बच्चे के जन्म के बाद शिशु का विकास कुछ समय तक महिला पर ही निर्भर करता है। क्योंकि जन्म के बाद माँ का दूध ही बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार माना जाता है। लेकिन बच्चे को कितना दूध पिलाना है बच्चा कितना दूध पीता है, इस बारे में शुरुआत में जानने में महिला को दिक्कत हो सकती है। क्योंकि हर बच्चे की भूख अलग अलग हो सकती है, साथ ही शुरूआती समय में बच्चा बहुत देर देर तक सो सकता है, ऐसे में बच्चे को भूख लगी है या नहीं इसके बारे में जानने में थोड़ी परेशानी हो सकती है।
कई बार बच्चा भूखा होने पर रो भी सकता है लेकिन ज्यादातर बच्चे शुरुआत में ऐसा कम ही करते हैं। ऐसे में बच्चा भी आपको नहीं बता पाता है की उसे भूख लगी है तो महिला को ही इन सभी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जो आपको यह बताने में मदद करते हैं की नवजात बेबी को कब और कितना दूध पिलाना चाहिए।
नवजात बेबी को दूध पिलाने के लिए रखें समय का ध्यान
न्यूबोर्न बेबी को दूध पिलाने के लिए महिला को कम से कम दो और ज्यादा से ज्यादा तीन घंटे का गैप रखना चाहिए। ऐसे में यदि बच्चा रो देता है तो आप उसे दूध पीला सकती है, लेकिन यदि आपने पेट भरकर बच्चे को दूध पिलाया है और बच्चे उसके कुछ देर बाद ही रोने लग गया है। तो आप उसे फिर से दूध न पिलाएं क्योंकि हो सकता है बच्चा किसी और कारण रो रहा हो, जैसे की बच्चे की नैपी गीली हो गई हो।
और यदि आप थोड़ी थोड़ी देर में बच्चे को दूध पिलाती रहती हैं तो ऐसा करने से बच्चे उल्टी भी कर सकता है। लेकिन यदि आपको पता है की दो घंटे या उसके आस पास का समय हो गया है तो आप बच्चे को दूध पीला सकती है ऐसे में बच्चा यदि भूखा होता है तो दूध पीकर चुप हो जाता है। ऐसे में शुरुआत से ही बच्चे को आपको दो से तीन घंटे के गैप के बाद दूध पिलाने की आदत डालनी चाहिए इससे बच्चे का रूटीन भी अच्छे से सेट हो जाता है।
जन्म के बाद बच्चे को बोतल में दूध कितनी देर बाद पिलाएं
जो बच्चे जन्म के बाद किसी कारण माँ का दूध नहीं पीता हैं तो उन्हें पाउडर वाला दूध पीलाने की सलाह दी जाती है। और माँ का दूध पीने वाले बच्चे की अपेक्षा बोतल वाला दूध पीने वाला बच्चा ज्यादा जल्दी भूखा ही जाता है। ऐसे में हर दो घंटे में ही बच्चे को आप दूध पीला सकती है। साथ ही आप अपनी मर्ज़ी से बच्चे को कोई भी दूध न दें बल्कि कौन सा दूध बच्चे के लिए ज्यादा सही है इसके लिए डॉक्टर से पूछें।
न्यूबोर्न बेबी को कितना दूध पिलाएं?
बच्चा जब दूध पी रहा होता है तो वो जब तक चाहता है उसे दूध पीने दें, उसके बाद यदि वो अपने आप स्तन को छोड़ देता है और आराम से रहता है तो इसका मतलब होता है की उसका पेट भर गया है। लेकिन यदि स्तन छोड़ने के बाद बच्चा दुबारा से स्तन को मुँह में लेने की कोशिश करता है तो आपको दूसरी साइड से बच्चे को दूध पिलाना चाहिए क्योंकि इसका मतलब होता है की बच्चा अभी भूखा है और उस स्तन में दूध अच्छे से नहीं आ रहा है। उसके बाद जब बच्चा अपनी मर्ज़ी से स्तन को या बोतल को छोड़ दें तो समझ जाएँ की आपके बच्चे का पेट भर गया है।
यदि बच्चा सो रहा हो तो क्या करें?
शुरूआती एक से डेड महीने तक बच्चा ज्यादा समय के लिए सोता है ऐसे में यदि बच्चा अपने आप नहीं जाग रहा है तो आपको बच्चे को हर दो से तीन घंटे बाद उठाकर दूध पिलाना चाहिए। क्योंकि यदि आप बहुत देर देर बाद बच्चे को दूध पिलाती है तो इसके कारण शिशु के वजन में कमी जैसी परेशानी होती है जिससे शिशु का विकास अच्छे से नहीं होता है।
बच्चा दूध सही से पी रहा है ऐसे जानें
- यदि दूध पीने के बाद बच्चा अपने आप स्तन को छोड़ दें तो इसका मतलब होता है की बच्चे का पेट भर गया है।
- बच्चे के दूध पीने के बाद स्तन का खाली महसूस होना।
- दूध पीने के बाद या तो बच्चे का सो जाना या फिर संतुष्ट दिखना भी बच्चे के पेट भरे होने का संकेत होता है।
- शिशु का वजन सही तरीके से बढ़ना भी बच्चे का दूध सही तरीके से पीने का संकेत होता है।
तो यह हैं न्यूबोर्न बेबी के दूध पीने से जुड़े कुछ टिप्स, यदि आप भी नई नई माँ बनी हैं और आपको बच्चे के दूध पीने या न पीने से जुडी कोई भी बात समझ नहीं आ रही है। तो ऊपर दिए गए टिप्स का ध्यान रखे इससे आपको इस बात का अंदाजा लगाने में आसानी होगी की बच्चे को दूध कब और कैसे पिलाना है।