प्रेगनेंसी बेशक महिला के लिए उत्साह से भरपूर समय होता है। लेकिन इस दौरान महिला को बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव, शारीरिक बदलाव के कारण बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। जैसे की जोड़ो में दर्द, पेट व् पीठ में दर्द, भूख में कमी, भूख का जरुरत से ज्यादा लगना, उल्टियां व् जी मिचलाना, चक्कर, कमजोरी, थकान जैसी परेशानियां होना, स्तनों में दर्द होना आदि। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के दौरान ब्रेस्ट पेन के बारे में बताने जा रहें हैं। जिससे प्रेगनेंसी के दौरान अधिकतर महिलाएं परेशान होते हैं।
प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट पेन होने के कारण
स्तनों में दर्द, भारीपन, कड़ापन, स्तन का संवदेनशील होना प्रेगनेंसी के दौरान आम बात होती है। और इस परेशानी के होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे की:
हार्मोनल बदलाव
प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में हार्मोनल बदलाव होते हैं जिसके कारण एस्ट्रोजन हॉर्मोन व् अन्य हॉर्मोन के स्तर बदलाव होने लगते है। जिसके कारण स्तन में भारीपन व् कड़ापन महसूस होता है। और महिला को ब्रेस्ट में दर्द भी महसूस होता है।
स्तन में दूध बनने की प्रक्रिया
शिशु के गर्भ में आने के बाद से ही महिला के स्तन में शिशु के लिए दूध बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। जिसके कारण ब्रेस्ट के उत्तकों में फैलाव होने लगता है, कोशिकाएं विकसित होने लगती हैं,दूध बनने लगता है। जिसकी वजह से स्तन भारी होने लगते हैं और महिला को दर्द की समस्या भी हो सकती है।
ब्रेस्ट साइज में बदलाव
प्रेगनेंसी के दौरान जैसे जैसे समय आगे बढ़ता है वैसे वैसे महिला के ब्रेस्ट साइज में भी बदलाव आता है। क्योंकि ब्रेस्ट में दूध बनाने वाली कोशिकाएं विकसित होने लगती है जिसके कारण ब्रेस्ट की स्किन में खिंचाव भी बढ़ने लगता है। ऐसे में स्तन का आकार बढ़ने के कारण भी महिला को ब्रेस्ट पेन की समस्या हो जाती है।
स्तन में गाँठ
प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण स्तन के टिशू भी प्रभावित होते हैं। जिसके कारण एक या दोनों स्तन में छोटे छोटे सिस्ट यानी गाँठ बन जाती है। और इन्ही गांठ के बनने के कारण महिला को ब्रेस्ट पेन हो सकता है।
टाइट ब्रा
गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट साइज बढ़ जाता है इसीलिए महिला को अपने ब्रेस्ट साइज के हिसाब से नई ब्रा खरीदकर पहननी चाहिए। लेकिन यदि महिला पहले वाली ब्रा ही पहनती है और वो महिला को टाइट होती है तो टाइट ब्रा पहनने के कारण भी महिला को ब्रेस्ट पेन की समस्या हो जाती है।
प्रेगनेंसी के दौरान ब्रेस्ट पेन से बचने के उपचार
- कैफीन युक्त आहार का सेवन अधिक करने से बचें।
- पानी का सेवन भरपूर करें।
- ज्यादा ऑयली चीजों का सेवन न करें।
- जरुरत से ज्यादा वजन न बढे इस बात का ध्यान रखें।
- सिकाई करें, मसाज करें।
- अपने साइज की ब्रा का चुनाव करें।
- खान पान का अच्छे से ध्यान रखें।
- व्यायाम करें।
प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट पेन होने पर डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए
वैसे तो प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट पेन होना आम बात होती है लेकिन यदि महिला को कुछ ऐसे लक्षण महसूस हो जो असहनीय या अजीब हो। तो महिला को कोई रिस्क नहीं लेना चाहिए और जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलना चाहिए। तो आइये अब जानते हैं वो लक्षण कौन से हैं जिनके महसूस होने पर महिला को डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए।
- ब्रेस्ट में दर्द के साथ खुजली की समस्या अधिक हो।
- स्तन में दर्द इतना ज्यादा हो रहा हो की आपसे सहन ही न हो।
- स्तन में एक ही जगह दर्द होना और उसी जगह पर दर्द का बढ़ना।
- आपको ऐसा महसूस हो रहा हो की आपके स्तन में गांठ पड़ गई है।
- ब्रेस्ट से आपको सफ़ेद या पीले के अलावा किसी और रंग का पदार्थ निकलता हुआ महसूस हो।
तो यह हैं प्रेगनेंसी के दौरान ब्रेस्ट पेन से जुडी कुछ बातें, जिनका ध्यान गर्भवती महिला को जरूर रखना चाहिए। ताकि माँ व् बच्चे दोनों को किसी भी परेशानी से बचे रहने में मदद मिल सके।
Reasons and Remedies for Breast Pain in Pregnancy