढ़ना चाहिए
प्रेगनेंसी के दौरान महिला का वजन बढ़ता है यह तो सभी जानते हैं लेकिन प्रेगनेंसी की हर तिमाही में महिला का वजन कितना बढ़ना जरुरी होता है। आइये यह जानते हैं:
गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिला का वजन
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला का वजन लगभग ढाई किलों तक बढ़ता है। क्योंकि शुरुआत में महिला के अन्दर शारीरिक बदलाव होते हैं। लेकिन बच्चे का वजन अभी उतना नहीं बढ़ता है। लेकिन कुछ महिलाओं को इस दौरान शारीरिक परेशानियों के ज्यादा होने के कारण वजन कम होने जैसी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में घबराना नहीं चाहिए क्योंकि ऐसा बहुत सी महिलाओं के साथ होता है। लेकिन दूसरी तिमाही की शुरुआत के बाद से ही आपका वजन सही तरीके से बढ़ना शुरू हो जाता है।
प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में महिला का वजन
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में महिला का वजन 6 से 7 किलों तक बढ़ सकता है और यदि अंदाजा लगाया जाए तो एक हफ्ते में महिला का वजन 500 से 700 ग्राम तक जरूर बढ़ना चाहिए।
प्रेग्नेंट महिला का तीसरी तिमाही में वजन कितना बढ़ना चाहिए
प्रेग्नेंट महिला का तीसरी तिमाही में वजन हर हफ्ते के हिसाब से 600 से 700 ग्राम तक बढ़ सकता है। और लगभग 7 से 8 किलो तक महिला का वजन बढ़ सकता है। कुछ महिलाओं का वजन इस दौरान कम भी हो सकता है ऐसे में घबराने की कोई बात नहीं होती है, बल्कि आपको शारीरिक परेशानियों के होने के बाद भी अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।
प्रेगनेंसी में वजन ज्यादा बढ़ने के नुकसान
- गर्भवती महिला का वजन ज्यादा बढ़ने के कारण महिला को हाई ब्लड प्रैशर, गेस्टेशनल डाइबिटीज़, समय से पहले बच्चे का जन्म, डिलीवरी के दौरान परेशानी जैसी दिक्कतें होती है।
- स्ट्रेचमार्क्स की समस्या ज्यादा होती है।
- महिला को थकावट, सांस फूलना जैसी परेशानी अधिक होना।
- डिलीवरी के बाद वजन बढ़ने के कारण ज्यादा दिक्कत होना।
प्रेग्नेंट महिला का वजन कम होने से होती है यह परेशानियां
- प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स अधिक होना।
- शिशु के विकास में कमी।
प्रेगनेंसी के दौरान वजन सही रखने के टिप्स
- अपने खान पान में पोषक तत्वों से भरपूर आहार को शामिल करें, लेकिन जितनी जरुरत हो उतना ही खाएं जरुरत से ज्यादा किसी भी चीज का सेवन न करें।
- पानी का भरपूर सेवन करें।
- तनाव नहीं लें।
- व्यायाम करें।
- आराम भरपूर करें।
- मीठा व् नमक कम खाएं।
- खाने के उन चीजों को शामिल करें जिन्हे पचाने में महिला को कोई दिक्कत न हो।
तो यह है प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के वजन बढ़ने से जुड़े कुछ टिप्स, ऐसे में यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी प्रेगनेंसी में वजन बढ़ने से जुडी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि प्रेगनेंसी के दौरान माँ या बच्चे दोनों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो।