जन्म के बाद शिशु की केयर करना महिला के लिए कई बार बहुत परेशानी भरा अनुभव होता है खासकर महिला जब पहली बार माँ बनती हैं। क्योंकि शिशु को किस समय क्या चीज चाहिए होती है इसके बारे में महिला को समझ नहीं आता है और महिला महिला धीरे धीरे शिशु के लक्षणों को जानना शुरू करती है। और छोटा बच्चा कुछ कह भी नहीं पाता है ऐसे में महिला को बच्चे के शरीर में महसूस होने वाले लक्षणों और हरकतों को देखकर यह जानने में मदद मिलती है की शिशु क्या चाहता है या शिशु को कोई दिक्कत तो नहीं है। आज इस आर्टिकल में हम शिशु द्वारा किये जाने वाले रंग के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे आपको शिशु की सेहत व् स्वास्थ्य के बारे में जानने में मदद मिल सकती है। की आखिर शिशु के मल के रंग में बदलाव होने के क्या कारण हैं।
काले रंग का मल
जब बच्चे का जन्म होता है तो शिशु द्वारा किया जाने वाला पहला मल काले रंग का होता है। इस मल को मेकोनियम कहा जाता है और इसे लेकर घबराने की बिल्कुल बात नहीं होती है। क्योंकि जन्म के बाद शिशु के मल का रंग काला होना आम बात होती है। और ऐसा शिशु दो से तीन दिन तक कर सकते हैं लेकिन यदि उसके बाद भी शिशु काले रंग का मल पास करें तो इसे अनदेखा बिल्कुल नहीं करें क्योंकि ऐसा करना बिल्कुल भी सामान्य नहीं होता है और तुरंत बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएँ।
संतरे के रंग जैसा मल
यदि बच्चा संतरे के जैसा पीला मल करता है तो यह शिशु को पीलिया होने का संकेत होता है। ऐसे में आपको एक बार डॉक्टर से जरूर चेक करवाना चाहिए।
लाल
बच्चे जन्म के बाद यदि लाल रंग का मल पास करें तो ऐसा होने पर आपको एक बार भी अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। क्योंकि यह मल में खून हो सकता है, जो की शिशु को किसी तरह के इन्फेक्शन होने की तरफ संकेत करता है।
हरे रंग का मल
कुछ बच्चे जन्म के बाद हरे से रंग का मल भी पास कर सकते हैं ऐसा होना बिल्कुल सामान्य बात होती है। क्योंकि छह महोने तक बच्चा केवल माँ का दूध पीता है जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और बच्चा हरे रंग का मल पास कर सकते हैं। ज्यादातर वो बच्चे को फार्मूला मिल्क यानी पाउडर वाला दूध पीते हैं वो हरे रंग का मल पास करते हैं।
पीले रंग का मल
जन्म के बाद जब शिशु काले रंग का मल पास करना बंद करते हैं तो उसके बाद बच्चे पीले रंग का मल पास कर सकते हैं। इसमें किसी तरह के घबराने की बात नहीं होती है क्योंकि शिशु का ऐसा करना शिशु के पूरी तरह से स्वस्थ होने की तरफ इशारा करता है।
चटक पीले रंग का मल
यदि आपका बच्चा नोर्मल तरीके से चटक पीले रंग का मल पास कर रहा है तो इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। लेकिन यदि शिशु बार बार और बहुत पतला मल पास कर रहा है तो यह बच्चे को डायरिया होने का लक्षण होता है। ऐसे में बच्चा कितनी बार और कितने समय के बाद मल पास कर रहा है इसके बारे में महिला को अच्छे से जानना चाहिए। ताकि शिशु की सेहत के बारे में सही जानकारी मिल सके।
सफ़ेद
बच्चे का मल यदि सफ़ेद रंग का होता है तो यह शिशु को पेट यानी पाचन सम्बन्धी परेशानी होने के कारण होता है। ऐसे में जरुरी है की आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से जांच जरूर करवानी चाहिए।
ग्रे रंग
यदि आपका बच्चा ग्रे रंग का मल पास करता है तो यह शिशु को लिवर से संबंधित या अन्य शारीरिक सम्बन्धी परेशानी होने का संकेत होता है। ऐसे में आपको डॉक्टर से जांच जरूर करवाना चाहिए।
बच्चा जन्म के बाद दिन में कितनी बार मल पास करता है?
जन्म के बाद कम से कम दो हफ्ते तक बच्चे एक दिन में कम से कम आठ से दस बार मल त्याग कर सकते हैं। और उसके बाद शिशु का मल त्याग करना सिमित होने लगता है और मल पास करने के अंतराल में भी बदलाव आने लगता है।
तो यह हैं जन्म के बाद शिशु के अलग अलग रंग के मल पास करने से जुड़े कुछ टिप्स, यदि आपने भी अभी अभी बच्चे को जन्म दिया है तो आपको भी इन सभी बातों के बारे में पता होना चाहिए। ताकि यदि आपको अपने बच्चे के मल के रंग में कुछ असहज महसूस हो तो आप तुरंत बच्चे का इलाज करवा सके और बच्चे को भी सेहत सम्बन्धी परेशानी से बचे रहने में मदद मिल सके।
Causes of different color of baby’s stool