प्रेगनेंसी महिला के लिए एक ऐसा अनुभव होता है जो महिला की जिंदगी को बदल देता है। क्योंकि अब महिला अकेली नहीं होती है बल्कि एक नन्ही जान की जिम्मेवारी महिला पर आ जाती है। साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान महिला शरीर में बहुत से बदलाव का अनुभव करती है जैसे की वजह बढ़ना, पेट बाहर निकलना, शरीर में चर्बी बढ़ना, स्किन में बदलाव आना, ब्रेस्ट में बदलाव आना आदि। लेकिन महिला के शरीर के अंदर भी बहुत से बदलाव होते हैं। तो आइये आज हम इस आर्टिकल में आपको प्रेगनेंसी में शरीर के अंदरूनी हिस्सों पर क्या प्रभाव पड़ता है इस बारे में बताने जा रहे हैं।
गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर के अंदर गर्भाशय का आकार पहले छोटा होता है। लेकिन जैसे जैसे बच्चे का आकार बढ़ता है वैसेर वैसे गर्भाशय का आकार भी बढ़ता रहता है।
शरीर की क्रियाओं पर पड़ता है प्रभाव
प्रेगनेंसी से पहले शरीर की सभी क्रियाएं सामान्य रूप से काम करती है लेकिन गर्भधारण के तुरंत बाद महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। जिसके कारण शरीर की क्रियाएं प्रभावित हो जाती है। जिसकी वजह से पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है, इम्युनिटी कमजोर पड़ जाती है, ब्लड फ्लो में समस्या आ सकती है, आदि।
स्तन में चलती है दूध बनने की प्रक्रिया
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के स्तनों का आकार बढ़ जाता है और इसका कारण स्तनों के अंदर शुरू हुई दूध बनने की प्रक्रिया होती है। दूध बनने की प्रक्रिया की शुरुआत के साथ ही स्तन के ऊतकों में फैलाव होना शुरू हो जाता है।
मांसपेशियों में आ जाता है ढीलापन
प्रेगनेंसी के दौरान जैसे जैसे शरीर का आकर बदलता है वैसे वैसे मांसपेशियों में भी ढीलापन आ जाता है। और जैसे जैसे डिलीवरी के बाद महिला फिट होती है वैसे वैसे मांसपेशियां अपने सही आकार में आती रहती है।
ब्लड फ्लो में हो सकती है समस्या
महिला के पेट का आकार बढ़ने के कारण महिला के पेट से पैरों तक ब्लड फ्लो में भी रूकावट आ जाती है। लेकिन यदि महिला सही पोजीशन में सोती है, वाक करती है तो महिला को इस परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है।
तो यह हैं कुछ बदलाव जो आंतरिक रूप से प्रेग्नेंट महिला के अंदर होते हैं। तो यदि आप भी माँ बनने वाली है तो आपको यह सभी बदलाव बाहरी रूप से जरूर महसूस होंगे। लेकिन आंतरिक रूप से भी आपके अंदर बदलाव लगातार होते रहते हैं।