गर्भ में शिशु के आने की खबर के साथ ही महिला का अपने शिशु के साथ एक गहरा रिश्ता जुड़ जाता है। उसके बाद प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने महिला उस पल का इंतज़ार करती है जब महिला अपने शिशु को करीब से महसूस कर पाएगी। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान ही ऐसे बहुत से अनुभव होते हैं जब महिला अपने शिशु के अहसास को महसूस कर पाती है। जैसे की शिशु के दिल की धड़कन को सुनकर, शिशु की हलचल को महसूस करके महिला इस अनुभव का अहसास कर सकती है। और अधिकतर महिलाएं शिशु की हलचल को महसूस करने के लिए बहुत उत्सुक भी होती है की कब उनका शिशु किक करेगा। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं की गर्भ में शिशु कब हलचल करना शुरू कर देता है।
कब करता है गर्भ में शिशु हलचल?
गर्भ में शिशु का विकास पूरी तरह से अपनी माँ पर ही निर्भर करता है। और गर्भनाल के माध्यम से शिशु तक शिशु के विकास के लिए सभी जरुरी पोषक तत्व पहुंचाए जाते हैं। ऐसे में जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है वैसे वैसे शिशु गर्भ में घूमने लगता है। और शिशु के घूमने पर जो हलचल होती है उसे महिला महसूस करती है। और यह हलचल प्रेगनेंसी के चौथे हफ्ते के आखिर तक या पांचवें महीने की शुरुआत में महसूस होने लग जाती है। यानी की प्रेगनेंसी के चौहदवें हफ्ते के बाद महिला को गर्भ में शिशु की हलचल महसूस होने लगती है।
कितनी होती है शिशु की हलचल?
आप चाहे तो दिन भर में शिशु कितनी बार किक करता है इसे गिन सकते हैं। लेकिन शुरुआत में यह हलचल बहुत कम होती है और जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है वैसे वैसे गर्भ में शिशु की हलचल भी बढ़ने लगती है। यदि आपको गर्भ में शिशु की हलचल कम महसूस होती है तो यह इस बात की और भी इशारा करता है की गर्भ में शिशु के विकास में कमी है।
क्या शिशु बाहर की चीजों पर प्रतिक्रिया देकर हलचल करता है?
जी हाँ, गर्भ में शिशु के अंग विकसित होने के बाद शिशु के अंगों के काम करने की प्रक्रिया का भी विकास होता है। जिसके कारण शिशु की सुनने की क्षमता बढ़ती है। ऐसे में जब तेज आवाज़ होती है, महिला शिशु से बातें करती है, बहुत ज्यादा शांति होती है, तो ऐसे में शिशु ज्यादा हलचल कर सकता है। क्योंकि इसका मतलब होता है की शिशु बाहर क्या हो रहा है उस चीज प्रतिक्रिया दे रहा है और इस दौरान शिशु और भी ज्यादा तेजी से हलचल कर सकता है। जिसके कारण महिला को हल्का पेट में दर्द भी महसूस हो सकता है।
शिशु की हलचल न होने पर क्या करें?
ऐसा नहीं है की गर्भ में शिशु पूरा दिन हलचल करें या फिर यदि आप काम में व्यस्त हैं तो हो सकता है की आपको शिशु की हलचल में कमी महसूस हो। ऐसे में आप थोड़ी देर आराम से लेट जाएँ या पानी पीएं ऐसा करने के बाद आपको शिशु की हलचल महसूस होगी। लेकिन उसके बाद भी यदि आपको शिशु की हलचल महसूस नहीं होती है तो यह परेशानी का कारण होता है। क्योंकि गर्भ में शिशु के हलचल न करने का मतलब होता है की गर्भ में शिशु को रिस्क है। ऐसे में आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए।
तो यह है गर्भ में शिशु के हलचल करने से जुड़े टिप्स, यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी यह सभी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान रखें ताकि आपको और आपके शिशु को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।
Baby kick in pregnancy