प्रेगनेंसी के आखिरी तीन महीनों में गर्भ में बच्चे का विकास तेजी से हो रहा होता है, महिला का वजन बढ़ चूका होता है, पेट बाहर की तरफ निकला हुआ होता है, आदि। ऐसे में महिला को थोड़ी बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन यदि महिला अपना अच्छे से ध्यान रखती है, अपनी केयर अच्छे से करती है, छोटी छोटी गलतियां नहीं करती है। तो ऐसा करने से प्रेग्नेंट महिला को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही में गर्भवती महिला को किन किन परेशानियों से बचना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
खाने पीने में लापरवाही के कारण होने वाली परेशानी
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में खान पान में थोड़ी सी लापरवाही महिला के साथ बच्चे के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे में महिला को अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। जैसे की पोषक तत्वों से भरपूर डाइट का सेवन करना चाहिए जिससे माँ व् बच्चे को पोषण मिल सके, ऐसे आहार का सेवन नहीं करना चाहिए जिससे महिला को परेशानी हो, भूख चाहे जितनी भी लगे लेकिन जरुरत से ज्यादा नहीं खाना चाहिए, समय से अपने आहार का सेवन करना चाहिए, ऐसे आहार का सेवन करने से बचना चाहिए जिससे गर्भाशय में संकुचन हो, आदि। यदि महिला इस बात का ध्यान रखती है तो महिला को शारीरिक कमजोरी व् बच्चे के विकास से जुडी परेशानियों से बचें रहने में मदद मिलती है।
पेट सम्बन्धी परेशानी से बचें फाइबर युक्त आहार जरूर लें
कब्ज़ की समस्या से अधिकतर गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में परेशान होती है। ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए प्रेग्नेंट महिला को फाइबर युक्त डाइट लेनी चाहिए। क्योंकि फाइबर युक्त डाइट लेने से पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। जिससे गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में महिला को पाचन तंत्र से जुडी परेशानी जैसे कब्ज़, खाना हज़म होने में परेशानी, गैस, सीने में जलन आदि परेशानियों से महिला बची रहती है।
शारीरिक श्रम अधिक करने के कारण होने वाली परेशानी से बचें
वजन बढ़ने के कारण महिला प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में बहुत जल्दी थका हुआ व् कमजोरी महसूस करती है। ऐसे में महिला को इस परेशानी से बचकर रहना चाहिए और इसके लिए महिला को रुक रुक कर काम करना चाहिए, काम के साथ आराम भी करना चाहिए, लम्बे समय तक एक ही पोजीशन में नहीं रहना चाहिए, व्यायाम ज्यादा नहीं करना चाहिए, काम करने में तेजी नहीं करनी चाहिए, ज्यादा भागादौड़ी नहीं करनी चाहिए, आदि।
उठने, बैठने, लेटने, झुकने आदि का ध्यान रखें
गर्भावस्था की तीसरे ट्राइमेस्टर में पेट बाहर आने के कारण महिला को उठने, बैठने, लेटने में लापरवाही करने के कारण दिक्कत हो सकती है। ऐसे में इन परेशानियों से बचने के लिए महिला को उठते, बैठते, लेटते समय अपनी पोजीशन व् तरीके का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। साथ ही झुककर काम नहीं करना चाहिए, पैरों के बल बैठकर काम नहीं करना चाहिए, पेट पर दबाव पड़े ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, आदि। ताकि महिला को गलत तरीके से उठने, बैठने, लेटने, झुकनेके कारण होने वाली परेशानी से बचें रहने में मदद मिल सके।
डीहाइड्रेशन की समस्या से बचें
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में महिला को डीहाइड्रेशन की समस्या से बचना चाहिए। क्योंकि शरीर में पानी की कमी महिला की शारीरिक परेशानियों को बढ़ाने के साथ गर्भाशय में एमनियोटिक फ्लूड की कमी भी कर सकती है। जिसकी वजह से माँ और बच्चा दोनों को दिक्कत हो सकती है। ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए महिला को आठ से दस गिलास पानी पीने के साथ नारियल पानी, जूस, दूध, निम्बू जैसे तरल पदार्थों का भी भरपूर सेवन करना चाहिए।
खुजली व् स्ट्रेचमार्क्स की परेशानी से बचें
गर्भाशय का अकार बढ़ने के कारण पेट की स्किन में खिंचाव आने की वजह से स्ट्रेचमार्क्स की समस्या होने के साथ खुजली की परेशानी भी होती है। लेकिन ज्यादा खुजली की वजह से रैशेस पड़ जाते हैं। ऐसे में महिला को खुजली व् स्ट्रेचमार्क्स की समस्या से बचने के लिए लोशन, मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। आजकल मार्किट में प्रेगनेंसी के दौरान स्ट्रेचमार्क्स से बचने की लिए क्रीम भी मिल जाती है आप उसका इस्तेमाल भी कर सकती है।
टेंशन से दूर रहें
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में अधिकतर गर्भवती महिलाएं खासकर जो पहली बार माँ बन रही होती है वो डिलीवरी व् बच्चे को लेकर टेंशन में आ जाती है। और गर्भवती महिला का टेंशन लेना महिला की परेशानियों को कम करने की बजाय बढ़ा देता है। ऐसे में गर्भवती महिला को जितना हो सके खुश रहना चाहिए और अपना ख्याल रखें चाहिए ताकि माँ व् बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। यदि आपकी भी प्रेगनेंसी के आखिरी महीने चल रहे हैं तो टेंशन न ले खुश रहें।
आराम न करने के कारण होने वाली परेशानी से बचें
वजन में बढ़ोतरी होने के कारण गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही में सोने में दिक्कत हो सकती है। लेकिन पर्याप्त आराम न करने के कारण महिला की परेशानियां कम होने की जगह बढ़ जाती है। ऐसे में परेशानियों से बचने के लिए जितना हो सके महिला को आराम करना चाहिए। और अच्छी व् गहरी नींद लेने के लिए महिला को बाईं और करवट लेकर सोना चाहिए।
तो यह हैं कुछ बातें जिनका ध्यान प्रेग्नेंट महिला को प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही ने रखना चाहिए। ताकि महिला व् बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके। और डिलीवरी के दौरान भी महिला को दिक्कतों से बचें रहने में मदद मिल सके। साथ ही प्रेग्नेंट महिला को बॉडी में कोई ऐसा लक्षण महसूस हो जिससे आपको परेशानी हो तो आपको एक बार डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए। क्योंकि इस दौरान छोटी सी लापरवाही माँ व् बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है।