प्रेगनेंसी के नौ महीने जैसे तैसे महिला धीरे धीरे निकाल लेती है लेकिन जैसे ही डिलीवरी का समय पास आने वाला होता है वैसे ही महिला के मन में घबराहट होने लगती है। और इसका कारण मन में चल रहे तरह तरह के सवाल होते हैं जैसे की डिलीवरी नोर्मल होगी या सिजेरियन, बच्चे को तो कोई दिक्कत नहीं होगी, नोर्मल डिलीवरी हुई तो दर्द कितना होगा, डिलीवरी के दौरान कोई परेशानी तो नहीं होगी, आदि।
और अधिकतर गर्भवती महिलाएं यही चाहती है की वो नेचुरल तरीके से बच्चे को जन्म दें, और डिलीवरी के दौरान उन्हें अधिक दर्द का सामना भी नहीं करना पड़े। क्या आप भी प्रेग्नेंट हैं? और आपकी डिलीवरी का समय भी पास आ गया है और आप भी यही चाहती हैं? यदि हाँ, तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे 7 टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे महिला के सामान्य प्रसव के चांस बढ़ाने और प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद मिल सकती है।
सही डॉक्टर का चुनाव
प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही महिला को अपने लिए एक ऐसे डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए जो महिला के स्वास्थ्य की सही जानकारी महिला को दे। और महिला को भी प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही अपना टीकाकरण, अपनी जांच सभी समय से करवानी चाहिए। साथ ही महिला को प्रेगनेंसी के पूरे समय किसी भी तरह की परेशानी हो तो उसका साथ ही साथ इलाज करवाना चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला जितना स्वस्थ रहती है, बच्चा जितना स्वस्थ रहता है उतना ही डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिलती है।
डिलीवरी से जुडी जानकारी को इक्कठा करें
यदि हमे किसी भी चीज के बारे में थोड़ी भी जानकारी होती है तो हमे उसे समझने में आसानी हो जाती है। वैसे ही यदि प्रेग्नेंट महिला बच्चे के जन्म से पहले प्रसव से जुडी जानकारी को इक्कठा कर लेती है। जैसे की नोर्मल डिलीवरी के लिए क्या खाना पीना चाहिए, प्रसव का समय होने पर शरीर में कैसे लक्षण महसूस होंगे, किस तरह डिलीवरी पेन को कम करने में मदद मिलती है, सामान्य प्रसव के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है, आदि। तो इससे महिला के नेचुरल डिलीवरी होने के चांस बढ़ाने के साथ डिलीवरी पेन को भी कम करने में मदद मिलती है।
शरीर में खून की कमी न होने दें
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में खून की कमी का होना नोर्मल डिलीवरी के दौरान आने वाली परेशानियों को बढ़ाने के साथ नोर्मल डिलीवरी होने के चांस को भी कम करता है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को पूरी प्रेगनेंसी के दौरान आयरन से भरपूर आहार जैसे सेब, अनार, गाजर, चुकंदर, पालक, संतरा, आदि का सेवन करना चाहिए। ताकि महिला के शरीर में खून की कमी न हो जिससे महिला के सामान्य प्रसव के चांस बढ़ाने के साथ खून की कमी के कारण प्रसव के समय आने वाली परेशानियों को भी दूर करने में मदद मिल सके।
सुनी सुनाई के कारण न हो परेशान
डिलीवरी का समय पास आने पर यदि कोई आपसे अपने नेगेटिव एक्सपीरियंस को शेयर करता है तो आपको उन बातों को लेकर परेशान नहीं होना है। क्योंकि हर महिला का एक्सपीरियंस अलग होता है वैसे ही आपका भी अलग एक्सपीरियंस होगा। यदि आप डिलीवरी का समय पास आने पर नकारात्मक बातों से दूर रहती है और पॉजिटिव रहती है तो इससे भी आपकी डिलीवरी नोर्मल होने के चांस बढ़ते हैं।
शरीर के निचले हिस्से की मालिश
नौवें महीने की शुरुआत से ही पेट के निचले हिस्से की मालिश करें। ध्यान रखें की ज्यादा तेजी न करें, मालिश करने से पेल्विक एरिया की मांसपशियों को आराम मिलता है साथ ही इससे प्रसव को आसान बनाने और प्रसव पीड़ा को कम करने में भी मदद मिलती है।
वजन
नोर्मल डिलीवरी के लिए बहुत जरुरी है की महिला का वजन नियंत्रित हो। क्योंकि यदि महिला का वजन ज्यादा होता है या कम होता है। तो दोनों ही केस में नोर्मल डिलीवरी के चांस कम होते हैं और डिलीवरी में कॉम्प्लीकेशन्स ज्यादा होती है। ऐसे में नोर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ाने और दर्द को कम करने के लिए महिला को प्रेगनेंसी के दौरान अपने वजन को सही रखना चाहिए।
व्यायाम
थोड़ा बहुत व्यायाम भी गर्भावस्था के दौरान जरुरी होता है क्योंकि ऐसा करने से शरीर में ब्लड फ्लो अच्छे से होता है, मांसपेशियों को आराम मिलता है, महिला एक्टिव रहती है, तनाव दूर होता है, पाचन तंत्र दुरुस्त रहता हैं, प्रेगनेंसी में आने वाली परेशानियों को कम करने में मदद मिलती है, आदि। जिससे प्रेग्नेंट महिला स्वस्थ रहती है और जितना प्रेग्नेंट महिला स्वस्थ रहती है उतना ही सामान्य प्रसव होने के चांस बढ़ते हैं और प्रसव के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
तो यह हैं वो टिप्स जिनसे महिला के नोर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ाने और प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान रखती है, टेंशन नहीं लेती है, खुश रहती है, गर्भ में शिशु को कोई दिक्कत नहीं होती है तो उन महिलाओं का प्रसव सामान्य रूप से होने के चांस बढ़ भी जाते हैं। तो यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आप भी इन बातों का ध्यान रखें ताकि आपकी डिलीवरी को भी आसान बनाने में मदद मिल सके।
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