प्रेगनेंसी के छत्तीस हफ्ते के बाद बच्चे का जन्म होना बिल्कुल सही होता है इस दौरान शिशु का विकास गर्भ में पूरा हो चूका होता है। साथ ही अधिकतर गर्भवती महिलाओं को इस दौरान शरीर में प्रसव के लक्षण महसूस होते हैं जो यह बताते हैं की आपका शिशु जन्म लेने के लिए तैयार है। लेकिन कुछ केस में ऐसा नहीं होता हो और कई बार डिलीवरी डेट भी निकल जाती है।
ऐसे में जरूरी होता है की आप जल्दी से जल्दी डॉक्टर से मिलें क्योंकि डिलीवरी डेट निकल जाने के बाद ज्यादा समय तक गर्भ में शिशु का रहना नुकसानदायक होता है। साथ ही कई बार प्रेग्नेंट महिला नौवें महीने में ऐसी गलतियां करती है जिसकी वजह से डिलीवरी देरी से होती है। तो आइये अब उन गलतियों के बारे में जानते हैं जिनकी वजह से डिलीवरी देरी से होती है।
पहला शिशु
पहली गर्भावस्था के दौरान पेल्विक एरिया की मांसपशियाँ टाइट होती है जिसकी वजह से बच्चे के जन्म में देरी हो सकती है। लेकिन यदि महिला एक्टिव रहती है तो महिला को लेबर पेन शुरू हो सकती है। परन्तु यदि महिला एक्टिव नहीं रहती है तो बच्चे के जन्म में देरी हो सकती है।
वजन
जिन गर्भवती महिलाओं का वजन जरुरत से ज्यादा बढ़ जाता है उन महिलाओं की बच्चेदानी का मुँह डिलीवरी का समय पास आने पर भी नहीं खुल पाता है। जिसकी वजह से महिला की डिलीवरी में देरी हो सकती है।
खान पान में लापरवाही
गर्भावस्था के नौवें महीने में यदि प्रेग्नेंट महिला अपने खान पान का अच्छे से ध्यान नहीं रखती है तो महिला की डिलीवरी में समस्या आने के साथ डिलीवरी देरी से भी हो सकती है।
बेड रेस्ट
यदि प्रेग्नेंट महिला बिल्कुल भी एक्टिव नहीं होती है और सारा दिन केवल सोती रहती है लेटी रहती है तो शिशु जन्म लेने की सही पोजीशन में कई बार नहीं आ पाता है। और जब शिशु जन्म लेने की सही पोजीशन में नहीं आता है तो इस वजह से महिला की डिलीवरी में देरी हो सकती है।
स्ट्रैस
जो गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ज्यादा तनाव में रहती हैं उन महिलाओं को भी यह समस्या हो सकती है। इसीलिए प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को खुश रहने की सलाह दी जाती है।
अनुवांशिक कारण
यदि आपको या आपके परिवार में पहले भी ऐसे केस हो चुके हैं की महिला को प्रसव पीड़ा नहीं होती है या शरीर में डिलीवरी के लक्षण कम महसूस होते हैं तो आपके साथ भी ऐसा हो सकता है।
आपकी डिलीवरी डेट गलत कैलकुलेट की गई है
गर्भावस्था के दौरान यदि महिला की डिलीवरी डेट गलत कैलकुलेट की जाती है। तो इस कारण भी महिला को प्रसन पीड़ा देरी से होने का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि गलत डिलीवरी डेट होने के कारण आपको यह समस्या होती है।
तो यह हैं वो गलतियां जो यदि प्रेग्नेंट महिला करती है तो इनकी वजह से डिलीवरी देरी से होती है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को इन गलतियों को करने से बचना चाहिए। ताकि डिलीवरी में न तो कोई समस्या आये और न ही डिलीवरी देरी से हो। इसके अलावा यादो डिलीवरी डेट निकल जाने के बाद भी महिला को बॉडी में प्रसव का कोई लक्षण महसूस नहीं होता है तो महिला को जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए।