अधिकतर महिलायें डिलीवरी का समय पास आने पर यही चाहती है की उनकी डिलीवरी नोर्मल हो। क्योंकि ऐसा माना जाता है की नोर्मल डिलीवरी होने पर डिलीवरी के बाद महिला की परेशानियां कम होती है और महिला को जल्दी से जल्दी रिकवर होने में मदद मिलती है। जबकि सच बात यह है की यदि महिला की नोर्मल डिलीवरी तो होती है लेकिन उसमे भी महिला को टाँके लगते हैं।
तो भी महिला को डिलीवरी के बाद थोड़ी अधिक दिक्कत होती है। लेकिन ऐसा भी जरुरी नहीं होता है की हर महिला को नोर्मल डिलीवरी के दौरान टाँके लगते हैं। क्या आप प्रेग्नेंट हैं और चाहती है की आपकी नोर्मल डिलीवरी हो और टाँके भी नहीं लगे तो आइये आज इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे टिप्स के बारे में ही बताने जा रहे हैं।
खान पान का ध्यान
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि महिला के शरीर को नोर्मल डिलीवरी के लिए तैयार होने में मदद मिल सके। जितना महिला का शरीर तैयार होगा, गर्भ में बच्चा स्वस्थ होगा उतना ही डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिलेगी और कट लगने की दिक्कत भी नहीं होगी।
एक्टिव रहे
गर्भावस्था के दौरान महिला का एक्टिव रहना भी इस समस्या से बचने का आसान उपाय होता है। क्योंकि जितना महिला एक्टिव रहती है उतना ही प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स कम होती है। बच्चेदानी का मुँह अच्छे से खुलता है जिससे डिलीवरी के दौरान कट लगने की दिक्कत से बचे रहने में मदद मिलती है।
व्यायाम करें
यदि महिला को प्रेगनेंसी के दौरान किसी तरह की कॉम्प्लीकेशन्स नहीं हैं। तो महिला प्रेगनेंसी के दौरान थोड़ा बहुत व्यायाम कर सकती है बस महिला को इस बात का ध्यान रखना है की व्यायाम करते समय पेट पर किसी भी तरह का दबाव नहीं पड़े। और यदि महिला प्रेगनेंसी के दौरान व्यायाम करती है तो इससे शरीर को प्रसव के लिए तैयार होने में मदद मिलती है। और जब प्रसव के लिए शरीर तैयार होता है तो टाँके लगने के चांस भी कम हो जाते हैं।
प्रसव को उत्तेजित करने वाले आहार लें
डिलीवरी का समय पास आने पर महिला को ऐसी डाइट लेनी चाहिए जिससे महिला की प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने में मदद मिलेगी। जैसे की महिला को पालक, ड्राई फ्रूट्स, घी, लहसुन, खजूर, पालक, आदि का सेवन महिला कर सकती है। क्योंकि जितना अपने आप प्रसव पीड़ा उत्तेजित होगी बच्चेदानी का मुँह खुलेगा। उतना ही महिला को प्रसव के दौरान लगने वाले टांकों की समस्या से बचे रहने में मदद मिलेगी।
बच्चे को नीचे की तरफ करने की कोशिश करें
वैसे तो नौवें महीने में बच्चा धीरे धीरे अपने जन्म लेने की सही पोजीशन में आने लगता है लेकिन कुछ केस में ऐसा नहीं होता है। जिसकी वजह से सिजेरियन डिलीवरी या फिर नोर्मल डिलीवरी में टाँके लगने के चांस अधिक हो जाते हैं। ऐसे में महिला के लिए जरुरी होता है की प्रसव के दौरान टाँके न लगे इसके लिए महिला को नौवें महीने में ऐसे काम करने चाहिए जिससे बच्चे का भार नीचे की तरफ बढ़ें। और इसके लिए लिए महिला वॉक कर सकती है, कीगल व्यायाम कर सकती है, स्क्वाट्स लगा सकती है, आदि।
तो यह हैं कुछ टिप्स जिनका ध्यान रखने से महिला रखने से महिला को प्रसव पीड़ा को उत्तेजित करने में मदद मिलत्ती है साथ ही प्रसव के दौरान लगने वाले टांकों की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।