डिलीवरी के डर को कैसे दूर करें

प्रेगनेंसी के नौ महीने महिला बहुत सी परेशानियों का सामना करने के बाद भी बहुत ख़ुशी से निकाल लेती है। लेकिन जैसे जैसे डिलीवरी का समय पास आता है वैसे वैसे महिला के मन में डर, घबराहट, तनाव आदि महसूस होने लगता है खासकर जो महिलाएं पहली बार माँ बनती है उन्हें ज्यादा दिक्कत होती है।

और इसका कारण होता है महिला के मन में चल रहे अलग अलग सवाल जैसे की महिला की डिलीवरी कैसे होगी नोर्मल होगी या सिजेरियन होगी, प्रसव होने वाला है इस बारे में महिला को कैसे पता चलेगा, दर्द ज्यादा तो नहीं होगा, बच्चे को कोई नुकसान तो नहीं होगा, टाँके लगने का डर भी महिला को होता है, आदि।

लेकिन यदि महिला यह सब सोच सोच कर डरती है, परेशान होती है, तनाव लेती है तो इसके कारण महिला की मुश्किलें कम होने की जगह बढ़ जाती है। ऐसे में महिला को डिलीवरी के समय कोई दिक्कत न हो इसके लिए अपने दिल और दिमाग से डिलीवरी को लेकर होने वाले डर को कम करना चाहिए। और डिलीवरी के डर को महिला को कैसे कम करना चाहिए आइये जानते हैं।

प्रसव की जानकारी इक्कठा करें

डिलीवरी को लेकर मन में होने वाले डर को कम करने के लिए महिला को सबसे पहले प्रसव की जानकारी इक्कठी करनी चाहिए। जैसे की प्रसव के क्या लक्षण होते हैं, प्रसव होने में कितना समय लगता है, डिलीवरी के दौरान आने वाली परेशानियों से बचने के लिए क्या करें, आदि।

यदि आप इन सभी बातों की सही जानकारी इक्कठी करती है तो इससे डिलीवरी को लेकर मन में होने वाले डर को कम करने में मदद मिलती है। महिला प्रसव से जुडी जानकारी के लिए किताबों, इंटरनेट, घर के बढ़े बुजुर्गों का सहारा ले सकती है।

नेगेटिव बातों पर ध्यान नहीं दें

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बहुत सी दूसरी महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी के एक्सपीरियंस शेयर करती है। कुछ अच्छे होते हैं और कुछ बुरे, लेकिन जो प्रेग्नेंट महिला के दिमाग पर जल्दी असर करते हैं वो बुरे ही होते हैं। और उन्ही बातों को सुनकर डिलीवरी को लेकर महिला के मन में डर बढ़ता है।

ऐसे में इस बात का ध्यान रखें की ऐसा जरुरी नहीं है की जैसा उनके साथ हुआ आपके साथ भी वैसा ही हो। और यही नेगेटिव बातें आपके मन में डर को बढ़ाती है ऐसे में डिलीवरी को लेकर होने वाले डर को कम करने के लिए आपको इन नेगेटिव बातों के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचना चाहिए।

अकेली न रहें

आपने यह तो सुना होगा की खाली दिमाग शैतान का घर होता है, और अकेले रहने से दिमाग में अच्छे विचार कम और बुरे ज्यादा आते हैं। ऐसे में डिलीवरी के डर को कम करने के लिए महिला को बिल्कुल भी अकेले नहीं रहना चाहिए। साथ ही आप परिवार के साथ रहेंगी तो आपको भी अच्छा लगेगा और डिलीवरी के लक्षण महसूस होने पर आपको जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुँचने में भी मदद मिलेगी।

बच्चे को लेकर न डरें

डिलीवरी के समय पास आने पर अधिकतर महिलाएं इस बात को लेकर डरती है तो की कहीं उनके बच्चे को तो कुछ नहीं होगा? यदि आप भी ऐसा सोच रही है तो आप इस बात को अपने दिमाग से निकाल दें, क्योंकि आपके गर्भ में जिस तरह बच्चा सुरक्षित है वैसे ही डिलीवरी के बाद भी शिशु को कोई परेशानी नहीं होगी यदि आप अपना अच्छे से ध्यान रखेंगी।

कोई भी असहज लक्षण के महसूस होने पर डॉक्टर से बात करें

डिलीवरी के डर को को कम करने के लिए डिलीवरी का समय पास आने पर यदि बॉडी में कोई भी असहज लक्षण महसूस हो तो आप तुरंत डॉक्टर से बात करें। इससे आपको हर परेशानी से बचे रहने में मदद मिलेगी।

तो यह हैं कुछ टिप्स जिनका ध्यान रखने से महिला के डिलीवरी को लेकर डर को कम करने में मदद मिलती है। यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं और आपकी डिलीवरी होने वाली है तो इन सभी बातों का ध्यान रखें, और इस बात को मन में बिल्कुल नहीं आने दें की आपकी डिलीवरी में कोई समस्या होगी। साथ ही डिलीवरी आपके अनुसार नहीं होगी इसीलिए इसके बारे में सोच सोच कर अपनी परेशानियों को बिल्कुल भी न बढ़ाएं।

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