माँ के पेट में बच्चा ऐसी बहुत सी हरकतें करता है जिन्हे महिला देख नहीं पाती है लेकिन कुछ हरकतों को महसूस कर सकती है। जैसे की गर्भ में शिशु का अगड़ाई लेना, सिर घूमाना, अंगूठा चूसना, हिचकियाँ लेना, रोना, हंसना, आदि को महिला देख नहीं पाती है। लेकिन शिशु का किक मारना महिला महसूस कर सकती है और यह अनुभव महिला के लिए प्रेगनेंसी का सबसे बेहतरीन अनुभव होता है। जब शिशु गर्भ में घूमता हुआ अपने हाथ पैर चलाता है तो महिला को शिशु की हलचल का अनुभव होता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में जानते हैं की शिशु गर्भ में कितने महीने में घूमने लगता है उसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
गर्भ में शिशु कब घूमने लगता है
माँ के पेट में शिशु का विकास दिन प्रतिदिन बढ़ता है और शिशु का विकास पूरी तरह से माँ पर ही निर्भर करता है। क्योंकि जितना बेहतरीन महिला आहार लेती है उतने पोषक तत्व शिशु को मिलते हैं और शिशु का विकास बढ़ता है, जितना महिला खुश रहती हैं उतना शिशु गर्भ में एक्टिव रहता है, आदि। और जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है वैसे वैसे गर्भ में अपने होने का अहसास अपनी माँ को करवाता भी है।
शिशु का यह अहसास गर्भ में शिशु द्वारा मारी जाने वाली किक द्वारा अनुभव किया जाता है। गर्भ में शिशु सोहलवें, सत्रहवें, हफ्ते में या उसके बाद किक मारना शुरू कर देता है। शुरुआत में आपको शिशु के घूमने का अहसास कम हो सकता है लेकिन जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है वैसे वैसे ज्यादा समय के लिए आपको शिशु की हलचल का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा यदि गर्भ में शिशु के विकास में कमी होती है तो भी गर्भ में शिशु की हलचल कम महसूस हो सकती है।
तो यह है शिशु गर्भ में कब घूमना शुरू करता है उससे जुडी जानकारी, यदि आप भी माँ बनने वाली है तो आपको भी यह पता होना चाहिए। क्योंकि जितनी ज्यादा प्रेगनेंसी की जानकारी होती है उतना ही महिला को प्रेगनेंसी को समझने और आसान बनाने में मदद मिलती है।
Baby movement during pregnancy