गर्भावस्था के पूरे नौ महीने महिला के लिए उतार चढ़ाव से भरे हुए होते हैं। क्योंकि इस दौरान महिला के शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं, शारीरिक बदलाव होते हैं, भावनात्मक व् मानसिक रूप से महिला बदलाव का अनुभव करती है आदि। साथ ही इस दौरान महिला को बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
लेकिन ऐसा बिल्कुल भी जरुरी नहीं होता है की हर गर्भवती महिला को एक ही जैसी दिक्कतें हो। बल्कि यह महिला के स्वास्थ्य और महिला जिस तरह से प्रेगनेंसी के दौरान अपनी केयर करती है उस पर निर्भर करता है की महिला कितनी फिट रहती है। लेकिन कुछ परेशानियां हर महिला को हो सकती है खासकर जो महिलाएं पहली बार माँ बनती है उन्हें ज्यादा दिक्कत महसूस हो सकती है।
क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में होने वाले बदलाव को समझने में महिला को समय लग सकता है। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी के उन महीनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिस समय महिला को सबसे ज्यादा दिक्कत का अनुभव हो सकता है।
गर्भावस्था का दूसरा और तीसरा महीना
प्रेगनेंसी का दूसरा और तीसरा महीना प्रेगनेंसी का शुरूआती समय होता है। ऐसे में बॉडी में हार्मोनल बदलाव तेजी से हो रहे होते हैं। जिसके कारण महिला की शारीरिक परेशानियां जैसे की उल्टियां, बॉडी पेन, थकावट, भूख में कमी, चक्कर, पेट से जुडी समस्या, बार बार यूरिन आना, आदि बढ़ जाती है।
जिसके कारण महिला को प्रेगनेंसी के दूसरे और तीसरे महीने में ज्यादा दिक्कत होती है। साथ ही इस दौरान गर्भपात का डर भी अधिक होने के कारण महिला को दिक्कत अधिक हो सकती है। लेकिन दूसरी तिमाही की शुरुआत के बाद महिला को थोड़ा आराम मिल जाता है क्योंकि महिला दूसरी तिमाही में महिला की यह दिक्कतें कम हो जाती है।
आठवां और नौवां महीना
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही की शुरुआत से ही गर्भ में बच्चे का विकास तेजी से होता है जिसके कारण पेट बाहर आ जाता है। और महिला का वजन भी आठ से दस किलों तक बढ़ सकता है। इसके अलावा गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण पेट के निचले हिस्से पर दबाव बढ़ जाता है।
जिसकी वजह से महिला को पाचन तंत्र से जुडी समस्या, बार बार यूरिन पास करने की इच्छा जैसी परेशानियां अधिक होने लगती है। साथ ही वजन बढ़ने की वजह से महिला को उठने, बैठने, सोने, लेटने में भी दिक्कत होने लग जाती है। साथ ही डिलीवरी को लेकर मन में डर होने के कारण भी महिला को ज्यादा दिक्कत होती है। इसके अलावा इस दौरान बरती गई थोड़ी सी लापरवाही समय से पहले डिलीवरी का कारण बन सकती है।
तो यह है प्रेगनेंसी का वो समय जिस समय महिला को सबसे ज्यादा दिक्कत हो सकती है। यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए, डरना नहीं चाहिए, खुश रहना चाहिए ताकि प्रेगनेंसी के किसी भी महीने में आपको कोई परेशानी न हो। और आपको व् आपके बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।
Which months of pregnancy are the most difficult