प्रेगनेंसी के छह से नौ महीने के बीच सम्बन्ध बनाने से क्या-क्या हो सकता है?

प्रेगनेंसी के छह से नौ महीने के बीच सम्बन्ध बनाने से क्या-क्या हो सकता है?


गर्भावस्था के दौरान महिला को भरपूर आराम करने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं होता है की महिला कुछ भी नहीं कर सकती है। परन्तु आज इस आर्टिकल में हम आपसे घर के काम नहीं बल्कि प्रेगनेंसी के दौरान सम्बन्ध बनाने की इच्छा को लेकर बात करने जा रहे हैं। प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में ऐसे हॉर्मोन स्त्रावित होते हैं जिसके कारण महिला की सम्बन्ध बनाने की इच्छा में बढ़ोतरी होती है।

वहीँ कुछ केस ऐसे में भी होते हैं जहां महिला को सम्बन्ध बनाने की इच्छा में कमी आ जाती है। तो आइये अब प्रेगनेंसी के दौरान तीसरी तिमाही में सम्बन्ध बनाने के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। लेकिन उससे पहले यह जानना की की प्रेगनेंसी के दौरान सम्बन्ध बनाना सेफ होता है या नहीं।

प्रेगनेंसी के दौरान सम्बन्ध बनाएं या नहीं

गर्भावस्था के दौरान यदि किसी भी तरह की कॉम्प्लीकेशन्स नहीं होती है, महिला को सम्बन्ध बनाने में कोई दिक्कत नहीं होती है साथ ही आप सम्बन्ध बनाते समय पूरी सावधानी का ध्यान रखते हैं। तो ऐसे में आप प्रेगनेंसी के दौरान सम्बन्ध बना सकते हैं। लेकिन यदि प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स है, महिला का सम्बन्ध बनाने का मन नहीं है, महिला को शारीरिक परेशानियां अधिक हैं तो ऐसे में आपको सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए।

प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में सम्बन्ध बनाने के कारण होने वाले नुकसान

प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में बच्चे का विकास तेजी से हो रहा होता है, महिला का पेट बाहर आ जाता है, ऐसे में सम्बन्ध बनाने में की गई थोड़ी सी गलती प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स को बढ़ा देती है। जिसके कारण कारण प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे को नुकसान पहुँच सकता है। जैसे की:

गर्भाशय को लग सकती है चोट

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में सम्बन्ध बनाते समय यदि थोड़ी सी भी तेजी की जाती है तो इसके कारण गर्भाशय को चोट लग सकती है। जिसकी वजह से महिला को पेट में दर्द, गर्भ में बच्चे को असहज महसूस होना, संकुचन होना जैसी दिक्कतें हो सकती है।

समय से पहले बच्चे के जन्म का खतरा

गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में सम्बन्ध बनाते समय यदि महिला या पुरुष कोई भी बहक कर ज्यादा जोश में आ जाता है। तो ऐसे में गर्भाशय पर तेजी के कारण चोट लगने पर संकुचन बढ़ सकता है। और यदि संकुचन अधिक होने लग जाये तो इसके कारण समय से पहले महिला को लेबर पेन शुरू हो सकती है। जिसकी वजह से महिला व् बच्चे दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

पेट पर दबाव

प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में महिला का पेट बाहर आ जाता है। जिसकी वजह से यदि पुरुष महिला के ऊपर लेटकर सम्बन्ध बनाता है और थोड़ी सी भी चूक के कारण महिला के पेट पर दबाव पड़ जाता है। तो इसकी वजह से केवल महिला को ही नहीं बल्कि गर्भ में बच्चा भी दिक्कत महसूस करता है।

इन्फेक्शन का डर

प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में भी महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते रहते हैं ऐसे में बिना सुरक्षा के यदि आप अपनी प्रेग्नेंट पार्टनर के साथ सबंध बनाते हैं। तो इस कारण महिला को इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। और यदि इन्फेक्शन ज्यादा हो जाये तो इस कारण बच्चे पर भी असर पड़ने का खतरा रहता है।

महिला को परेशानी

यदि महिला का सम्बन्ध बनाने का मन नहीं है, प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की कॉम्प्लीकेशन्स हैं, महिला को शारीरिक परेशानियां अधिक हो रही है, और ऐसे में आप प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में महिला के साथ सम्बन्ध बना रहे हैं। तो इसके कारण महिला को आप और ज्यादा रिस्क में डाल रहे हैं। जिससे महिला की परेशानियां कम होने की बजाय ज्यादा बढ़ जाती है।

तो यह हैं कुछ परेशानियां जो प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में महिला को सम्बन्ध बनने के कारण हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर की राय के बिना और बिना सावधानी के सम्बन्ध बनाने से प्रेगनेंसी के दौरान बचना चाहिए। ताकि माँ व् बच्चे दोनों को प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।

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